इस आर्टिकल के जरिये आपको बता रहें है कि, आई फ्लू क्या हैं? आई फ्लू के कारण, लक्षण और उपचार क्या हैं? (conjunctivitis treatment in Hindi) आई फ्लू आँखों की एक बीमारी हैं। इसे हम पिंक आई, कंजंक्टिवाइटिस और गाँव-घर में लोग इसे आँख आना भी कहते हैं। हमारे आँखों के सफेद हिस्से के ऊपर एक पारदर्शी लेयर होता हैं जो सफेद हिस्से सुरक्षा करती हैं, इस लेयर को कंजंक्टिवा कहते हैं।
जब यह कंजंक्टिवा में वायरस या बैक्ट्रीरिया से संक्रमित हो जाता तो, यह आँखों में कंजंक्टिवाइटिस नाम की बीमारी हो जाती हैं, जिसे आई फ्लू और पिंक आई भी कहते हैं, जिसमें आँख के सफेद हिस्सा लाल या हल्की पिंक कलर का हो जाता हैं।
आई फ्लू बारिश और बाढ़ के दिनों में ज्यादा फैलता हैं। 90% लोगों में आई फ्लू मामूली होता हैं, 10% लोगों में भी आई फ्लू की समस्या ज्यादा बढ़ जाती हैं, जिसमे एक अच्छे मेडिकल उपचार और कुछ उपचार और सावधानियाँ रखनी पड़ती हैं।
आई फ्लू के प्रकार (Type of Pink Eye in Hindi)
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आई फ्लू चार प्रकार के होते हैं। पहला बैक्टीरियल, दूसरा वायरल, तीसरा एलर्जिक और केमिकल आई फ्लू
बैक्टीरियल आई फ्लू (Conjunctivitis) में आँखों का लाल होना, आँखों से पानी या बलगम जमा होना और आँखों का चिपकना, ये सारे लक्षण पाएँ जाते हैं। इसमें आँख की रौशनी भी जा सकता हैं। यह ज्यादा छोटे बच्चे में दिखाई देता हैं।
दूसरा वायरल आई फ्लू और बैक्टीरियल आई फ्लू दोनों का लक्षण एक ही होता हैं, लेकिन वायरल फ्लू में बैक्टीरियल आई फ्लू के मुकाबले पानी गाढ़ा होता हैं। यह आई फ्लू आसानी से ठीक हो जाता हैं, सिर्फ ड्रॉप के मुकाबले।
तीसरा हैं एलर्जिक आई फ्लू इसका मुख्य लक्षण हैं, आँखों में खुजली होना। यह आई फ्लू बच्चों में ज्यादा होता हैं। यह आई फ्लू वातावरण, प्रदूषण, जानवर के बाल और गन्दगी के कारण होता हैं।
चौथा आई फ्लू हैं, केमिकल आई फ्लू। केमिकल आई फ्लू एसिड, प्रदूषण और अल्कोहल से हो सकती हैं। एक लक्षण भी बाकि आई फ्लू जैसा होता हैं। इसमें स्लाइन वाटर से आँखों को अच्छी तरह साफ करना चाहिए और डॉक्टर के सलाह से ही ड्रॉप या एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना चाहिए।
आई फ्लू होने के लक्षण (Conjunctivitis symptoms in Hindi)
- आँखों का लाल होना।
- आँखों में ज्यादा कीचड़ आना।
- सुबह उठने पर आँखों के दोनों पलके चिपकना।
- आँखों में दर्द होना।
- आँखों में सूजन होना।
- आँखों में पानी आना।
- आँखों में खुजली होना।
- रौशनी में देखने में दिक्कत होना।
- कुछ लोगों में देखने में भी समस्या होती हैं।
- बच्चों में बुखार भी हो जाता हैं, क्योंकि छोटे बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती हैं।
आई फ्लू होने के कारण (Conjunctivitis causes in Hindi)
- आई फ्लू होने के मुख्य कारण हैं, वायरस और बिस्ट्रीरिया का इंस्फेक्शन होना।
- आई फ्लू होने का मुख्य कारण हैं। अगर किसी को आई फ्लू हुआ हैं, वह अपने आँख को छूने के बाद किसी चीज को छू देता हैं, उसके तुरंत बाद अगर कोई उस जगह या उस चीज छूने के बाद अगर अपने आँख को छु लेते हैं तो, उससे आपको आई फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
आई फ्लू के उपचार (Conjunctivitis treatment in Hindi)
ज्यादातर मामलों में आई फ्लू अपने आप ठीक हो जाती हैं। अगर वायरल आई फ्लू हैं तो, घरेलू उपचार और कुछ सावधानियाँ से ठीक हो जाती हैं और अगर बैक्टीरियल आई फ्लू हैं तो इसमें एंटीबायोटिक दवाई और ड्रॉप की जरूरत पड़ती हैं।
आई फ्लू के घरेलू उपचार (Conjunctivitis treatment at home in Hindi)
- आँखों को साफ करना। पानी को गुनगुना गर्म करना हैं, उसके बाद जब पानी ठंडा हो जाएँ। उस पानी से रुई या टिसू पेपर के माध्यम से आँखों को अच्छे से साफ करना हैं। एक रुई और एक टिसू पेपर के टुकड़े को एक बार ही इस्तेमाल करना हैं। अगर अस्पताल में हैं तो, गुनगुना पानी की जगह स्लाइन वाटर का इस्तेमाल करना हैं।
- आँखों में काले रंग का चश्मा लगाना हैं।
- आँखों को रगड़ना नहीं हैं, क्योंकि अगर एक ही आँख में हुआ हैं तो, उससे दूसरे आँख में भी होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- जो लोग आँखों में लेंस का इस्तेमाल करते हैं, वह लोग लेंस का इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर दें।
- बिना डॉक्टर सलाह से कोई भी दवाई नहीं लेनी हैं।
- लम्बी और गहरी नींद लें।
आई फ्लू का बचाव क्या हैं? (Prevention of conjunctivitis in Hindi)
- हाथ को बार-बार धोएँ या हाथ को सेनिटाइजर करना हैं।
- जिन्हें आई फ्लू हुआ हो, उनके सम्पर्क में आने से बचें।
- किसी भी प्रकार के लेंस का इस्तेमाल करने से बचें।
- आँखों में काले रंग का चश्मा पहनें।
- बार-बार आँखों को न छुएँ।
- साफ पानी से अपने आँखों को धोएँ।
- संक्रमित व्यक्ति के बेडशीट, तकिया, टॉवल और अन्य चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।
- इन दिनों तालाब, नदी और स्विमिंग पुल में स्थान करने से बचें।
- साफ वातावरण बनाकर रखें और भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाने से बचें।
- बारिश में भीगने और ज्यादा पसीने से बचें।
- आँखों में किसी-भी प्रकार का मेकउप ना करें।
FAQ. (आई फ्लू से जुड़े कुछ सवाल और जबाब)
