इस आर्टिकल के जरिये बता रहें हैं कि, गाजर खाने के अद्धभुत 17 फायदे और नुकसान, पोषक-तत्व Carrot Benefit और गाजर कब, कितना और गाजर खाने का सही तरीका क्या हैं। गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनिरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और बीटा-कैरोटीन पाया जाता हैं। गाजर स्वाद में मीठा और थोड़ा कसेला होता हैं और इसकी तासीर गर्म होता हैं, लेकिन गाजर गर्म तासीर होने के बावजूद भी पेट गर्म नहीं करता हैं।
गाजर का मेडिकल नाम डौकस कैरोटा हैं। गाजर जड़ों वाली एक सब्जी हैं जिसे फल की भी श्रेणी में रखा गया हैं जो, पहली बार करीब 900 ईस्वी में अफगानिस्तान में उगाया गया था। यह कई रंगों में दिखाई देता हैं जैसे:- नारंगी, पीला, लाल, सफेद और बैंगनी रंग का होता हैं, इनमें से सबसे प्रसिद्ध रंग हैं नारंगी। गाजर ज्यादा महँगा नहीं होता हैं इसे कोई भी सेवन कर सकता हैं।
गाजर सर्दियों के दिनों में मिलने वाले फल और सब्जी हैं। गाजर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और विटामिन-मिनिरल्स होने के कारण, गाजर के कई स्वास्थ लाभ हैं, यह कई बीमारी होने के जोखिम को कम करता हैं। गाजर को कई प्रकार से सेवन कर सकते हैं जैसे:- सब्जी, सलाद, कच्चा, जूस और गाजर का हलवा। गाजर बड़ों और बच्चों दोनों में लाभकारी होता हैं।
गाजर खाने के फायदे
Table of Contents
वजन कम करना:-
गाजर में कम मात्रा में कैलरीज होने के कारण, यह वजन कम करने में भी मदद करता हैं। इसके अलावे गाजर में अच्छे मात्रा में फाइबर होने के कारण, पेट ज्यादा देर तक भरा-भरा रहता हैं जिससे आप देर से और कम खाते हैं, जिससे शरीर का वजन कम करने में मदद करता हैं, लेकिन वजन कम करने के लिए गाजर कच्चा, सलाद के बदले जूस पीना सही होता हैं।
कैंसर का खतरा कम करना:-
गाजर में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो, कैंसर जैसे भयानक कई बिमारियों को होने से रोकता हैं। जिन चीजों में केरोटीनॉइड्स एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पायी जाती हैं सेवन से प्रोस्टेट कैंसर, कोलन कैंसर और महिलाओं में होने वाले ब्रैस्ट कैंसर को भी होने का खतरा को कम करता हैं।
गाजर में दो तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाएँ जाते हैं पहला केरोटीनॉइड्स एंटीऑक्सीडेंट और दूसरा एंथोसायनिन एंटीऑक्सीडेंट। गाजर का नारंगी और पीला रंग केरोटीनॉइड्स एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता हैं, जबकि गाजर का बैंगनी और लाल रंग एंथोसायनिन एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता हैं। इसलिए गाजर को सीजन में भरपूर मात्रा में खाएँ।
आँखों के लिए अच्छा:-
गाजर आँखों के स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा होता हैं। गाजर में बीटा-केरोटीन पाया जाता हैं जो, विटामिन A में बदलता हैं औ विटामिन A हमारे आँखों में होने वाले समस्या धुंधला-पन, अंधापन, धूप से बचाना और आँखों में होने वाली बीमारी मोतियाबिंद के खतरा को कम करता हैं।
रोग-प्रतिरोधक बढ़ाना:-
गाजर हमारे शरीर का रोग-प्रतिरोधक बढ़ाने में भी मदद करता हैं। गाजर में विटामिन C पाया जाता हैं जो, एक प्रकार का एंटी-बॉडी का काम करता हैं, जिससे हमारे शरीर का रोग-प्रतिरोधक बढ़ता हैं और हम कम बीमार पड़ते हैं।
कब्ज में राहत:-
गाजर कब्ज को बाहर निकालने में मदद करता हैं। गाजर में उचित मात्रा में फाइबर पाया जाता हैं जो, पेट की समस्या कब्ज में आराम देती हैं। अगर आप लम्बे समय से कब्ज से परेशान हैं तो, एक कच्चा गाजर का सेवन करेगें तो आपको बहुत जल्द कब्ज की समस्या से आराम मिलता हैं।
