सूर्य नमस्कार कैसे करें | सूर्य नमस्कार के 18 फायदे

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आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये बता रहें हैं कि, सूर्य नमस्कार क्या हैं और सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका क्या हैं। (How to do Surya Namaskar step by step in Hindi) सूर्य नमस्कार के फायदे और नुकसान। सूर्य नमस्कार कब और कितनी बार करनी चाहिए। (Benefits of Surya Namaskar in Hindi) सूर्य नमस्कार के आसनों और मंत्रो के नाम।

सूर्य नमस्कार क्या हैं?

सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योग क्रिया हैं। सूर्य नमस्कार एक मात्र ऐसा योग हैं, जिससे पुरे शरीर की कसरत हो जाती हैं। जिस प्रकार सूर्य हमें ऊर्जा देती हैं, उसी प्रकार सूर्य नमस्कार भी हमारे शरीर के तन, मन और धन को ऊर्जामान बनाता हैं। अगर सूर्य नमस्कार सही तरीके से किया जाएँ तो, इसके कई स्वास्थ लाभ हैं। सूर्य नमस्कार के नियमित सेवन से आप हमेशा रोग-मुक्त और ऊर्जावान रहेगें। सभी आसनों में सूर्य नमस्कार सर्वश्रेठ माना जाता हैं। सूर्य नमस्कार की विशेषता कभी कम नहीं हुई बल्कि कभी कम नहीं हुई।

सूर्य नमस्कार को 12 स्टेप में मंत्र के साथ किया जाता हैं। सूर्य नमस्कार के 1 राउण्ड में 12 आसन होता हैं और प्रत्येक राउण्ड को 12 बार किया जाता हैं। सूर्य नमस्कार के प्रत्येक स्टेप का अलग-अलग नाम हैं। सूर्य नमस्कार जिस स्टेप से शुरू होता हैं, उसी स्टेप के साथ ख़त्म भी होता हैं। सूर्य नमस्कार किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं।

शास्त्र के अनुसार कहा जाता हैं कि सूर्य नमस्कार के सभी आसान सूर्य देवता को समर्पित होता हैं। कहा यह भी जाता हैं कि, सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप दिन के 12 घंटे और रात के 12 घंटे को दर्शाता हैं। सूर्य नमस्कार हमेशा सुबह सूर्य उदय के समय सूर्य की और मुँह करके करना चाहिए।

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सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका

Table of Contents

आसान1:- सूर्य नमस्कार के पहले स्टेप में हमें दोनों पैरों को सटाकर थोड़ी पेल्विक मसल्स को ऊपर की और खींचते हुए, पूरी तरह सीधा खड़े होते हैं। अगर दोनों पैरों को सटाकर रखने में कोई परेशानी होती हैं तो आप दोनों पैरों के बीच में थोड़ी-सी अन्तर रख सकते हैं। उसके बाद दोनों हाथों को थोड़ी-सी फैलाते हुए, दिलों के बीच हाथ जोड़कर खड़े हो जाना हैं। पहले स्टेप में इतने तक की प्रकिया होती हैं। इस स्टेप को प्रणामासन योग कहते हैं।

आसान 2:- सूर्य नमस्कार के दूसरे स्टेप में जब आप नमस्ते की स्थिति में होते हैं, उसके बाद दोनों हाथों को आगें की और फैलाते हुए, जब हाथ कंधों के बराबर हो तब दोनों हाथों की उँगलियाँ खुली होनी चाहिए। उसके बाद साँस भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर से पीछे झुकते हुए पीछे ले जाना हैं। ध्यान रखें कि पीछे झुकते समय घुटनों को नहीं मुड़ना हैं। सिर्फ पीठ के बीच और ऊपर वालों हिस्सों को मुड़ना हैं। पीछे आप जितना झुक सकते हैं उतना ही झुके। इस स्टेप को हस्त उत्तानासन योग कहते हैं।

