पेट गैस के कारण, लक्षण और उपचार | Treat of Stomach Gas in Hindi

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इस आर्टिकल के जरीये हम आपको बता रहें हैं कि, पेट की गैस बनने का कारण क्या हैं ओर इसके लक्षण और उपचार क्या हैं। इसके अलावे गैस का घरेलू उपचार और (Treatment of stomach gas at home in Hindi) गैस को दूर करने का कुछ योग और प्राणायाम क्या हैं?

गैस क्या हैं?

पेट का गैस वह हवा हैं जो, हमारे पाचनतंत्र में जमा होता हैं। इनमें से जब हम भोजन को चबाते हैं, इस प्रकिया से मीथेन और हाइड्रोजन गैस बनता हैं। इसके अलावे भोजन चबाने के दौरान जो हवा अंदर जाता हैं ,उससे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड भी बनता हैं। जब गैस बनता हैं तो, हमारा शरीर इसे डकार और लेट्रिन के रास्ते बाहर निकालने का प्रयास करता हैं।

गैस सभी लोगों को बनती हैं। गैस बनना कोई बीमारी नहीं हैं। अगर आप एक दिन में 15 से 20 बार गैस पास करते हैं तो यह सामान्य माना जाता हैं। हालाकिं पेट है गैस नुकसान नहीं करता हैं। अगर पेट का अतिरिक्त गैस आसानी से बाहर नहीं निकलता हैं, आंतों में फसता हैं तो, व्यक्ति को पेट भारीपन और सूजन जैसी समस्या हो सकती हैं।

हमारे शरीर के अंदर 200 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक गैस होता हैं। जब हम खाली पेट होते हैं तो गैस 200 मिलीग्राम के आसपास होता हैं और जब खाना खा लेते हैं तो गैस की मात्रा 500 मिलीग्राम तक हो जाता हैं।

पेट गैस के कारण, लक्षण और उपचार | Treat of Stomach Gas in Hindi

पेट में गैस बनने के कारण (Causes of gas in stomach in Hindi)

हमारे पेट में गैस दो तरीकों से बनता हैं। पहला गलत खानपान के तरीकों से ओर दूसरा हमारे बड़ी आंतों में कुछ बिक्ट्रीरिया वह गैस बनाता हैं।