हड्डियों को मजबूत करना:-
गाजर हमारे हड्डियों को भी मजबूत करता हैं। गाजर में कैल्शियम, फॉस्फोरस और पौटेशियम होता हैं, फैक्चर हड्डी को ठीक करता हैं और हमारे कमजोर हड्डी को मजबूत करता हैं। गाजर में विटामिन K होने के कारण, यह हमारे घाव को भी भरने में मदद करता हैं।
त्वचा के लिए अच्छा:-
गाजर खाने से हमारे त्वचा बहुत हेल्थी रहते हैं। गाजर में बीटा-कैरोटिन होता हैं जो, बाद में विटामीन A में बदलता हैं। विटामिन A त्वचा में झुरियां को होने से रोकता हैं। बीटा-कैरोटिन एक प्रकार एंटीऑक्सीडेंट का काम करता हैं जो, त्वचा को सूर्य से हानिकारक तत्वों को बचाता हैं, इसके अलावे त्वचा में होने वाले दाग-धब्बे होने से रोकता हैं। गाजर में विटामिन C भी होता हैं जो, त्वचा को लंबे समय तक जवान रखता हैं।
दाँतों और मसूड़ों के लिए अच्छा:-
गाजर खाने से हमारे दाँत और मसूड़ें दोनों मजबूत होता हैं। गाजर में कैल्शियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस होता हैं जो, दाँतों को मजबूत बनाता हैं। गाजर को नेचुरल ब्रश कहते हैं जिससे दाँतों की एक्सरसाइज होता हैं और हमारे दाँत और मसूड़ें दोनों मजबूत होता हैं।
ब्लड-प्रेशर कम करना:-
खोज में पाया गया हैं कि, गाजर खाने से ब्लड-प्रेशर कम होता हैं। गाजर में पोटैशियम और कई विटामिन, मिनिरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो, हाई ब्लड-प्रेशर को कम करता हैं, जिससे दिल स्वस्थ रहता हैं और दिल से जुड़ी समस्या नहीं होती हैं।
दिल के लिए अच्छा:-
गाजर में कई विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएँ जाते हैं, जिससे हमारा दिल को स्वस्थ बनाएँ रखने में मदद करता हैं।
शुगर कंट्रोल में लाभ:-
गाजर आपके शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता हैं। गाजर में फाइबर और विटामिन, मिनिरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो खून में शुगर की मात्रा कण्ट्रोल रखता हैं, गाजर खाने से टाइप 2 शुगर में भी लाभकारी होता हैं। इसके अलावे गाजर का ग्लाइस्मिक इंडेक्स (70) कम के कारण शुगर में लाभकारी होता हैं, शुगर से पीड़ित लोगों को गाजर कच्चे बदले उबालकर खाना सही होता हैं।
पाचन-तंत्र के लिए अच्छा:-
गाजर हमारे पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। गाजर में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं, अगर आप एक मध्य आकर के गाजर का सेवन करते हैं तो, हमारे एक दिन का लगभग 7% फाइबर की पूर्ति हो जाती हैं। पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करने से हमारा पाचन ठीक रहता हैं और भूख बढ़ाती हैं। फाइबर को पर्याप्त मात्रा सेवन करने से आंत और गुदाद्वार का कैंसर होने का खतरा कम होता हैं।
वात-पित्त और कफ:-
गाजर में कई पोषक-तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण जाते हैं, जो हमारे शरीर के तीनों दोष वात-पित्त और कफ को खत्म करने का काम करता हैं। इन तीनों दोषों में गाजर सबसे ज्यादा वात-कफ को खत्म करती हैं और गाजर गर्म स्वभाव होने बावजूद भी यह पित्त को सामान रखने में मदद करती हैं।
कमजोरी को दूर करना:-
गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन-मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होने से इसके कई लाभ हैं। गाजर, गाजर के हलवा, गाजर के हलवा और गाजर के जूस को नियमित सेवन करने से हमारे शरीर का ताकत बढ़ता हैं, इसके हमारे शरीर का शुक्र-धातु बढ़ता हैं, जिससे योन-शक्ति में वृद्धि होती हैं।
