आज हम आपको इस पोस्ट के द्वारा बता रहें हैं कि, शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कैसे करें और शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण और कारण क्या हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी से क्या होता हैं। (How to Improve Calcium Deficiency in Hindi) कैल्शियम एक प्रकार का सुक्ष्म पोषक तत्व हैं। यह सबसे ज्यादा मानव शरीर में पाया जाता हैं और अगर दुनिया की बात करें तो पाचवां सबसे ज्यादा पाएँ जाने वाले तत्व हैं।अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हैं तो आपके शरीर में बहुत सारे रोग आएंगे।
कैल्शियम शब्द केल्स शब्द से बना हैं जो, लेटिन शब्द में चूना होता हैं। इसलिए चूना में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता हैं। कैल्शियम की खोज 1808 में हंफ्री डेवी (Humphry Davy) ने किया था। इन्होंने इसके लिए कैल्शियम कार्बोनेट का निर्माण किया था। कैल्शियम आपके हड्डियों और स्वास्थ के लिए बहुत आवश्यक तत्व हैं। साथ ही साथ फॉस्फोरस भी हड्डियों के लिए अच्छा होता हैं।
हमारे शरीर को कैल्शियम की कितनी जरूरत पड़ती हैं? (How Much Calcium Should be in Human body in Hindi)
Table of Contents
- 0 से 6 महीने तक:- 200 मिलीग्राम
- 7 से 12 महीने तक:- 260 मिलीग्राम
- 1 से 3 वर्ष तक:- 700 मिलीग्राम
- 4 से 8 वर्ष तक:- 1,000 मिलीग्राम
- 9 से 18 वर्ष तक:- 1,300 मिलीग्राम
- 19 से 50 वर्ष तक:- 1000 मिलीग्राम
- 51 से 70 वर्ष तक:- पुरुषों के लिए 1,000 मिलीग्राम और महिलाओ के लिए 1,200 मिलीग्राम
- 71 वर्ष से अधिक व्यक्ति के लिए:- 1,200 मिलीग्राम
शरीर में कैल्शियम की कमी होने के लक्षण:-
- जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं, उसे हम हाइपोकैलसिमिया कहते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी होने के कई लक्षण हैं।
- शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द कैल्शियम की कमी से आता हैं।
- उँगलियों में चुभन या फिर आपके हाथ या उँगलियों में शून्य जैसी हो जाती हैं।
- आपके मांसपेशियां में ऐंठन जैसे, जिसे हम क्रेप कहते हैं या फिर बहुत तेज दर्द होती हैं।
- कई बार दिमाग के स्तर पर, अगर दिमाग से जुड़ी कोई समस्या हो या फिर दिमाग ठीक से काम नहीं करता हो। याददाश्त कमजोर होना या फिर किसी भी प्रकार का ना समझ होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
- नाखून का कमजोर होना, नाखून का टूटना और नाखून में ड्राइनेस होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
- भूख न लगना और शरीर में हर वक्त थकान बना रहना, ये भी कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
- कैल्शियम कम होने से हड्डियाँ कमजोर, हड्डियों से कट-कट की आवाज आना और उसमें दर्द, फेक्चर भी हो सकता हैं।
- दाँतों से सड़न और मसूड़ों में दर्द कैल्शियम कम होने के लक्षण हैं।
- कैल्शियम कम होने से दिल की धड़कने भी बढ़ने लगती हैं।
- बालों का लगातार झड़ना और कमजोर होना भी कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
- त्वचा में रूखापन और ड्राइनेस होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
शरीर में कैल्शियम कम होने के क्या कारण हैं?
- अगर आप रोज सूर्य के धूप का सेवन नहीं करते हैं तो, उससे भी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं क्योंकि विटामिन D का सीधा संबंध कैल्शियम से होता हैं।
- अगर आप खाने में कैल्शियम युक्त भोजन नहीं लेते हैं तो उससे भी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- अगर आप रोज अपने आहार में ज्यादा मीठा का सेवन करते हैं तो, उसमें भी शरीर में कैल्शियम की कमी और हड्डियाँ भी कमजोर हो जाती हैं।
- अगर आप ज्यादा चाय और कॉफी का सेवन करते हैं तो उसमें शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- अगर आपका पाचन-तंत्र कमजोर हैं और आपका जठर-अग्नि ठीक हैं जो भी खाते-पीते हैं, वह लगता नहीं हैं, उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- अगर आपका शरीर में वात-दोष हैं तो, उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- किडनी और थायरॉइड से पीड़ित लोगों में भी कैल्शियम की कमी होती हैं।
- जो महिला गर्भवती हैं या फिर जो महिला बच्चे को दूध पिलाती हैं, उन महिलाओं में भी कैल्शियम की कमी जो जाती हैं।
- शरीर में कई हार्मोन की गड़बड़ी के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- कुछ दवाओं साइड इफ़ेक्ट के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- अधिक शराब और धुम्रपान के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं।
- अगर आप दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करते हैं तो उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। किसी-किसी को दूध पचता नहीं हैं, उससे एलर्जी होता हैं। उन लोगों में भी कैल्शियम की कमी जाती हैं।
कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग | कैल्शियम के कमी से क्या होता हैं ?
