इस आर्टिकल के जरिये हम आपको बता रहें हैं कि, कब्ज क्या हैं, इसके होने का मुख्य कारण और इसका नेचुरल, योग और घरेलू उपचार क्या हैं? (Constipation Treatment at Home in Hindi) कब्ज होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?
कब्ज क्या हैं?
कब्ज वह होता हैं, जब हम लेट्रिन के लिए शौचालय जाते हैं, एक बार में पेट पूरी तरह से साफ़ नहीं होता हैं या फिर शौच के लिए जोर लगाना पड़ता हैं। लेट्रिन कठोर होना यह भी कब्ज की पहचान हैं।
ऐसा माना जाता हैं कि, अगर एक बार में पूरी तरह पेट साफ़ नहीं होता या फिर एक-दो दिन तक लगातार पेट साफ नहीं होता तो, ऐसे हम कब्ज कहते हैं, लेकिन मेडिकल साइंस का यह मानना हैं कि अगर हप्ते में तीन बार से कम लेट्रिन के लिए जाते हैं तो भी इसे कब्ज माना जाएगा, लेकिन ये बातें यूरोप के देशों में लागू होता हैं। आयुर्वेद का मानना हैं कि 24 घंटे में एक बार लेट्रिन होना चाहिए।
कुल भारत में 22% लोग कब्ज की समस्या से परेशान हैं। 60% पुरुषों में और 40% महिलाओं में कब्ज की समस्या होती हैं। कब्ज एक कॉमन समस्या हैं जो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में कब्ज की समस्या अधिक देखी गई हैं। कब्ज की समस्या अगर लम्बे समय तक बना रहा तो, इसे एक गंभीर समस्या माना जाता हैं, इसके कारण शरीर ढेर सारी बीमारियाँ आती हैं।
कब्ज दो प्रकार के होते हैं, पहला क्रोनिक और दूसरा एक्यूट। क्रोनिक कब्ज वह कब्ज हैं जो लम्बे समय तक चलता हैं जो अच्छी खानपान, लाइफस्टाइल और व्यायाम से भी राहत नहीं मिलती हैं, जिसके कारण डॉक्टर के उपचार की जरूरत पड़ती हैं। दूसरा एक्यूट कब्ज जो कम समय और कुछ दिनों तक होता हैं जो अच्छी खानपान, लाइफस्टाइल और योग-व्यायाम से राहत मिल जाती हैं।

कब्ज होने के लक्षण (Symptoms of constipation in Hindi)
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