Q. आई फ्लू क्यों होता हैं?
Ans:- आई फ्लू वायरस और बिस्ट्रीरिया का सपर्क में आने से फैलता हैं। ये वायरस और बिस्ट्रीरिया ज्यादातर वर्षा के दिनों में और बाढ़ के दिनों में उत्पन्न होते हैं। ज्यादातर लोगों को वायरल आई फ्लू देखने को मिलती हैं।
Q. आई फ्लू होने पर क्या करें?
Ans:- आई फ्लू होने पर सबसे पहले अपने आँखों को गुनगुना या स्लायन वाटर से धोएँ। ज्यादा रौशनी में नहीं रहें और मोबाइल, लेपटॉप और कंप्यूटर का इस्तेमल नहीं करें। आँखों में किसी प्रकार का लेंस का इस्तेमाल नहीं करें। आँखों को रगड़ना नहीं हैं। बिना डॉक्टर की सलाह से किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन नहीं करना हैं।
Q. आई फ्लू कितने दिन में ठीक होता हैं?
Ans:- आई फ्लू कितने दिनों में ठीक होगा। यह निर्भर करता हैं कि, किस प्रकार इंस्फेक्शन हैं, ज्यादातर केश में आई फ्लू 8 से 10 दिन ठीक हो जाता हैं, किसी कारणवश ठीक होने में महीनों लग सकते हैं।
Q. क्या आई फ्लू से संक्रमित लोगों से मिलने से आई फ्लू होता हैं?
Ans:- आई फ्लू किसी संक्रमित व्यक्ति से मिलने या फिर उसे देखने से नहीं फैलता हैं। आई फ्लू फैलता हैं, अगर कोई संक्रमित व्यक्ति अपने आँखों को छूने के बाद अगर किसी चीज को छुवा हो और उसके तुरंत बाद उसी चीज या स्थान को आप छू लेते हैं और उस हाथ को अपने आँखों में लगाते हैं तो, उससे आपको आई फ्लू होने का 100% बढ़ जाता हैं।
Q. क्या आई फ्लू होने पर बुखार आता हैं?
Ans:- छोटे बच्चों में आई फ्लू से बुखार हो सकता हैं, क्योंकि छोटे बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती हैं।
Q. क्या आई फ्लू होने पर मोबाइल देखना चाहिए?
Ans:- आई फ्लू होने पर मोबाइल कंप्यूटर ना के बराकर इस्तेमाल करना चाहिए और रौशनी वाले जगहों में नहीं रहना चाहिए, ताकि आँखों में समस्या न हो।
Q. आई फ्लू में डॉक्टर से कब मिलें?
Ans:- आँखों से पानी आना, आँखों से सफेद बलगम जैसा आना, आँखों से धुँधला दिखाई देना या फिर हाल में ही आपने आँखों का कोई ऑप्रेशन किया हो। इस तरह की समस्या हैं तो, तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।
Q. आई फ्लू में कौन-सी ड्रॉप डालें?
Ans:- कौन-सा ड्रॉप डालें। यह किस तरह समस्या हैं उस पर निर्भर करता हैं। कोई भी ड्रॉप बिना डॉक्टर के सलाह से नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। जिस आँख में आई फ्लू की समस्या हैं, सिर्फ उसी आँख में ड्रॉप डालना हैं और किसी और ड्रॉप परिवार में किसी सदस्य को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आपका आँख के बीमारी संबंधित किसी और बीमारी का दवा चल रहा हैं तो उसको बंद नहीं करना हैं। डॉक्टर आई फ्लू का जो दवाई देता हैं, उसके साथ इसे भी इस्तेमाल करना हैं।
Q. आई फ्लू होने पर बच्चों को स्कूल कब तक नहीं जाना चाहिए?
Ans:- स्कूल बच्चों को आई फ्लू होने पर कम-से-कम 10 से 15 दिन तक छुट्टी कर लेना चाहिए, जब तक अच्छी तरह से ठीक ना हो जाएँ और ऑफिस में काम करने वाले को 3-4 दिन का छुट्टी लें लेनी चाहिए।
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