- शरीर में कैल्शियम की कमी होने से ऑस्टियोपोरोसिस रोग हो जाते हैं, ये आगे चलकर ऑस्टियोपीनिया में बदल जाता हैं।
- छोटे बच्चे में अगर कैल्शियम की कमी हो जाते हैं तो उसके कारण रिकिट्स नाम की बीमारी हो जाती हैं और उन बच्चों में ग्रोथ की समस्या हो जाती हैं।
- कैल्शियम की कमी से कई बार मांसपेशियाँ में क्रेप और ऐठन की समस्या आती रहती हैं।
- कैल्शियम की कमी से दाँतों के रोग होते हैं, क्योंकि दाँतों का संबंध सीधे कैल्शियम से होता हैं। कम उम्र में दाँतों का टूटना, दाँतों के बीच अंतर होना और मसूड़े कमजोर होना ये सारे समस्या कैल्शियम कम होने से होता हैं।
- जोड़ों में ढीलापन, हड्डियाँ से कट-कट की आवाज आना और जोड़ कमजोर हो जाते हैं।
- हमारे बालों का सीधा संबंध कैल्शियम से भी होता हैं। अगर आपके सिर का बाल झड़ रहे हैं तो ये कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं।
- कैल्शियम की कमी से हमारे ब्लड-प्रेशर की समस्या बढ़ जाती हैं, जिसके कारण दिल की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं।
- खोजकर्ताओं से पता चला हैं कि कैल्शियम की ज्यादा कमी से कारण कैंसर होने खतरा भी बढ़ जाता हैं।
- शरीर में कैल्शियम कम होने से कारण हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण कई रोग होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- अगर हमारे शरीर को रोज जरूरत के अनुसार कैल्शियम नहीं मिलता हैं तो शरीर कैल्शियम हड्डियों निकालकर लेने लगेगा, जिससे हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं।
- हाइपोपैराथायरॉइडिज़्म एक बीमारी हैं जो शरीर में कैल्शियम की मात्रा को कम करता हैं।
- शरीर में कैल्शियम की से किसी चीज में फोकस, किसी काम में मन नहीं लगना, थकान, सुस्ती और चलते-चलते चक्कर आने की समस्या होती हैं।
- शरीर में कैल्शियम कम होने से नींद नहीं आना, तनाव और डिप्रेशन का शिकार भी होने लगता हैं।
- आयुर्वेद के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि, जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती हैं उन लोगों के बच्चे विकलांग पैदा होते हैं।
खानपान से शरीर में कैल्शियम कैसे पूरा करें?