जॉन्डिस में लाभ:-
गाजर में भरपूर मात्रा में पोषक-तत्व होने के कारण, यह पीलिया जैसे भयानक बीमारी में भी लाभदायक होता हैं। गाजर का जूस एक गिलास प्रतिदिन सेवन करते हैं तो, यह लिवर को ताकत देने का काम करता हैं और पीलिया जैसे भयानक बीमारी से बचाता हैं।
महिलाओं में लाभ:-
महिलाओं और जवान लड़कियों में होने वाले कॉमन समस्या मासिक-धर्म में हुई गड़बड़ी को ठीक करता हैं। जिन महिलाओं में समय से मासिक-धर्म नहीं होती हैं या फिर पुरी तरह खुलकर नहीं आती हैं। इस समस्या में गाजर या फिर गाजर का जूस का सेवन करना बहुत अच्छा होता हैं।
गाजर में पाएँ जाने वाले पोषक-तत्व
(100 ग्राम गाजर में पोषक-तत्व की मात्रा)
पोषक-तत्व | मात्रा |
पानी | 86% |
कैलरीज | 41 |
कार्बोहायड्रेट | 9.6 ग्राम |
प्रोटीन | 0.9 ग्राम |
फाइबर | 2.8 ग्राम |
वसा | 0.2 ग्राम |
मिठास | 4.7 ग्राम |
कैल्शियम | 33 मिलीग्राम (mg) |
पोटैशियम | 320 मिलीग्राम |
सोडियम | 69 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 35 मिलीग्राम |
मेंगनिशियम | 12 मिलीग्राम |
विटामिन E | 0.6 मिलीग्राम |
विटामिन C | 5.9 मिलीग्राम |
विटामिन B6 | 0.13 मिलीग्राम |
विटामिन A | 835 माइक्रोग्राम (mcg) |
विटामिन K | 13.2 माइक्रोग्राम |
बीटा-केरोटीन | 8285 माइक्रोग्राम |
फॉलेट | 19 माइक्रोग्राम |
ल्यूटिन ज़ेक्सान्थिन | 256 माइक्रोग्राम |
थाइमिन | 0.06 माइक्रोग्राम |
नायसिन | 0.98 माइक्रोग्राम |
आयरन | 0.3 मिलीग्राम |
गाजर खाने के नुकसान
- गाजर में बीटा-केरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। बीता-केरोटीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से यह शरीर में विटामिन A के कार्य क्षमता को कर देता हैं, जिसके कारण हमारी देखने की क्षमता, हड्डी, गठ हेल्थ और हमारा रोग-प्रतिरोधक प्रभावित होता हैं। अधिक बीटा-केरोटीन उन लोगों के लिए भी नुकसान होता हैं जो, विटामिन A में नहीं बदल पाते हैं।
- गाजर में महजूद कई विटामिन, मिनिरल्स और पोषक-तत्व के कारण, कुछ लोगों में गाजर खाने से एलर्जी हो सकती हैं। अगर गाजर खाने से पाचन संबंधित, सूजन और साँस लेने में दिक्कत होती हैं तो डॉक्टर से जरूर दिखाएँ।
- गाजर में फाइबर भी अत्यधिक मात्रा में पाया जाता हैं। अगर फाइबर अधिक मात्रा में सेवन किया जाएँ तो हमें गैस, कब्ज और सूजन जैसी समस्या हो सकती हैं।
- गाजर पैकिंग और स्टोर करने में दूषित हो सकता हैं, इसलिए गजार खाने से पहले अच्छे से साफ करें और पकाएँ। नहीं तो साल्मोनिला, हेपेटाइटिस और कई वायरस इंस्फेक्शन के कारण कई प्रकार का रोग उत्पन्न हो सकता हैं।
- गर्भवती महिलाओं को गाजर का बीज का सेवन नहीं करना चाहिए, नहीं तो गर्भपात जैसी समस्या हो सकती हैं।
गाजर के प्रकार
गाजर के कई किस्म होते हैं। आप इन्हें रंग और आकर देखकर पहचान सकते हैं। कुछ ऐसे महसूर किस्म इस प्रकार हैं जिसे लोग ज्यादातर सेवन करते हैं, जैसे:-
इंपीरेटर गाजर:-
गाजर का यह किस्म बहुत लम्बा और सिरा पतला होता हैं। यह गाजर ज्यादा मीठापन होता हैं और यह खाने में ज्यादा महसूर होता हैं।
डेनवर गाजर:-
गाजर की यह किस्म मध्यम आकर के होते हैं, इनकी लम्बाई लगभग 7 इंच तक होती हैं। यह दिखने में गोल, नुकीले और गहरे नारंगी रंग का होता हैं। यह भी अपने अच्छे स्वाद के लिए जाने जाते हैं।
नेनटस गाजर:-
गाजर की यह किस्म माध्यम आकर के होता हैं, इनकी लम्बाई लगभग 3-4 इंच होती हैं। यह दिखने में बेलनाकार और इसके सिरा कुंद होता हैं। यह दानेदार और मीठा होता हैं, इसका इस्तेमाल ताजा खाने और जूस निकालने में इस्तेमाल किया जाता हैं। गाजर के यह किस्म घरेलू बागवान में ज्यादातर उपजाया जाता हैं।