आसान 3:- सूर्य नमस्कार के तीसरे स्टेप में जब आप दूसरे स्टेप में पीछे झुकते हैं, उसके बाद उसी स्थिति में साँस छोड़ते हुए आगे की और झुकना हैं, ध्यान रखें कि जब आप आगे की और झुक रहें हैं तो आपको कमर को मोड़ते हुए आगे झुकना हैं। आपके कमर के बराबर पीठ, कंधा और हाथ सीधा रहेगा। इसके अलावें घुटना और जाँच को भी बिल्कुल सीधा रखना हैं। जब आप आगे झुक जाते हैं तो दोनों हाथों को जमीन पर रखना हैं जैसे कि दोनों हाथों की अंगूठा पैर की छोटी अंगलियों से टच और सिर को झुकाते हुए, सिर को घुटनों में सटाना हैं, यहाँ पर घुटनों को मोड़ना सकते हैं। शुरू-शुरू में सर घुटनों में नहीं टच होता हैं। इस स्टेप को हस्तपादासन योग कहते हैं।

आसान 4:- सूर्य नमस्कार के चौथे स्टेप में जब आप तीसरे स्टेप में सिर झुकाएँ होते हैं, उसके बाद आप साँस भरते हुए दाएँ पैर को पूरा पीछे की और ले जाना हैं और बाएँ पैर को बिल्कुल सीधा रखना हैं, उसके बाद गर्दन ऊपर की उठाना हैं फिर साँस छोड़ते हुए सामने झुकना हैं। इस स्टेप को अश्व संचालनासन योग कहते हैं।

आसान 5:- सूर्य नमस्कार के पांचवा स्टेप में जब आप चौथे स्टेप में साँस छोड़ते हुए सिर नीचे करते हैं, उसके बाद फिर साँस भरते बाएँ पैर को ठीक दाएँ पैर के बगल में ले जाना हैं। उसके बाद कमर और पीठ को सामान्य स्थिति में ऊपर उठाकर रखना हैं और दोनों हाथों को बिल्कुल टाइट और खड़ा रखना हैं। इस स्टेप को दंडासन योग कहते हैं।

आसान 6:- सूर्य नमस्कार के छठवां स्टेप में जब आप दंडासन में होते हैं, उसके बाद साँस भरते हुए दोनों घुटनों को जमीन पर रखना हैं, फिर छाती को दोनों हाथों के बीच में जमीन में सटाना हैं और उसके बाद दाढ़ी को जमीन पर सटाना हैं और आपका हिप थोड़ा ऊपर उठा रहेगा। यहाँ पर साँस छोड़ देना हैं। इस स्टेप को अष्टांग नमस्कार योग कहते हैं।

आसान 7:- सूर्य नमस्कार के सातवां स्टेप में होते हैं, उसके बाद नया साँस भरते हुए आगे खिसकते हुए पैर के पंजो को लंबा करते हुए, गर्दन को ऊपर की और उठाना हैं, ध्यान रखें कि गर्दन को ज्यादा ऊपर नहीं उठाना हैं, फिर साँस छोड़ना हैं। इस स्टेप को भुजंगासन योग कहते हैं।

आसान 8:- सूर्य नमस्कार के आठवां स्टेप में, जब आप भुजंगासन में गर्दन ऊपर उठाएँ होते हैं, उसके बाद घुटनों को जमीन में रखते हुए, दोनों हाथ और पैर के माध्यम से शरीर को ऊपर की और उठाते हुए अपने हिप को पहाड़ की तरह ऊपर की और उठाना हैं और पैर के पंजों को देखने का कोशिश करना। इस स्टेप को अधोमुख श्वानासन योग कहते हैं।

आसान 9:- सूर्य नमस्कार के नवें स्टेप में, जब आप हिप को ऊपर उठाएँ पर्वतासन में होते हैं, उसके साँस भरते हुए जिस पैर को पीछे की और ले गए थे उसी पैर को फिर सामने की और लाना हैं, बिल्कुल 90 डिग्री पर रखना हैं, पीछे वाला पैर बिल्कुल सीधा रहेगा। फिर पीछे की झुकना हैं। इस स्टेप को अश्व संचालनासन योग कहते हैं।

