नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) क्या हैं और इसके कारण, लक्षण और उचार

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इस आर्टिकल के जरिये बता रहें हैं कि, नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) क्या हैं और इसके कारण, लक्षण और उचार क्या हैं? अपने पार्टनर से सेक्स के दौरान अगर आप चाहते हैं कि, आप लिंग में तनाव आएँ या फिर तनाव आता भी हैं तो उतना आता हैं जिससे कि आप अच्छे से इंटरकोष नहीं हो पाता हैं, उसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) कहते हैं। यह एक सामान्य समस्या हैं और प्रत्येक 3 लोग में से 1 लोग में यह समस्या जरूर देखने को मिलता हैं।

नपुंसकता 30-40 बढ़ते उम्र के साथ भी यह होने लगता हैं और इसके अलावे कई बड़े कारण हैं। कुछ जाँच और अपने लाइफ-स्टाइल, खानपान में बदलाव करके इस समस्या से छुटकारा पा जा सकता हैं। लेकिन अच्छे उपचार के लिए एक अच्छे एक्सपर्ट डॉक्टर से मिलना जरूरी हैं।

नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) क्या हैं और इसके कारण, लक्षण और उचार

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में कुछ गलतफेमयां

अगर कोई जवान आदमी हैं चाहें वह सादी-सुदा हैं या फिर बिना सादी-सुदा अगर कभी बीते जीवन में मात्र एक-दो बार सेक्स हैं, उस समय अगर लिंग में अच्छे से तनाव नहीं आया या फिर आया भी तो उतना आया जिससे उनका सेक्स क्रिया अच्छे से नहीं हो पाया तो उसे लगने लगा कि उसे नपुंसकता कि समस्या हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं।

ऐसा भी लगता हैं कि, जब कोई यंग उम्र में होता हैं तो पहले उनका लिंग में तनाव जरा-सा कहीं ऐसे अश्लील फोटो या अश्लील बात अपने दोस्त यार से करते थे तो उनके लिंग में तनाव तुरंत आ जाता हैं लेकिन जब उनका समय सादी का होता हैं तो वह ऐसी गलतफैमी में रहता हैं कि अब उनके साथ ऐसा नहीं हो रहा तो उनको लगता हैं कि मेरे अंदर ही कुछ कमी आ गई हैं और वह इस बात से घबराता हैं कि मुझे कहीं नपुंसकता की समस्या तो नहीं हो गया हैं।

कोई इस गलतफैमी में रहते हैं जैसे, जो यंग उम्र में ज्यादा हस्तमैथुन कर लेते हैं और वह लोग एक बार कभी जल्दबाजी में सेक्स में फेल हो जाते हैं तो उसे लगता हैं कि, उसे नामर्दी वाली समस्या हैं या फिर ऐसे किसी रोड साइड नॉन एक्सपीरियंस डॉक्टर या दवाखाने में चले जाते हैं, वहाँ उसे बिना जाँच किये बोल देते हैं की तुम्हारे अंदर गुप्त रोग की समस्या हैं और तुम्हारे नशें खराब हो गया हैं और ऐसे बातों से उनका आत्मविश्वास और कमजोर हो जाता हैं। जब कि इस प्रकार की समस्या के लिए कई प्रकार की जाँचें होती हैं तभी पता चलता हैं कि सच में उनके अंदर किया समस्या हैं।

अगर लोगों को यह भी मानना हैं कि, इरेक्टाइल डिसफंक्शन समस्या 30-40 की उम्र में अक्सर हो जाती हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं। अगर आप स्वस्थ हैं और आपको किसी भी की बीमारी नहीं कोई परेशानी नहीं और अच्छी लाइफस्टाइल जीते हैं तो आप 60-70 उम्र तक भी सेक्स कर सकते हैं।

नोट:- इरेक्टाइल डिसफंक्शन तब मानेगें जब लिंग में तनाव आने की समस्या लगातार 6 महीने तक हो रहा हैं और सेक्स की संख्या 10 में से 7 बार लिंग में तनाव नहीं आता हैं तो तब इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या मानेगें।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में कुछ गलतफेमयां

नपुंसकता के मुख्य कारण (Erectile dysfunction causes in Hindi)

नपुंसकता की समस्या दो कारणों से होता हैं पहला मानसिक और दूसरा शारीरिक। मानसिक समस्या ज्यादातर यंग उम्र में होता हैं और शारीरक समस्या बढ़ते उम्र के साथ होता हैं।