चैंटेने गाजर:-
गाजर की यह किस्म देखने में कुंद और छोटी आकर का होता हैं। यह कच्चा खाने में भरपूर स्वाद होता हैं। यह देखने में हल्का नारंगी रंग का होता हैं।
बैंगनी गाजर:-
गाजर के इस किस्म को सबसे अच्छा गाजर माना जाता हैं। गाजर के इस किस्म को सलाद, नाश्ता, जूस और सूप के रूप किया जाता हैं। इस बैंगनी रंग के गाजर में एंथोसायनीन एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता हैं जो खून का थक्का बनने में मदद करता हैं और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता हैं।
इंद्रधनुषी गाजर:-
गाजर का यह किस्म कई रंगों का एक मिश्रण हैं। इस गाजर का सेवन ज्यादातर नाश्ते के रूप में किया जाता हैं और इसके अलावे इस को स्नैक्स, सलाद और अनाज के रूप में किया जाता हैं।
पीला गाजर:-
गाजर का यह किस्म एक नई किस्म हैं जो, एक पीला और नारंगी रंग का ही एक मिश्रण हैं। यह गाजर अत्यधिक मीठा होता हैं और इस गाजर का जूस बनाना बहुत अच्छा होता हैं। इसे कच्चा और भून करके भी खाया जा सकता हैं।
सफेद गाजर:-
गाजर का यह किस्म नारंगी रंग की मुकाबले अधिक मीठा होता हैं और स्वाद में थोड़ा कम होता हैं। इस गाजर को कच्चा, साबूत और सूप के रूप में भी सेवन किया जाता हैं।
गाजर कब, कितना और सेवन करने की सही तरीका क्या हैं?
सही मात्रा:-
एक दिन में आप अधिक-से-अधिक 2 से 3 गाजर का ही सेवन करें या फिर अगर आप जूस का सेवन करते हैं तो एक दिन में 2 गिलास जूस का सेवन करें, एक गिलास सुबह और एक गिलास शाम।
गाजर में बीटा-केरोटीन अधिक होने के कारण, अगर आप एक दिन में कम-से-कम 10 गाजर खाते हैं तो, आपको केरोटिनिमिया की समस्या हो सकती हैं जिसमें त्वचा का रंग नारंगी हो जाता हैं।
सही समय:-
गाजर खाने का कोई एक निश्चित समस्य नहीं होता हैं। आप कभी भी गाजर का सेवन कर सकते हैं। आप सुबह नास्ते में, खाली पेट, दोपहर में सलाद के रूप में खा सकते हैं, इसके अलावे आप कच्चा गाजर रात को भी सेवन कर सकते हैं।
गाजर सेवन करने का तरीका:-
गाजर एक प्रसिद्ध सब्जी हैं, इसे सबसे ज्यादा चीन में उगाया जाता हैं और खाया जाता हैं। गाजर को कई प्रकार से खा सकते हैं। गाजर को खाने से पहले इसे अच्छे से धोकर साफ कर लें, उसके बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
गाजर को आप कच्चा खा सकते हैं और इसके अलावे गाजर का जूस, सलाद, सब्जी, गाजर का हलवा, गाजर का सनेक्स, गाजर का मुरब्बा, गाजर का आचार और गाजर का खीर के रुप में सेवन कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी में गाजर खाने के फायदे
गाजर में भरपूर मात्रा में पोषक-तत्व होता हैं जो कि, प्रेगनेंसी के दौरान माँ और बच्चों दोनों के विकास में काफी मदद मिलता हैं।
- गाजर में आयरन होता हैं जो, प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की कमी को पूरा करता हैं।
- प्रेगनेंसी महिलाओं में कब्ज की भी समस्या बना रहता हैं। गाजर में फाइबर पाया अच्छे मात्रा में पाया जाता जो कब्ज को दूर करने में मदद करता हैं।
- गाजर में विटामिन-मिनिरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो, होने वाले बच्चों के हर एक अंग का विकास अच्छे से करने में मदद करता हैं।
- प्रेगनेंसी के दौरान अगर आपके बच्चें का वजन नहीं बढ़ता हैं तो, आप गाजर को हलवा या फिर गाजर का खीर का सेवन करें।
- प्रेगनेंसी महिला एक दिन में 2 गाजर से ज्यादा सेवन नहीं करें?