पोषक-तत्व | मात्रा |
फूलगोभी पत्ता | 625 मिलीग्राम(Mg) |
सहजन की सब्जी | 185 मिलीग्राम |
अरबी का साग | 460 मिलीग्राम |
मेथी की सब्जी | 395 मिलीग्राम |
तिल का साग | 195 मिलीग्राम |
धनिया पत्ता | 184 मिलीग्राम |
शेपू भाजी | 190 मिलीग्राम |
ग्वार फली | 130 मिलीग्राम |
बाकला की सब्जी | 50 मिलीग्राम |
फूल गोभी | 33 मिलीग्राम |
कुंदरी की सब्जी | 40 मिलीग्राम |
सेम (पापड़ी) की सब्जी | 40 मिलीग्राम |
शकरकंद | 46 मिलीग्राम |
पालक साग | 73 मिलीग्राम |
भिंडी | 66 मिलीग्राम |
प्याज का पत्ता | 50 मिलीग्राम |
प्याज | 47 मिलीग्राम |
बंध गोभी | 39 मिलीग्राम |
मूली | 35 मिलीग्राम |
पोषक-तत्व | मात्रा |
रागी | 344 मिलीग्राम (Mg) |
मोठ की दाल | 150 मिलीग्राम |
कुर्थी की दाल | 287 मिलीग्राम |
राजमा | 260 मिलीग्राम |
सोयाबीन | 240 मिलीग्राम |
काबुली चना | 202 मिलीग्राम |
उड़द की दाल | 154 मिलीग्राम |
हरा मूंग | 124 मिलीग्राम |
मूंग दाल | 75 मिलीग्राम |
मटर की दाल | 75 मिलीग्राम |
अरहर की दाल | 73 मिलीग्राम |
मसूर दाल | 59 मिलीग्राम |
भुजा चना | 58 मिलीग्राम |
चना दाल | 56 मिलीग्राम |
बाजरा | 42 मिलीग्राम |
गेंहू | 41 मिलीग्राम |
पोषक-तत्व | मात्रा |
दूध (पाउडर) | 1370 मिलीग्राम (Mg) |
चीज | 790 मिलीग्राम |
जर्सी भैंस का दूध | 650 मिलीग्राम |
भैंस का दूध | 210 मिलीग्राम |
बकरी की दूध | 170 मिलीग्राम |
दही | 150 मिलीग्राम |
गाय की दूध | 120 मिलीग्राम |
मलाई निकाला दूध | 120 मिलीग्राम |
माँ का दूध (आदमी ) | 28 मिलीग्राम |
पोषक-तत्व | मात्रा |
बादाम | 248 मिलीग्राम (Mg) |
किशमिश | 130 मिलीग्राम |
खजूर | 120 मिलीग्राम |
अंजीर | 80 मिलीग्राम |
आंवला | 50 मिलीग्राम |
मखाना | 18 मिलीग्राम |
खसखस | 1250 मिलीग्राम |
चिया बीज | 630 मिलीग्राम |
मेथीदाना | 175 मिलीग्राम |
जीरा | 930 मिलीग्राम |
हींग | 690 मिलीग्राम |
दालचीनी | 1002 मिलीग्राम |
तिल | 100 मिलीग्राम |
पोषक-तत्व | मात्रा |
निम्बू | 70 मिलीग्राम (Mg) |
मौस्स्मी | 40 मिलीग्राम |
खरबूजा | 32 मिलीग्राम |
संतरा | 26 मिलीग्राम |
सेतूत | 30 मिलीग्राम |
पपीता | 29 मिलीग्राम |
गन्ने का रस | 10 मिलीग्राम |
केला | 5 मिलीग्राम |
सीता फल | 24 मिलीग्राम |
अनानास | 13 मिलीग्राम |
लीची | 5 मिलीग्राम |
अमरुद | 18 मिलीग्राम |
अंगूर | 10 मिलीग्राम |
एप्रीकोट | 14 मिलीग्राम |
आम | 12 मिलीग्राम |
सिंघाड़ा | 18 मिलीग्राम |
नारियल | 14 मिलीग्राम |
- मटन – 120 मिलीग्राम
- अंडे – 80 मिलीग्राम
- सार्डिन मछली- 569 मिलीग्राम
कैल्शियम के कुछ नेचुरल सोर्स:-
बिना दूध से कैल्शियम की पूर्ति कैसे करें (How to get Calcium Supplement Without Milk in Hindi)
कैल्शियम की कौन-सी दवाई लेनी चाहिए (Which Calcium Medicine Should be Taken in Hindi)
कैल्शियम के फायदे (Benefits of Calcium in Hindi)
- कैल्शियम शरीर में सामान मात्रा में होने से हड्डियाँ और दाँते दोनों मजबूत रहते हैं।
- शरीर में बराबर मात्रा में कैल्शियम होने से हड्डियों से जुडी बीमारियाँ नहीं होती हैं।
- शरीर में बराबर मात्रा में कैल्शियम होने पर ही शरीर के बाकी पोषक-तत्व ठीक से काम करते हैं।
- कहा यह भी जाता हैं कि, जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम बराबर मात्रा में होता हैं तो उनके बच्चे विकलांग पैदा नहीं होते हैं।
- शरीर में कैल्शियम सामान मात्रा में होने से कोलन कैंसर होने का खतरा कम हो जाता हैं।
- शरीर में कैल्शियम सामान मात्रा में होने बाल झड़ने की समस्या कम होती हैं।
- कैल्शियम की शरीर में सामान मात्रा में नहीं होने से थकान, नींद नहीं आना, तनाव और डिप्रेशन जैसे समस्या नहीं होती हैं।
- शरीर में सामान मात्रा में कैल्शियम होने से ब्लड-प्रेशर भी कण्ट्रोल रहता हैं।