तनाव और डिप्रेशन:-

नपुंसकता की समस्या का एक बड़ा कारण मानसिक रोग माना जाता हैं। अगर आप कोई बात लेकर जैसे:- परिवार या ऑफिस के काम को ज्यादातर समय तनाव और डिप्रेशन में रहते हैं तो इससे भी लिंग में तनाव की कमी होती हैं और जिसके कारण हम सेक्स में फैल हो जाते हैं।

जब कोई आदमी सेक्स के लिए तैयार होता हैं और उसी समय अगर उसके दिमाग में यह डर रहता हैं कि में सेक्स कर पाउँगा की नहीं मतलब सेक्स के प्रति चिंता और तनाव में रहता हैं तो हमारे शरीर में एक केमिकल्स पैदा होता हैं जिसे हम नॉरपेरेफ्रीन कहते हैं। यह केमिकल्स नाइट्रेड ऑक्साइड केमिकल्स लेवल को कम करता हैं और शरीर के अलग-अलग अंगों में ब्लड-फ्लो को कम करता हैं, जिससे होता हैं कि लिंग में तनाव नहीं आता हैं।

इसमें होता हैं कि हमारे अंदर कोई बीमारी नहीं लेकिन हम मानसिक तोर पर स्वस्थ नहीं रहने के कारण यह समस्या हो जाता हैं। ऐसा तब होता हैं जब हम कभी एक या दो बार सेक्स में फैल हो जाते हैं किसी कारणवश तो फिर हमें मानसिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की समस्या होती हैं।

नकारात्मक सोच:-

सेक्स के प्रति नकारात्मक सोच और ओवर थिंकिंग भी एक बड़ा कारण हैं नपुंसकता का। हमारे जीवन में कई ऐसे घटना जिसमें आप अगर कभी एक-दो बार सेक्स किये हैं और उस में फ़ैल हो गए तो दिमाग में कई प्रकार का नकारात्मक विचार चलने लगता हैं कि हमने पिछले समय में ज्यादा हस्तमैथुन में बचपन के गलती के ये सारे समस्या हो गया है जिसके कारण हमारे लिंग में तनाव नहीं आता हैं और उसका नेगेटिविटी बढ़ने लगता हैं।

नये सादी-सुदा आदमी यह समस्या भी नकारात्मक सोच के कारण भी होता हैं। अगर वह सादी के थकान और तनाव के कारण पहले के एक या दो दिन अच्छे से सेक्स नहीं कर पाता हैं तो उनको लगने लगता हैं कि मेरे अंदर ही कमी है या फिर हमारे अंदर गुप्त बीमारी है, उनका यह विचार एक डर में बदल जाता हैं और उनका यह नकारात्मक के कारण उनको लगने लगता हैं कि मुझे नपुंसकता की समस्या हैं।

खून को दौरा (ब्लड फ्लो):-

लिंग में तनाव अच्छे से तब आता हैं जब लिंग में ब्लड फ्लो अच्छे से होता हैं। हमारे शरीर के किसी भी अंग में ब्लड धमनियों के माध्यम से पहुँचता हैं और नशो के माध्यम से बाहर निकलता हैं।

जब कोई आदमी सेक्स के लिए होता हैं तो हमारे शरीर में एक केमिकल्स पैदा होता हैं, जिसे हम नाइट्रेड ऑक्साइड कहते हैं एक दूसरा भी केमिकल्स पैदा होता है जिसे हम cGMP कहते हैं। इन केमिकल्स के शरीर में बढ़ने से लिंग में जो मसल्स होते हैं वह मसल्स स्थिर हो जाती है और जो नशे बंद होती है वह खुल जाती है जिससे खून के धमनियों से ब्लड लिंग में प्रवेश करती हैं और लिंग के खाली जगहों में भर जाती हैं और उसके बाद वह नशें बंद हो जाती हैं, जिससे कारण लिंग में तनाव आती हैं।

कुछ बीमारियाँ:-

कुछ रोग जो 30-40 के उम्र में होते हैं जिसके कारण भी हमारे अंदर इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती हैं, उनमें से जो मुख्य कारण हैं वह हैं मधुमेह। मधुमेह आपके सेक्स पावर और लिंग को बहुत क्षति करता हैं। इसके अलावे इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने कारण हैं दिल का रोग, हाई ब्लड-प्रेशर , कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना, लिवर खराब होना, किडनी और थायरॉइड की बीमारी होना।