FAQ. (गाजर से जुड़े कुछ सवाल और जबाब)
Q. गाजर खाने का सही समय क्या हैं?
Ans:- गाजर खाने का कोई सही समय नहीं हैं, आप गाजर कभी भी खा सकते हैं। आप गाजर सुबह नास्ते में खा सकते हैं। आप गाजर लंच में सलाद के रूप में खा सकते हैं और आप गाजर रात में भी खा सकते हैं।
Q. क्या गाजर खाली पेट खा सकते हैं?
Ans:- कोई भी चीज खाली पेट खा सकते हैं कि, यह उसकी तासीर पर निर्भर करती हैं। जिस चीज का तासीर गर्म होती हैं, उनका सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए। खासकर जो लोग पित्त प्रकृति के लोग होते हैं, उन लोगों को गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
गाजर की तासीर गर्म होती हैं, लेकिन गर्म होने के कारण भी यह पेट गर्म नहीं करता हैं तो आप गाजर खाली पेट बहुत कम मात्रा खा सकते हैं।
Q. गाजर में कोन सा विटामिन पाया जाता हैं?
Ans:- गाजर में विटामिन A, C, E, K, विटामिन B6 और बीटा-केरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
Q. गाजर का वैज्ञानिक नाम
Ans:- गाजर का विज्ञानिक नाम डौकस कैरोटा (Daucas Carota) हैं।
Q. गाजर की तासीर कैसी होती हैं?
Ans:- गाजर की तासीर गर्म होती हैं, लेकिन गाजर पेट के लिए उतना गर्म नहीं होता हैं।
Q. गाजर का हलवा कैसे बनाते हैं?
Ans:- Step 1- सबसे पहले आप जितने भी गाजर का हलवा बनाना चाहते हैं, उतने गाजर का कद्दूकस कर लें। लाल वाले गाजर का हलवा बनाना सबसे अच्छा होता हैं।
Step 2- 500 ग्राम कद्दूकस गाजर को 5 चम्मच घी में 10 मिनट हल्की आँच में अच्छे से भून लेना हैं। बीच-बीच में चलाते रहना हैं।
Step 3- गाजर भून जाने के बाद गाजर मुलायम होने के बाद उसमें 2 कप मलाई वाले दूध को डालकर अच्छे से मिक्स कर लेना हैं, फिर इसे 15 मिनट तक हल्की आँच में पकाना हैं। इसे बिच-बीच में चलाते रहना हैं।
Step 4- जब गाजर अच्छे से मुलामय और दूध सुख जाएँ, तब इसमें ड्राई फ्रूट और चीनी डालना हैं। ड्राई फ्रूट में काजू, बादाम और किशमिश डालना हैं, आधी चम्मच इलाइची का पाउडर डालना हैं।
Step 5- इसके बाद ढक करके 10 मिनट हल्की आँच में पकाना हैं, इसके बाद हलवा डार्क रंग होने के बाद इसमें थोड़ी मात्रा में मावा या फिर मलाई वाला दूध डालकर अच्छे से मिला लेना हैं, फिर ढक करके 10 मिनट हल्की आँच पकाना हैं।
Step 6- फाइनल आपका गाजर का हलवा बन करके तैयार हैं।
Q. पुरुषों के लिए गाजर लाभ
Ans:- गाजर खाने से पुरुषों में अनेक लाभ हैं जैसे:- योन-शक्ति को बढ़ाता हैं, पेशाब के रास्ते में हुई रूकावट को ख़त्म करता हैं और पेशाब खुलकर आती हैं, इसमें पानी की मात्रा अधिक होती हैं। शरीर में आयी कमजोरी को दूर करता हैं और ब्लड-प्रेशर, शुगर को कण्ट्रोल करने में मदद करता हैं।
Q. गाजर को इंग्लिश में क्या बोलते हैं?
Ans:- गाजर को इंग्लिश में कैरट (Carrot) कहते हैं।
अन्य पढ़ें:-
सर्दियों में गुड़ खाने के फायदे और नुकसान।
कोलेस्ट्रॉल क्या है? हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कैसे करें?
लौकी जूस पीने के फायदे और नुकसान।