आसान 10:- सूर्य नमस्कार के दशवें स्टेप में, जब आप नवें स्टेप में सर को ऊपर उठाएँ रखते हैं, उसके बाद सांस छोड़ते हुए दूसरे पैर को भी सामने ले जाना हैं और हाथ को जमीन में रखना हैं, उसके बाद सिर को नीचे की और झुकाकर घुटनों में सटाना हैं, इस स्टेप को हस्तपादासन योग कहते हैं।

आसान 11:- सूर्य नमस्कार के ग्यारहवें स्टेप में, जब आप सिर झुकाएँ हस्तपादासन की स्थिति में होते हैं, उसके बाद साँस भरते हुए दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए पीछे की और जितना हो सके झुकना हैं, इस स्टेप को हस्त उत्तानासन योग कहते हैं।

आसान 12:- सूर्य नमस्कार के बारहवें स्टेप में, जब आप सिर पीछे की और झुकाएँ रखते हैं। उसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की झुकते हुए दोनों हाथ जोड़ते नमस्कार की स्थिति में आ जाना हैं, इसके बाद दोनों हाथों को नीचे की और लाना हैं, इस स्टेप को ताड़ासन योग कहते हैं। इस स्टेप के साथ ही सूर्य नमस्कार एक बार पूरा हो जाता हैं। (सूर्य नमस्कार वीडियो)

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सूर्य नमस्कार के फायदे (Benefits of Surya Namaskar in Hindi)

  1. वजन कम करने में मदद:-

सूर्य नमस्कार एक मात्र ऐसा योगासन हैं, जिससे पुरे शरीर का टूनिंग हो जाता हैं। सूर्य नमस्कार सामान्य से तेजी करने पर यह वर्कआउट का काम करता हैं जिससे, वजन कम करने में काफी मदद मिलता हैं। सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर का कैलरीज तेजी से कम करने में मदद करता हैं, जिससे शरीर का वजन कम करने में मदद करता हैं। सूर्य नमस्कार जिम का भी काम करता हैं, अगर आप वजन कम करने के लिए जिम करते हैं तो उसके जगह में आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करते हैं तो उससे आपका वजन कम करने में काफी मदद करता हैं। सूर्य नमस्कार पेट की बड़े चर्बी को कम करने में मदद करता हैं, जिसके कारण भी वजन कम करने में मदद करता हैं।

2. पाचन-तंत्र में सुधार:-

सूर्य नमस्कार हमारे पाचन में हुए गड़बड़ी को सुधार करने में काफी मदद करता हैं। सूर्य नमस्कार में कई ऐसे स्टेप होते हैं जो हमारे आंतों को मजबूत करने में काफी मदद करता हैं, जिससे हमारा पाचन-तंत्र बहुत मजबूत होता हैं।

3. त्वचा में निखार:-

सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर में खून का दौरा सही रहता हैं, जिससे हमारे त्वचा में चमक लम्बे समय तक बना रहता हैं। सूर्य नमस्कार त्वचा में चमक के साथ-साथ , झुर्रियां और त्वचा को लम्बे समय तक जवान रखने में मदद करता हैं, इसके लिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार जरूर करें।

4. अनिंद्रा की समस्या दूर करना:-

सूर्य नमस्कार उन सारे समस्याओं को दूर करने में मदद करता हैं, जिसके हमें नींद नहीं आने की समस्या होती हैं। सूर्य नमस्कार हमारे दिमाग को शांत करने और तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता हैं, जिससे रात को अच्छी नींद आती हैं। सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करने से अच्छी नींद के लिए किसी प्रकार का दवाई का सेवन नहीं करनी पड़ती हैं।