धूम्रपान करना:-

अगर आप किसी प्रकार का नशा करता हैं जैसे:- शराब, सिगरेट, गुटखा अन्य यह भी नपुंसकता की समस्या होने का एक कारण हैं।

मोपाटा बढ़ना:-

मोपाटा भी एक बड़ा कारण हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खासकर पेट का मोटापा बड़ा कारण माना जाता हैं।

कुछ दवाइयाँ:-

कई ऐसे दवाइयाँ होती हैं जिनके सेवन से भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती हैं जैसे:- ब्लड-प्रेशर, डिप्रेशन, दर्द, खाँसी और एसिडिटी। लेकिन यह समस्या सभी में नहीं होता, कुछ ही लोगों में यह हो सकती हैं।

हस्तमैथुन:-

अधिक ज्यादा हस्तमैथुन करना, अधिक ज्यादा सेक्स और गलत तरीके से सेक्स करने से भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती हैं।

हार्मोन संबंधित समस्या:-

हमारे शरीर में कई प्रकार के हार्मोन की कमी के कारण भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती हैं जैसे:- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, थायरॉइड हार्मोन, इन्सुलिन हार्मोन, कोर्टिसोल हार्मोन, प्रोलैटिन हार्मोन और एस्ट्रोजन हार्मोन। अगर शरीर में इन हार्मोनों की कमी होती हैं तो लिंग ठीक से खड़ा नहीं होता हैं।

किसी भी प्रकार का चोट:-

किसी भी प्रकार के चोट के कारण भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती हैं चाहें वह गिरने का चोट हो, चाहें वह एक्सीडेंट का चोट हो या फिर खेल-कूद के दौरान बॉल का चोट हो।

गलत लाइफस्टाइल:-

अगर आप अपने लाइफ अधिक ज्यादा ज़िंक फ़ास्ट-फ़ूड, मसालेदार भोजन, बिना समय से खाना-पीना-सोना और अधिक ज्यादा नशे, सिगरेट, शराब और तम्बाकू का सेवन करना।

नपुंसकता के मुख्य कारण

नपुंसकता के लक्षण (Erectile dysfunction symptoms in Hindi)

  • आप चाहते हैं सेक्स के दौरान लिंग खड़ा हो और लिंग खड़ा नहीं होता हैं। अगर यह समस्या कभी-कभी होता हैं तो इसे नपुंसकता नहीं माना जाएँगा और अगर यह समस्या लम्बे समय तक हो रहा हैं तो यह नपुंसकता होने का एक लक्षण हैं।
  • सेक्स करते समय आप सेक्स का आनंद नहीं लें पा रहें हैं और सेक्स करने में चरमसुख की प्राप्ति नहीं होती हैं, ये सारे समस्या नपुंसकता का एक लक्षण माना जाता हैं।
  • सेक्स करने की इच्छा कम हो जाना। यह एक नपुंसकता का एक लक्षण हैं।
  • एमोशनल रोल भी नपुंसकता का एक लक्षण माना जाता हैं जैसे:- सेक्स के प्रति लोग क्या कहेंगें, चिंता और डिप्रेशन।
  • लिंग में तनाव नहीं आना, तनाव लम्बे समय तक बनाएँ नहीं रखना और डिस्चार्ज तुरन्त हो जाना यह भी एक नपुंसकता का लक्षण हैं।

नपुंसकता का इलाज

नपुंसकता का इलाज कई प्रकार से किया जाता हैं, लेकिन नपुंसकता इलाज से पहले यह जानना होता हैं कि नपुंसकता की समस्या किस कारण और कितने दिनों से हुआ हैं, किन्ही में यह समस्या मानसिक होता, किन्ही में यह समस्या किसी बीमारी के कारण होता और किन्ही में यह अति हस्तमैथुन और गलत तरीके से सेक्स करने के कारण होता हैं।

नपुंसकता का इलाज आप कुछ व्यायाम, कसरत और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करके नेचुरल तरीक़े से कर सकते हैं, इसके अलावे नपुंसकता का इलाज आप दवाइयों से किसी सेक्ससोलिस्ट से उपचार करके ठीक हो सकते हैं और ज्यादा समस्या होने पर सर्जरी से भी नपुंसकता का उपचार किया जाता हैं।