  • गैस बनने का जो सबसे बड़ी कारण माना जाता हैं वह हैं गलत खानपान, अधिक ज्यादा जंक-फास्ट फूड खाना जैसे:- चोमीन, बर्गर, चाट, पीजा, पैकिंग फूड, ज्यादा तला-भुंजा, मेदा से बने सामान और ज्यादा बाहर के खाने से होता हैं।
  • गैस बनने का मुख्य कारण कब्ज भी माना जाता हैं। अगर आपको कब्ज की समस्या हमेशा बना रहता हैं तो, उससे भी गैस की समस्या होती हैं।
  • गैस बनने का तीसरा कारण माना जाता हैं कार्बोनेटेड ड्रिंक पीना जैसे:- स्प्राइट, कोका- कोला, लिमका, बीयर ओर सोडा वाटर। सॉफ्ट ड्रिंक में कार्बन डाइऑक्साइड गैस होता जो, हमारे पेट में गैस की उत्पन्न करता हैं फिर यह गैस डकार के माध्यम के बाहर निकलता हैं।
  • पेट में गैस बनने का चौथा कारण माना जाता हैं, भोजन को जल्दी में खाना। भोजन को चबा चबाकर नहीं खाना, भोजन करते समय बातें करना ओर पानी को घुट घुटकर कर नहीं पीना। भोजन करते समय कम-से-कम 15-20 मिनट का समय देना चाहिए।
  • गैस बनने का पांचवां कारण माना जाता हैं दूध वाली चाय पीना। जो लोग दूध वाली चाय का सेवन करते हैं उन लोगों में गैस की समस्या ज्यादा होती हैं, उन लोगों के मुकाबले जो लोग लाल चाय या लेम्बू वाली चाय पीते हैं।
  • अगर आप किसी-भी प्रकार का अँग्रेजी दवा का सेवन करते हैं तो, उससे भी पेट में गैस बनने का एक कारण माना जाता हैं।
  • जितने भी हरे-पत्तेदार साग-सब्जी हैं वह भी हमारे पेट में गैस बनाते हैं जैसे:- मूली, बंधगोभी, फूलगोभी, पालक और अन्य। जितने भी हरे-पत्तेदार साग-सब्जी होते हैं वह पचने में भारी होता हैं इसलिए इनके सेवन से पेट में गैस बनने की समस्या होती हैं।
  • कुछ लोगों में दूध पीने से भी गैस बनना ओर पेट फूलना जैसी समस्या होती हैं। कुछ लोगों को दूध नहीं पचता हैं जिसे हम लेक्टोस इनटोलरेंस कहते हैं। जिन्हें दूध से एलर्जी होता हैं, उसे दूध नहीं पीना चाहिए।
  • अनाज में गेहूँ भी गैस की समस्या बढ़ाता हैं। गैस से परेशान वाले लोग अपने भोजन से गेहूँ की रोटी की जगह बाजरे और मक्का का रोटी का सेवन करें।
  • हमारे आँतों में लाखों, करोड़ों की संख्या में बिक्ट्रीरिया होते हैं जो, हमारे पेट में गैस बनाते हैं।
  • एक दूसरे के विरोधी भोजन करने से भी पेट में गैस बनता हैं।
  • तनाव और डिप्रेशन भी पेट में गैस बनने का कारण माना जाता हैं। पेट और दिमाग एक दूसरे से जुड़ा रहता हैं। कई बार आप देखेंगें की जिस दिन आप तनाव में रहते हैं, उस दिन आपके पेट में गैस बन जाता हैं, पेट में भारीपन और कब्ज की भी समस्या हो जाती हैं। इसलिए सोच को पॉजिटिव रखें।
  • अधिक देर रात को खाना खाना और अधिक देर को सोना यह भी गैस बनने का एक कारण माना जाता हैं। पेट की समस्या से दूर रहने के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना जरूरी होता हैं।
  • कुछ बीमारी के कारण भी पेट में गैस बनता हैं जैसे:- पेट में अल्सर होना, शुगर, IBS की समस्या होना, IBD (पाचन संबंधित रोग) और अगर पेट में इंस्फेक्शन की समस्या हैं तो, उससे भी पेट में गैस बनती हैं।
  • अगर शरीर में पित्त दोष का बढ़ना। गैस बनने का एक कारण माना जाता हैं। इसलिए भोजन में पित्त नाशक चीजों को शामिल करना।
  • शारीरिक मेहनत नहीं करना, ज्यादा भागदौड़ वाले काम नहीं करना उससे भी पेट में गैस बनते हैं जो, लोग ऑफिस में कम्प्यूटर के सामने बैठे-बैठे ज्यादा काम करते हैं ज्यादातर उन लोगों को गैस की बनने की समस्या रहती हैं।
  • पेट में गैस बनना स्मोकिंग करना भी एक करना माना जाता हैं।
  • अधिक मात्रा में चुंगम चबाना, इससे भी पेट में गैस बनने का एक कारण माना जाता हैं।
  • समय से भोजन नहीं करना, ज्यादा देर खाली पेट रहने से भी पेट में गैस बनने की समस्या होती हैं।
  • पाचन-तंत्र ठीक से काम नहीं करना, इसके कारण भी पेट में गैस बनने की समस्या होती हैं।
  • शरीर से निकलने वाले वेग को रोकने से पेट में गैस की समस्या होती हैं। जैसे:- लैट्रिन को रोकना और पेशाब को रोकना।
पेट में गैस बनने के कारण

पेट में गैस बनने के लक्षण (Symptoms of stomach gas in Hindi)