5. तनाव और चिंता को दूर करना:-

सूर्य नमस्कार योगासन को नियमित रूप से करने से, ये हमें शारीरिक लाभ के साथ-साथ मानसिक लाभ भी देती हैं। सूर्य नमस्कार ये हमारे शरीर के तनाव और चिंता वाले हार्मोन को सामान्य रखने में मदद करता हैं, जिससे होने वाले तनाव और चिंता की समस्या को दूर करने में मदद करता हैं। सूर्य नमस्कार महिलाओं में होने वाले थायराइड की समस्याओं में काफी लाभ देती हैं।

6. शरीर की सफाई:-

सूर्य नमस्कार योगासन में साँस लेने प्रक्रिया लगातार चलती रहती हैं, जिससे हमारे फेफड़ों को मजबूत और शरीर को जरूरत मात्रा में शृद्ध ऑक्सीजन मिलती हैं। जिससे शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषाणु तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता हैं।

7. बालों को मजबूत बनाएँ:-

सूर्य नमस्कार के आसनों में सिर में खून का दौरा सही से होता हैं, जिससे सिर को स्वस्थ रखने में मदद, बालों का विकास और बालों को झड़ने में मदद करता हैं।

8. महिलाओं में मासिक धर्म में सुधार:-

सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से महिलाओं में हुई मासिक धर्म गड़बड़ी को सुधार करने में मदद करता हैं और मासिक धर्म के समय को ठीक करने में मदद करता हैं। सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करने से महिलाओं को प्रसव के समय होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता हैं।

9. शरीर में खून का दौरा ठीक रखना हैं:-

जैसा कि सूर्य नमस्कार करने से पुरे शरीर का एक्सरसाइज हो जाता हैं, जिससे शरीर में खून का दौरा सही रहता हैं। सूर्य नमस्कार के दौरान साँस लेने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती हैं, जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती हैं और शरीर में रक्त संचार ठीक रहता हैं।

10. ब्लड-शुगर लेवल कम करना:-

सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से शरीर में ब्लड-शुगर लेवल को सामान्य रखने में मदद करता हैं। जिससे दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा कम होता हैं। जिसके कारण हम अच्छी जीवन जीते हैं।

11. सांस नहीं लेने की समस्या:-

सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से साँस नहीं लेने की समस्या में काफी लाभ मिलती हैं। सूर्य नमस्कार योगासन में साँस लेने की लगातार होती हैं, जिसे फेफड़े स्वस्थ और साँस नहीं लेने की समस्या को दूर करती हैं और फेफड़ों को शुद्ध ऑक्सीज़न मिलती हैं।

12. ऊर्जावान बनाएँ रखना:-

अगर आप रोज उगते सूर्य के साथ नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करते हैं तो आप देखेगें कि आप बहुत ऊर्जावान महसूस करते हैं, जिससे आपका पूरा दिन अच्छा जाता हैं और आप किसी काम को अच्छे से कर पाते हैं। दिनभर काम के दौरान थके होने के कारण रातों को नींद भी अच्छी आती हैं।

13. शरीर में लचीलापन:-

सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करने से सूर्य नमस्कार में 12 आसन होने के कारण, इससे पुरे शरीर का व्यायाम हो जाता हैं, जिससे शरीर में लचीलापन और मजबूत बनाने में काफी मदद करता हैं।

14. गैस और एसिडिटी में लाभ:-

सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर के विभिन्न अंगों का व्यायाम अच्छे से हो जाता हैं, जिससे कारण हमारे आंतों की सफाई भी अच्छे से होता हैं। इसके कारण गैस और एसिडिटी की समस्या से भी छुटकारा मिलता हैं।

15. मांसपेशियाँ और जोड़ों को मजबूत बनाना:-

सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में हमारे पुरे शरीर का व्यायाम हो जाता हैं, इसके कई आसन हैं जो हमारे मांसपेशियों और जोड़ों के हड्डियों को मजबूत बनाता हैं और शरीर को लचीलापन बनाता हैं, जिससे शरीर का कार्य क्षमता बढ़ती हैं।

