इस आर्टिकल के बता रहें कि, पालक के फायदे और नुकसान और पालक के पोषक-तत्व और कब और कितना खाना चाहिए? (Spinach benefits and side effects in Hindi) पालक एक हरे-पत्तेदार सब्जी हैं, इसे सब्जी, साग, जूस, सलाद और पकोड़े के रूप में खाते हैं। पालक में विटामिन, मिनिरल्स और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। इसकी पैदावार पहली बार फारस में हुई जो, अभी अब ईरान के नाम से जाना जाता हैं। पालक की तासीर ठंडी होती हैं।
पालक का मेडिकल नाम स्पाइनेशिया ओलेरासिया हैं, ऐसे अँग्रेजी में स्पिनच कहते हैं। पालक का सबसे ज्यादा उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन करता हैं। हालांकि अब पुरे दुनियाभर में उत्पादन होने लगा हैं।
सब्जी के मुकाबले कच्चे पालक में पोषक-तत्व ज्यादा मात्रा में पाया जाता हैं। पालक पचने में भारी थोड़ा भारी होता हैं। पालक वात को बढ़ाता हैं और पित्त, कफ को कंट्रोल में रखता हैं।

पालक के प्रकार (Type of Spinach in Hindi)
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पालक तीन प्रकार के होते हैं। पहला सेवॉय पालक, दूसरा सेमी-सेवॉय पालक और तीसरा स्मूथ लीफ पालक।
सेवॉय पालक- सेवॉय पालक की पत्तियाँ सुकड़ी हुई होती हैं। यह गहरे और हरे रंग की होती हैं।
सेमी-सेवॉय पालक- पालक की प्रजातियाँ बहुत ज्यादा लोक-प्रिय हैं। सेवॉय पालक के पत्तियों के मुकाबले सेमी-सेवॉय पालक की पत्तियाँ कम सुकड़ी होती हैं। इस पालक में पोषक-तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, इसे घर में भी उगाया जाता हैं।
स्मूथ लीफ पालक- इस पालक की पत्तियाँ सेवॉय पालक और सेमी-सेवॉय पालक के मुकाबले ज्यादा चौड़ी और समतल दिखती हैं और इसे साफ करने में आसान होता हैं।

पालक में पाएँ जाने पोषक-तत्व (Nutrition in spinach raw in Hindi)
(100 ग्राम कच्चा पालक में पोषक-तत्व की मात्रा)
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