  1. पेट फूलना और पेट में भारीपन लगना यह पेट में गैस बनने का लक्षण होता हैं।
  2. अधिक ज्यादा डकार आना और अधिक गैस पास करना, यह भी पेट में गैस बनने का एक लक्षण माना जाता हैं।
  3. पेट में दर्द और बेचैनी होना, यह भी पेट में गैस बनने का एक लक्षण हैं।
  4. पेट में सूजन होना और पेट भरा-भरा लगना, यह भी गैस का एक लक्षण माना जाता हैं।
  5. भोजन ठीक से नहीं पचना, यह भी एक पेट में गैस बनने का लक्षण माना जाता हैं।
  6. पेट में जलन होना, यह भी पेट में गैस बनने का एक लक्षण हैं।
  7. सीने में जलन होना और दर्द होना, यह भी पेट में गैस बनने का एक लक्षण माना जाता हैं।
  8. दस्त और कब्ज होना, यह भी गैस का एक लक्षण माना जाता हैं।

पेट गैस के उपचार (Treatment of stomach gas in Hindi)

पेट की गैस की समस्या को अपने लाइफस्टाइल, अपने खानपान और कुछ घरेलू उपचार से ठीक कर सकते हैं। किसी-किसी प्रस्थिति में डॉक्टरी उपचार की भी जरूरत पड़ती हैं।

पेट के गैस के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव:-

  • दिनभर में कम-से-कम 7-8 गिलास पानी जरूर पिएँ, इससे गैस की समस्या कंट्रोल रहती हैं। गुनगुना पानी ज्यादा फायदेमंद होता हैं।
  • प्रतिदिन सुबह कम-से-कम 30 मिनट व्यायाम, योग-प्राणायाम और जोगिंग करें।
  • अधिक तला-भुंजा, जंक फास्ट-फ़ूड और मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • स्मोकिंग, तम्बाकू और अल्कोहल का सेवन नहीं करना।
  • भोजन को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना। ऐसे तो आयुर्वेद कहता हैं कि, एक कोर को 32 बार चबाना चाहिए।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे:- ठंडा, स्पाईट और कोका-कोला, इन चीजों को पीने से बचें।
  • चुंगम और ज्यादा ठोस चॉकलेट को खाने से बचें।
  • जिन्हें दूध नहीं पचता वह दूध और दूध से बने चीज का सेवन नहीं, इसके साथ-साथ दूध वाली चाय का भी सेवन नहीं करें।
  • जिन्हें दूध नहीं पचता वह दूध और दूध से बने चीज का सेवन नहीं, इसके साथ-साथ चाय और कॉफ़ी का भी सेवन नहीं करें।
  • किसी भी प्रकार का तनाव और डिप्रेशन से दूर रहें।

पेट के गैस के लिए घरेलू उपचार:-

  • जिन लोगों को पेट में ज्यादा गैस बनता हो। वह एक चम्मच अजवाइन, थोड़ा काला नमक और थोड़ा हींग पानी के साथ लें, तुरंत आराम मिलेगी।
  • जिन लोगों को ज्यादा गैस बनती हो, गैस से ज्यादा परेशान हैं, पेट में गैस फसता हैं। वह आधी गिलास पानी में आधी निम्बू के रस और एक चम्मच खाने का सोडा डालकर अच्छे से मिला लें, आपको तुरंत गैस से आराम मिलती हैं।
  • सौंफ, दालचीनी और चक्र फुल को एक पॉवडर अच्छे से बना लें, इस पाउडर को गुनगुना पानी में काढ़ा के रूप में पिएँ तो गैस में आपको बहुत लाभ होता हैं।
  • अदरक वाली चाय बिना दूध डालें आपको गैस की समस्या में काफी राहत देती हैं।
  • कैमोमाइल चाय भी गैस को बाहर निकालने में बहुत मदद करती हैं।
  • एलोविरा जूस और पपीता जूस भी गैस की समस्या को दूर करने में काफी लाभ देती हैं।
  • दही और छाछ का सेवन करने से गैस बनने की संख्या में कमी आती हैं।
  • रोटी और सब्जी बनाते समय आटे और सब्जी में अजवाइन का इस्तेमाल करना, इससे पेट में बनने वाले गैस की समस्या को दूर रखता हैं।
pet ke gas ke ghareloo upchar