16. दिमाग को तेज बनाना:-

सूर्य नमस्कार करने से शरीर के विभिन्न अंगो का व्यायाम होता हैं, जिससे हमारे मस्तिष्क का पॉवर बढ़ता हैं और मन का एकाग्रता बढ़ता हैं।

17. बच्चों में लाभ:-

सूर्य नमस्कार के बच्चों में भी फायदे हैं जैसे बच्चों के चंचल मन को शांत करता हैं। बच्चों का दिमाग तेज बनाता हैं। जिससे बच्चों को पढ़ने में मन लगता हैं। 5 साल से अधिक बच्चें सूर्य नमस्कार कर सकते हैं।

सूर्य नमस्कार के प्रकार (Types of Surya Namaskar in Hindi)

सूर्य नमस्कार मुख्यत: तीन प्रकार का विकसित किया गया हैं। इन तीनों प्रकार के सूर्य नमस्कार में कुछ-कुछ अंतर होती हैं।

अष्टांग सूर्य नमस्कार:- अष्टांग सूर्य नमस्कार को दो भागों में बाँटा गया हैं, टाइप A और टाइप B। टाइप A में 9 आसन और टाइप B में 17 आसन होते हैं। यह सूर्य ज्यादा प्रचलित नहीं हैं और ये थोड़ा कठिन भी होता हैं।

हठ सूर्य नमस्कार:- हठ सूर्य नमस्कार ज्यादा प्रचलित और करने में भी आसान होता हैं, इसमें कुल 12 आसन होते हैं और प्रत्येक आसन का नाम अलग-अलग और लाभ होता हैं। इस सूर्य नमस्कार में साँस लेने और छोड़ने की भी प्रक्रिया होती हैं। ज्यादातर लोग इसी सूर्य नमस्कार को करते हैं। आपको ऊपर जो सूर्य नमस्कार करने का तरीका बताया गया हैं वह हठ सूर्य नमस्कार ही हैं।

अयंगर सूर्य नमस्कार:- अयंगर सूर्य नमस्कार हठ सूर्य नमस्कार की तरह होता हैं, लेकिन इसमें गति और ऊर्जा का विशेष ध्यान दिया जाता हैं। इस सूर्य नमस्कार में औरों सूर्य नमस्कार की तुलना से तेज गति से किया जाता हैं।

सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियाँ

सूर्य नमस्कार करने से पहले इन नियम का पालन जरूर करें नहीं तो हो सकती हैं कई स्वास्थ संबंधित नुकसान।

  • सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट ही करें?
  • सूर्य नमस्कार करते समय आरामदायक कपड़े पहने।
  • सूर्य नमस्कार करते समय जल्दीबाजी नहीं करें, शुरू में 3-4 राउंड से शुरू करें।
  • सांस लेने और छोड़ने की क्रिया ठीक रखें।
  • सूर्य नमस्कार हमेशा सूर्य उदय के साथ ही करें, अगर सुबह के बीच में या फिर शाम को करते हैं तो ध्यान रखें कि आप सूर्य नमस्कार भोजन करने के 3-4 घंटा बाद या 3-4 घंटा पहले करें।
  • अगर आपके रीड के हड्डियों या घुटनों में दर्द हैं तो आप सूर्य नमस्कार नहीं करें।
  • किसी भी प्रकार के ऑपरेशन के तुरंत बाद भी सूर्य नमस्कार नहीं करें, अच्छे से ठीक होने के बाद ही करें।
  • महिलाएँ मासिक-धर्म के समय और गर्भवती के 3 महीने बाद से सूर्य नमस्कार नहीं करें, अगर करना चाहते हैं तो किसी डॉक्टर की सलाह से करें।
  • अगर शरीर में किसी भी प्रकार का जख्म या इंजरी हैं तो भी आप सूर्य नमस्कार नहीं करें, अगर करते हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं करें।
  • अगर हर्निया की समस्या हैं तो आप सूर्य नमस्कार बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं करें।
  • अगर हाई ब्लड-प्रेशर और स्लिप डिस्क की समस्या हैं तो आप सूर्य नमस्कार करने से बचें, अगर करना चाहते हैं तो किसी योग टीचर के निगरानी में करें।
  • अगर आपको कभी भी दिल का दौरा पड़ा हैं तो भी आप सूर्य नमस्कार नहीं करें, अगर करना चाहते हैं तो किसी योग टीचर के सलाह और निगरानी में करें।
  • अगर किसी महिलाओं का डिलीवरी (प्रसव) हुआ हैं तो आप 45 से 50 दिन बाद ही सूर्य नमस्कार करना शुरू करें।