लाइफस्टाइल में बदलाव करना:-

  • अल्कोहल पीना बंद करना।
  • स्मोकिंग की लत छोड़ना।
  • रोज एक्सरसाइज, व्यायाम करें, कीगल एक्सरसाइज अच्छा विकल्प हैं।
  • मोपाटा को कम कंट्रोल में रखें, खासकर पेट का मोटापा।
  • रोज 7 से 8 घंटा अच्छी नींद जरूर लें।
  • पोषक-युक्त भोजन और समय पर भोजन जरूर करें।
  • सुबह-सुबह सूर्य का धूप का ग्रहण जरूर करें, जिससे होगा कि आपके बॉडी को विटामिन D मिलेगा जो हमारे बॉडी अन्य फंसंस के बहुत अच्छा होता हैं।

मनोचिकित्सक उपचार:-

ज्यादातर लोगों में नपुंसकता की समस्या मानसिक समस्याओं के कारण होता हैं। मतलब सेक्स के प्रति डर कि अपने पार्टनर के साथ सेक्स कर पायेंगे कि नहीं। ऐसे में रोगी को किसी मनोचिकित्सक से उपचार लेने की जरूरत पड़ती हैं और अपने अंदर जितने भी सेक्स के प्रति नकारात्मक सोच हैं उसे सकारात्मक सोच में बदलना और ज्यादातर समय खुश रहना।

जड़ी-बूटी दवाइयाँ:-

माका रुट, योहिम्बीन, जिन्कगो बिलोबा, मोंडिया व्हाइटी, पेनाक्स जिनसेंग, शिलाजीत, सतावरी और अश्वगंधा।

ध्यान रखें कि इन जड़ी-बूटी दवाइयों का सेवन 20 से 50 वर्ष के बीच के लोग ही इसे सेवन करें और दूसरी बात कि आप किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित न हो जैसे:- शुगर, दिल, हाई ब्लड-प्रेशर, किडनी, लिवर और डिप्रेशन, तनाव से ग्रसित नहीं हो। अच्छी मात्रा और सही विधि के लिए किसी जानकर सेक्सोलिस्ट से जरूर मिलें।

मेडिकल दवाइयाँ:-

इरेक्टाइल डिसफंक्शन में जो सबसे कॉमन दवाइयाँ इस्तेमाल होती हैं वह हैं, सिल्डेनाफिल, तडलाफिल और अवानाफिल। ये दवाइयाँ लिंग में खून के दौरा को बढ़ाने में मदद करता हैं। इन दवाईयों का सेवन से आप डॉक्टर का सलाह जरूर लें क्योकिं इन दवाइयों का बहुत ज्यादा साइड इफ़ेक्ट होता हैं।

वैक्यूम उपकरण:-

यह प्रकार का पंप हैं, जिसे पेनिस पंप भी कहते हैं। यह एक प्रकार ट्यूब जिसे लिंग के ऊपर फिट किया जाता हैं और इसमें एक पंप भी हैं जिसे ट्यूब से लिंग के अंदर हवा भरने में मदद करता हैं। यह पंप आपके लिंग में ब्लड फ्लो को बढ़ा देता हैं, जिससे खड़ा हो जाता हैं उसके बाद इलास्टिक रिंग में लगाया जाता हैं फिर पंप को हटा दिया जाता हैं। सेक्स के बाद रिंग को भी हटा दिया जाता हैं।

सर्जरी करना:-

सर्जरी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार का अंतिम विकल्प होता हैं। इसमें डॉक्टर लिंग में ब्लड फ्लो को बढ़ाने के लिए खून के धमनियों को ठीक करने में ऑप्रेशन करते हैं या फिर सर्जरी के दौरान लिंग में रॉड डालते हैं जिससे लिंग को खड़ा, मोड़ने और फुलाने में मदद करता हैं। ज्यादातर लोग सर्जरी के लिए तैयार नहीं होते हैं।

erectile dysfunction door karne ka natural tarika

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के प्रकार

इरेक्टाइल डिसफंक्शन कई प्रकार के होते हैं, पहला साइकोजेनिक, दूसरा न्यूरोगेनिक, तीसरा वास्कुलोगेनिक, चौथा आईट्रोजेनिक, पाचवां हार्मोनल, छठा ट्रॉमेटिक और सातवां एंडोथेलियाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन।

साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या उन लोगों में ज्यादा पाया जाता हैं जो लोग मेन्टल लेवल से परेशान रहना, उनके दिमाग में किसी बात को लेकर डर, चिंता और घरबराहट रहना या फिर परिवार या काम का प्रेशर। यह समस्या ज्यादा दिनों तक नहीं रहता हैं आप जिस कारण से यह समस्या होता हैं वह समस्या खत्म होते ही साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन ही समस्या खत्म हो जाती हैं। साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन ज्यादातर जवान उम्र के लोगों में पाया जाता हैं।

न्यूरोगेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

न्यूरोगेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह होता हैं जिसमें लिंग में टच फील खत्म हो जाना। जिसमे होता हैं कि पहले तो लिंग में तनाव आता था लेकिन अब लिंग में तनाव आना बंद हो गया हैं।

न्यूरोगेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन में इरेक्शन करने वाली नशें कई कारणों से खराब हो जाती हैं, जिसमें शामिल हैं रीढ़ की हड्डियों में दिक्कत, स्टॉक, मधुमेह, मेमोरी समस्या और लकवा, या फिर ऐसी बीमारी जिसमें नशे ख़राब होती हैं। न्यूरोगेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज थोड़ा कठिन होता हैं।

वास्कुलोगेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

वास्कुलर रोग और एंडीथिलियल रोग हैं जिसके कारण शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों में खून का दौरा अच्छे से नहीं पहुँता हैं। वास्कुलोगेनिक इरेक्टाइल रोग शामिल हैं जैसे:- नशें रोग, धमनी रोग, सदमा और हाई ब्लड-प्रेशर शामिल हैं।

आईट्रोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

आईट्रोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन यह होता जिसमें रेडिकल पेल्विक सर्जरी होता हैं। हमारे शरीर के कैवर्नस तंत्रिका और पेल्विक भाग वापस में जुड़े होते हैं, इन अंगों के किसी प्रकार के नुकसान या फिर किसी भी प्रकार के सर्जरी के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण होता हैं। जैसे:- कैंसर, डिप्रेशन, हाई ब्लड-प्रेशर, पेनाईल फ्रेक्चर अन्य।

हार्मोनल इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

हमारे शरीर में कई प्रकार के हॉर्मोन होता हैं जैसे:- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, थायरॉइड, इस्ट्रोजन, कोटिसॉल, LH, FSH, हमारे शरीर सभी अंग अच्छे से काम करें इसके लिए ये सारे हार्मोन बहुत जरूरी होता हैं। अगर शरीर में ये सारे हार्मोन की किसी कारण कमी हो जाती हैं तो इसके कारण भी हार्मोनल इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता हैं।

ट्रॉमेटिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

ट्रॉमेटिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह ED होता हैं जिसमें लिंग में किसी-भी प्रकार का चोट, फैक्चर, दुर्घटना या गलत तरीके से हस्तमैथुन करके नुकसान पहुँचाया हो और उसके बाद लिंग खड़ा होना बंद कर दिया हो। ट्रॉमेटिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन का भी उपचार संभव हैं इसके लिए आप एक जानकर सेक्ससोलोजिस्ट से मिले जिसे ट्रॉमेटिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन को इलाज करना अच्छे से आता हो।

एंडोथेलियाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन:-

एंडोथेलियाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह होता हैं, जिसमें लिंग के अंदर के भाग ठीक से काम नहीं करता हैं, उस जगह ठीक से ब्लड नहीं पहुँच पा रहा हैं, उसके कारण भी एंडोथेलियाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्या होती हैं। एंडोथेलियाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार एंटीबॉयटिक दवाइयों से ठीक हो सकता हैं।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन इलाज के प्रकार

  1. लॉव इंटेंसिटी शॉक वेव थेरेपी
  2. पी शॉट
  3. पी शॉट प्लस
  4. स्टेम सेल थेरेपी
Type of erectile dysfunction in hindi

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में क्या खाएँ और क्या नहीं खाएँ (Erectile dysfunction foods in Hindi)

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करने के लिए हमें उन चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए, जिन चीजों में नाइट्रेड ऑक्साइड और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा पायी जाती हैं जैसे:-

  • तरबूज
  • पालक
  • चुक्कंदर
  • कद्दू के बीज
  • डार्क चॉकलेट
  • नट्स (बादाम, पिस्ता, मूँगफली, काजू और अखरोट)
  • खजूर
  • गाजर
  • लहसून
  • कॉफी
  • सूर्यमुखी के बीज
  • तिल
  • फैटी फिश
  • कस्तूरी (Oyster)
  • टर्की मीट