पेट की गैस के लिए योग-प्राणायाम (Stomach gas relief yoga in Hindi)

  1. गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए पवनमुक्तासन बहुत मदद करता हैं। इस आसन को सुबह लेट्रिन जाने से पहले कम-से-कम 5 से 15 बार के बीच जरूर करें। ध्यान रखें कि जिन लोगों घुटनों या फिर जोड़ों में दर्द हैं तो, इस आसान को नहीं करें। इस आसन को अपान आसन भी कहते हैं। (फॉलो वीडियो)
  2. गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दूसरा आसन हैं, मालासन।
  3. पेट की गैस से छुटकारा पाने के लिए तीसरा आसन हैं, हस्तपादंगुष्ठासन।
  4. पेट की गैस छुटकारा पाने के लिए चौथा योगासन हैं, उत्तानासन। (फॉलो वीडियो)
  5. पेट के पास से छुटकारा पाने के लिए पाचवां आसन हैं, अधोमुख श्वान आसन।
  6. पेट के पास से छुटकारा पाने के लिए छठवां आसन हैं, बद्ध कोणासन। इस आसन में गैस ज्यादा डकार के माध्यम से बाहर निकलता हैं।
  7. व्यायाम में ब्रिक्स वॉकिंग पेट के गैस को बाहर निकालने में बहुत मदद करता हैं।
pet gas ke liye yoga

पेट के गैस से होने वाले नुकसान (Side effects of excessive gas in stomach in Hindi)

  • अगर गैस की समस्या लम्बे समय तक चला तो, यह समस्या अल्सर में भी बदल सकता हैं।
  • जिन लोगों को गैस की समस्या अक्सर रहता हैं, उन्हें आगे चलकर शुगर जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता हैं।
  • शरीर में गैस बहुत ज्यादा बन जाएँ तो, पुरे शरीर में जलन होने लगता हैं।
  • गैस यदि ऊपर चढ़ जाता हैं तो, उससे सिर में चक्कर और बुखार भी आ सकता हैं।
  • पेट में अधिक गैस बनने से पेट फूलना और पेट में दर्द होने की समस्या हो सकती हैं।
  • पेट की गैस के कारण भूख में कमी और वजन भी कम होता हैं।
pet gas se hone wale nuksan

क्या-क्या खाने गैस बनता हैं? (Does food cause stomach gas in Hindi)

हमारे भोजन में कई ऐसे खाने-पीने के चीज हैं जो, पेट में गैस बनाने का काम करती हैं। जैसे:-

  • सेब
  • गेंहूँ
  • प्याज
  • लहसून
  • मकई का भुट्टा
  • पत्ता गोभी
  • ब्रोकोली
  • चेरी फल
  • आटिचोक
  • चोकर
  • फलियाँ
  • दूध
  • पनीर
  • रोटी
  • आइसक्रीम
  • आलू
  • बनावटी मिठास
  • आड़ू
  • नूडल्स (सेवई)
  • शतावरी
  • सूखा आलूबुखारा
  • सॉफ्ट ड्रिंक (ठंडा पेय)
  • फलों के रस
kya khane pine se pet me gas banta

गैस के समस्या में डॉक्टर को दिखाना चाहिए? (When to consult a doctor in case of gas problem)

अगर गैस सामान्य खाने-पीने से बनती हैं और कुछ मेडिकल दवाइयों और घरेलू उपचार से ठीक हो जाता हैं तो, आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं हैं।

अगर आपका पेट का गैस ज्यादा दर्द, जलन और लगातार परेशान करता हैं कि आपके रोज के काम और आपके लाइफस्टाइल को प्रभावित करता हैं तो, आपको एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने की जरूरत हैं। अगर आपको इनमें से किसी प्रकार का लक्षण और परेशानी का सामना करना पड़ता हैं तो तुरन्त डॉक्टर से मिलें।