सूर्य नमस्कार के आसनों से जुड़े मंत्र और लाभ

आसनों के नाम मंत्र लाभ
प्रणामासनॐ मित्राय नमःशरीर के ऊपरी भाग कंधों और जांघो को मजबूत बनाता हैं। आपके हाथ और दिल ऊर्जाचक्र को पूरा करता हैं और मन को शांत रखता हैं।
हस्त उत्तानासनॐ रवये नमःआपके रीढ़ और गर्दन को फैलता हैं और पुरे शरीर को ऊर्जा देकर तनाव और चिंता दूर कर फेफड़ों को मजबूत बनाता हैं।
हस्तपादासनॐ सूर्याय नमःपेट की चर्बी को कम करता हैं और जांघों को मजबूत बनाता हैं। रीढ़ और चूतड़ में खिचाव महसूस होता हैं, इसके साथ पाचन में सुधार और चिंता दूर करता हैं।
अश्व संचालनासनॐ भानेव नमःपेट और पैर के मांसपेशियों को फैलाता और मजबूत बनाता हैं। मानसिक संतुलन भी अच्छा रखता हैं।
दंडासनॐ खगाय नमःरीढ़ की हड्डी के साथ पुरे शरीर को मजबूत बनाता हैं और शरीर के ऊर्जा लेवल और तनाव को दूर करने का काम करता हैं।
अष्टांग नमस्कारॐ पूष्णे नमःचिंता को दूर करना, इसके साथ पीठ को मजबूत और गर्दन में लचीलापन लाता हैं।
भुजंगासनॐ हिरण्यगभार्य नमःचूतड़ और पैर के मांसपेशियों को मजबूत बनाता हैं। दिमाग तेज और सभी मानसिक समस्या में आराम मिलता हैं।
अधोमुख श्वानासनॐ मरीचये नमःघुटनों के निचे नसों को मजबूत और रीढ़ को मजबूत बनाकर लम्बा करता हैं। छाती को छोड़ा और बाहों को मजबूत बनाता हैं। चिंता को कम, मन को शांत और दिमाग और शुद्ध ऑक्सीजन देता हैं।
अश्व संचालनासनॐ आदित्याय नमःपेट और पैर के मांसपेशियों को फैलाता और मजबूत बनाता हैं। मानसिक संतुलन भी अच्छा रखता हैं।
हस्तपादासनॐ सवित्रे नमःपेट की चर्बी को कम करता हैं और जांघों को मजबूत बनाता हैं। रीढ़ और चूतड़ में खिचाव महसूस होता हैं, इसके साथ पाचन में सुधार और चिंता दूर करता हैं।
हस्त उत्तानासनॐ अकार्य नमःआपके रीढ़ और गर्दन को फैलता हैं और पुरे शरीर को ऊर्जा देकर तनाव और चिंता दूर कर फेफड़ों को मजबूत बनाता हैं।
ताड़ासनॐ भास्कराय नमःशरीर के ऊपरी भाग कंधों और जांघो को मजबूत बनाता हैं। आपके हाथ और दिल ऊर्जाचक्र को पूरा करता हैं और मन को शांत रखता हैं।