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से बचने के लिये क्या नहीं खाएँ जैसे:-

  1. शराब
  2. सफेद चीनी
  3. सोयाबीन
  4. सैचुरेटेड फ़ूड (समोसे, पूड़ी-कचौड़ी और तला वसायुक्त भोजन)
  5. रिफाइंड कार्बोहायड्रेट (ब्रेड, बिस्कुट, टॉस, पेटिस, पिज़ा, बर्गर और नूडल्स)
  6. कोल्ड ड्रिंक (स्पाईट, कोका-कोला, थम्प-अप और सोडा वाटर)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में क्या खाएँ और क्या नहीं खाएँ

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए योग (Erectile dysfunction yoga in Hindi)

कुछ ऐसे योगासन भी जिन्हें करने से आप रोज सुबह खाली पेट कम-से-कम 5 राउंड करने से नपुंसकता की समस्या को दूर कर सकते हैं जैसे:-

  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का पहला आसन हैं, गौमुखासन। जिन लोगों को घुटनों में समस्या हैं वह लोग इस आसन को नहीं करें।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का दूसरा आसन हैं, जानुशीर्षासन।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का तीसरा आसन हैं, मलासन। यह आसन इरेक्टाइल डिसफंक्शन दूर करने के अलावे पेट की समस्या कब्ज, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्या में भी लाभ देती हैं।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का चौथा आसन हैं, पश्चिमोत्तानासन।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का पाचवां आसन हैं, उभय पादांगुष्ठासन।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का छठा आसन हैं, सुप्त वज्रासन।
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का सातवां आसन हैं, पद्मासन।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए एक्सरसाइज

  1. इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का पहला एक्सरसाइज कीगल एक्सरसाइज। यह एक्सरसाइज हमारे पेल्विक मसल्स को मजबूत करता हैं जिससे प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो को बढ़ाता हैं, जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करता हैं।
  2. इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का दूसरा एक्सरसाइज धानुर आसन।
  3. इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने का तीसरा एक्सरसाइज लेग रेग।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन दूर कैसे करें?

FAQ. (इरेक्टाइल डिसफंक्शन से संबंधित सवाल और जबाब)

Q. नामर्दी दूर करने के लिए क्या खाएँ?

Ans:- कुछ ऐसे चीज जिसमें नाइट्रेड ऑक्साइड होता हैं, उन चीजों के सेवन करने से नामर्दी की समस्या दूर होती हैं जैसे:- डार्क चॉकलेट, पालक, तरबूज, चुक्कंदर, नट्स, कद्दू, सूर्यमुखी और तिल के बीज, खजूर, गाजर, लहसून, फैटी फिश, ऑयस्टर और टर्की मीट।

Q. नपुसंक का मतलब क्या हैं?

Ans:- नपुसंक का मतलब होता हैं कि, जब हम अपने पार्टनर या फिर वाइफ के साथ सेक्स के दौरान लिंग में बिल्कुल तनाव नहीं आना या फिर सेक्स करने की इच्छा बिल्कुल ही खत्म हो जाना।

Q. क्या नपुंसकता ठीक हो जाती हैं?

Ans:- नपुंसकता की समस्या बिल्कुल ठीक हो सकती हैं, लेकिन इसमें परोपर इलाज की जरूरत पड़ती हैं। नपुंसकता की बीमारी एक क्रॉनिक डिजीज की श्रेणी में आते हैं, इसमें दो दिन दवाई खाने से ठीक होती हैं इसमें किसी एंड्रोलॉजिस्ट से जाँच के आधार में उपचार किया हैं क्योंकि इसके बारे गलत जानकारी चारों तरफ फैली हैं।

Q. इरेक्टाइल डिसफंक्शन कैसे होता हैं?

Ans:- इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता हैं, अगर आप किसी प्रकार के मानसिक समस्या से जूझ रहें हैं या फिर अधिक ज्यादा गलत तरीके से हस्तमैथुन करने से भी होता हैं और अगर आप किसी पुरानी बीमारी जैसे लिवर, किडनी, शुगर और हाई ब्लड-प्रेशर की समस्या हैं तो उसके कारण भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती हैं। अधिक ज्यादा शराब पीने से भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती हैं।

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