  • वजन कम होना।
  • लगातार कब्ज या दस्त होना।
  • सीने में दर्द या जलन होना।
  • उल्टी करना।
  • लेट्रिन के साथ खून निकलना।
  • लेट्रिन के बनावटी में परिवर्तन
gas ki samsya me doctor s kab mile

FAQ. (पेट गैस से जुड़े सवाल और जबाब)

Q. 5 मिनट में गैस से छुटकारा कैसे पाएँ?

Ans:- जिन लोगों को ज्यादा गैस बनती हो, गैस से ज्यादा परेशान हैं, पेट में गैस फसता हैं। वह आधी गिलास पानी में आधी निम्बू के रस और एक चम्मच खाने का सोडा डालकर अच्छे से मिला लें, आपको तुरंत गैस से आराम मिलती हैं।

Q. पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए?

Ans:- हमेशा ध्यान रखें कि, गैस की समस्या में साधारण खाना, कम मात्रा का तला-भुजा और जल्दी पचने वाला ही खाना खाना चाहिए और भोजन को हमेशा बहुत चबाकर और समय पर ही खाना चाहिए।
पेट में गैस की समस्या हैं तो, हमेशा फ्रेश और ताजा फल का सेवन करें जैसे:- तरबूज, खीरा, केला और कीवी।
पेट की गैस में आप हमेशा ताजे हरे सब्जियों का सेवन करें जैसे:- तोरी, लौकी, पपीता और कद्दू।
गैस की समस्या में भोजन के बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए और दिनभर में 7-8 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

Q. मुझे कैसे पता चलेगा कि यह गैस का दर्द हैं?

Ans:- गैस, एसिडिटी और हार्ट अटैक के दर्द में काफी अंदर होता हैं जैसे:-
1. गैस के दर्द में आप बता सकते हैं कि, फिक्स किस जगह दर्द हो रहा हैं, बल्कि हार्ट अटैक के दर्द में आप फिक्स नहीं बता सकते हैं कि, शरीर के किस अंग में दर्द हो रहा हैं और हार्ट का दर्द काफी बड़े हिस्से में दर्द होता हैं।
2. गैस का दर्द जिस जगह होता हैं। वह उसके आसपास ही रहता हैं, बल्कि हार्ट अटैक के दर्द हाथों में या फिर मसूड़े तक जा सकता हैं।
3. गैस का दर्द ऊपर-ऊपर ही महसूस होता हैं, बल्कि हार्ट का दर्द अंदर से होकर आता हैं।
4. गैस का दर्द लम्बे समय तक रहता हैं , बल्कि हार्ट-अटैक का दर्द 1-2 मिनट के अंतराल में आता हैं और जाता हैं और जाने के बाद आता हैं तो और तेज दर्द के साथ आता हैं।
5. अगर गैस के दर्द से परेशान हैं तो, आप लेते हुए करवट बदलते हैं तो आपका दर्द घटता-बढ़ता हैं, बल्कि हार्ट-अटैक के दर्द में दर्द और बढ़ेगा घटेगा नहीं।

Q. हमारे शरीर में कितना गैस होता हैं?

Ans:- गैस हर एक आदमी के अंदर होता हैं। जब हम खाली पेट होते हैं तो हमारे अंदर 250 मिलीग्राम (ML) होती हैं और जब हम खाना खा लेते हैं तो, यह गैस 500 मिलीग्राम होता हैं।

Q. ज्यादा गैस कब बनता हैं?

Ans:- 1. जब हम ज्यादा देर खाली पेट रहते हैं।
2. जब हम ज्यादा अंडा और मटन खा लेते हैं।
3. शिफ्ट बाइज जॉब करने पर भी गैस बनती हैं।
4. बहुत ज्यादा तला-भूंजा खाने से गैस बनता हैं।
5. गर्भवती महिलाओं में दबाब के कारण गैस ज्यादा बन सकता हैं।
6. अधिक ज्यादा ड्राई फ्रूट खाने से भी गैस बनता हैं।

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