सूर्य नमस्कार करने का सही समय

सूर्य नमस्कार करने का कोई निश्चित समय नहीं किया गया हैं, लेकिन सूर्य नमस्कार सुबह उगते सूर्य के साथ करना अच्छा माना जाता हैं क्योंकि सुबह हम ऊर्जावान महसूस करते हैं और उगते सूर्य के साथ सूर्य नमस्कार करना हमें दूध से विटामिन D मिलती हैं जो कैल्शियम की वृद्धि और उसे पचाने में मदद करता हैं। अगर आप समय के अभाव के कारण सूर्य नमस्कार सुबह नहीं कर पाते हैं तो आप सुबह के मध्य या फिर शाम को भी कर सकते हैं। ध्यान रखें कि भोजन करने के 3-4 घंटे बाद या पहले करें।

सूर्य नमस्कार करते समय मंत्र का सही उच्चारण की विधि

बहुत लोग यह भ्रम में रहते हैं कि सूर्य नमस्कार करते समय सांस ले और छोड़े कि मंत्र का उच्चारण करें। अगर आप सूर्य नमस्कार करते समय प्रत्येक आसन में मंत्र का उच्चारण करते हैं तो यह गलत तरीका हैं, इससे साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया बिगड़ जाती हैं। बेहतर होगा कि जब आप सूर्य नमस्कार करना शुरू करते हैं, पहले स्टेप में कि पहला मंत्र बोल दे फिर बाकि स्टेप करना शुरू करें, फिर दूसरा राउंड में दूसरा मंत्र बोले।

FAQ. (सूर्य नमस्कार से जुड़े सवाल और जबाब)

Q. सूर्य नमस्कार कंहाँ करें?

Ans:- सूर्य नमस्कार आप खुले मैदान, पार्क, होटल और घर पर भी कर सकते हैं।

Q. सूर्य नमस्कार में कितने स्टेप होते हैं?

Ans:- सूर्य नमस्कार में 12 स्टेप होते हैं।

Q. सूर्य नमस्कार कितने मिनट तक करना चाहिए?

Ans:- सूर्य नमस्कार 15 से 20 मिनट तक करना चाहिए।

Q. रोज कितने सूर्य नमस्कार करना चाहिए?

Ans:- अगर आप सूर्य नमस्कार अभी करना शुरू किये हैं तो शुरुआत में 3-4 से शरू करें, अधिक से अधिक 9-10 से ज्यादा सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए।

Q. सूर्य नमस्कार करने से क्या होता हैं?

Ans:- सूर्य नमस्कार एक योग क्रिया हैं, इसके करने से पुरे शरीर का व्यायाम हो जाता हैं। यह जिम का काम करता हैं। सूर्य नमस्कार करने से सूर्य नाड़ी तेज होता हैं। इसके करने के कई लाभ हैं जैसे:- वजन कम करना, हाई ब्लड-प्रेशर, तनाव, चिंता, पाचन, गैस एसिडिटी, त्वचा में निखार, ऊर्जावान महसूस करना, शरीर में लचीलापन, खून का दौरा, दिमाग तेज, अनिद्रा और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता हैं।

Q. सूर्य नमस्कार से कितना कैलरीज बर्न होता हैं?

Ans:- सूर्य नमस्कार के एक सेट में 13.9 कैलरीज बर्न होता हैं। 2 राउंड में 1 सेट होता हैं। एक बार 12 आसनों को पूरा करते हैं, उसे 1 राउंड कहते हैं।

Q. सूर्य नमस्कार के बाद क्या करना चाहिए?

Ans:- सूर्य नमस्कार करने के बाद थोड़ी टहले। सूर्य नमस्कार के बाद ये तीन आसन कर सकते हैं। पहला तिर्यक ताड़ासन दूसरा त्रिकोणासन और तीसरा वक्रासन।

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