ओमीक्रॉन के लक्षण, कारण और बचाव क्या हैं? | (Omicron Treatment at Home in Hindi)

688

आज हम इस पोस्ट के जरिये बता रहें हैं कि, ओमीक्रॉन के बारे में कि, ओमीक्रॉन का क्या लक्षण, कारण और उपचार क्या हैं और ओमीक्रॉन का घर पर इलाज कैसे करें? (Omicron Treatment at Home in Hindi) ओमीक्रॉन कोरोना वायरस का ही अगला रूप हैं। कोरोना वायरस के इस वेरियंट का कोड नाम हैं, B.1.1.529 और जो इससे पहले नया कोरोना वायरस आया था, उसका कोड नाम था, B.1.617.2 दिया था। 

WHO ने कोरोना के इस नए वेरियंट को वेरियंट ऑफ़ कंसर्न (Concern) की श्रेणी में रखा हैं। कंसर्न का मतलब हैं कि, ज्यादा तेजी से फैलना, खतरा और देश में आपातकालीन की स्थिति ला सकती हैं और जो न्य कोरोना वायरस था, उसे डेल्टा वेरियंट के नाम से जाना जाता हैं, इसे वेरियंट ऑफ़ इंट्रेंस की श्रेणी में रखा गया था, जिसका मतलब हैं कि, कम खतरा और आसानी से रिकवरी होना। 

ओमीक्रॉन वायरस के क्या लक्षण हैं? (Omicron Symptoms in Hindi)

  • ओमीक्रॉन के पहला लक्षण हैं, सिर में दर्द होना। 
  • ओमीक्रॉन का दूसरा लक्षण हैं, हल्की सर्दी-खाँसी और गले में खरास होना जैसे समस्या हो सकती हैं। 
  • ओमीक्रॉन का तीसरा लक्षण हैं, हल्की बुखार होना। बुखार में 101 डिग्री तक टेम्प्रेचर जा सकता हैं। 
  • ओमीक्रॉन का जो लक्षण हैं, वह हैं कमजोरी, थकान और सुस्ती जैसी समस्या होना। 
 
अगर आपको इन सभी लक्षणों की तरह लगें तो, अपने आपको औरों से अलग रखना चाहिए। दूसरों से अलग रखें और अपने आपको होम आइसोलेशन करें। 

ओमीक्रॉन वायरस की कुछ महत्वपूर्ण बातें (Omicron Important Points in Hindi)

ओमीक्रॉन को वेरियंट ऑफ़ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया हैं, जो वायरस को वेरियंट ऑफ़ कंसर्न की श्रेणी में रखा जाता हैं, वह ज्यादा खतरनाक माना जाता हैं, लेकिन ओमीक्रॉन में अबतक ऐसा असर देखने को नहीं मिला हैं। 
 
ओमीक्रॉन वायरस की यह खास बात हैं कि, इस वायरस का लक्षण 10 से 15 प्रतिशत लोगों में ही दिखाई देता हैं। बाकि 85% लोगों में इस वायरस का लक्षण ठीक से दिखाई नहीं देता हैं। 
 
ओमीक्रॉन वायरस की खास बात यह भी हैं कि, यह वायरस बहुत तेजी से फैलता हैं, लेकिन सभी लोगों को ओमीक्रॉन के कारण आइसोलेशन करने की जरूरत नहीं पड़ती हैं और ठीक भी जल्दी हो जाता हैं। ओमीक्रॉन वेरियंट, नया कोरोना वायरस के मुकाबले कम घातक सिद्ध हुआ हैं। 

ओमीक्रॉन वायरस से इफेक्ट होने के मुख्य कारण क्या हैं?

  • ओमीक्रॉन वायरस से इफेक्ट होने का मुख्य कारण माना जाता हैं कि, लोगों के संपर्क में आना।
  • बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग नहीं करना, ये भी ओमीक्रॉन वायरस से इफेक्ट होने का मुख्य कारण माना जाता हैं। 
  • ओमीक्रॉन वायरस से इफेक्ट होने का कारण यह भी माना जाता हैं कि, ज्यादा भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाना। 
  • ज्यादा एक जगह-से-दूसरे सफर करना, यह भी ओमीक्रॉन से इफेक्ट होने का कारण माना जाता हैं। 
  • साफ-सफाई में ध्यान नहीं देना, बार-बार हाथ नहीं होना और सेनिटाइज़र का इस्तेमाल नहीं करना।

ओमीक्रॉन वायरस के क्या उपचार हैं? (Omicron Treatment Guidelines in Hindi)

ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट के कोरोना वायरस का ही अगला रूप हैं, जो उपचार हम नया कोरोना के लिए करते थे, ठीक उसी तरह इस ओमीक्रॉन वायरस का भी उपचार करेंगें। 
 
अगर आपको ओमीक्रॉन के लक्षण दिखाई देते और जाँच में ओमीक्रॉन पॉजिटिव आता हैं तो, आपको डरने की बात नहीं हैं। ओमीक्रॉन वायरस एक मामूली संक्रमण हैं, इसमें 85% लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं, 10 से 15 प्रतिशत लोगों को ही हॉस्पिटल जाने की जरूरत पड़ती हैं। 
 
मान लिया कि, अगर आपको ओमीक्रॉन पॉजिटिव हो गया तो, आप डॉक्टर के संपर्क में रहें और उसमें हर बातें की सलाह लेते हैं। हर प्रकार की समस्या के लिए दवाई उपलब्ध हैं। किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह ने नहीं करना चाहिए। ओमीक्रॉन में बुखार की समस्या के लिए दवाई पेरासिटामोल डोलो 650mg बहुत ही कारगर साबित हो रहा हैं। 
 
बाकि अपने शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना हैं और इस वायरस का सामना डटकर करना हैं। दो गज दूरी बना कर रखना हैं। बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करना हैं। समय-समय पर हाथ धोते रहना और सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करते रहना हैं। हमे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाने से बचना हैं।

ओमीक्रॉन से बचने के लिए क्या खाएँ? (Omicron Food to Eat in Hindi)

अगर आपको ओमीक्रॉन हो गया हैं या फिर आपको ओमीक्रॉन के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दें रहा हैं तो, उन चीजों का सेवन जरूर करें जो शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। 
  
ओमीक्रॉन हो चाहें कोरोना इनसे बचने के लिए आप ज्यादातर प्लांट-फूड का इस्तेमाल करें जैसे:- हरे-पत्तेदार साग-सब्जियाँ, इनको सलाद के रूप में कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता हैं। ये हमारे शरीर के रोग-प्रतिरोधक बढ़ाने काफी मदद करती हैं। डॉक्टरों का कहना हैं कि, जो लोग निरंतर रूप से प्लांट-फूड का इस्तेमाल करते हैं, वह लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते हैं। ऐसे लोग वायरस की चपेट में आने का खतरा 15% कम होता हैं और हॉस्पिटल में भर्ती करने की रिस्क 40% कम होता हैं। 
 
हरे-पत्तेदार साग-सब्जियों में विटामिन A, विटामिन B6, B12 होता हैं और फलों से विटामिन A,C मिलता हैं, इसके साथ-साथ ड्राई-फ्रूट से विटामिन E, आयरन और वसा होता हैं जो शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता हैं और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता हैं। ज्यादातर प्रोटीन और कैलरीज युक्त भोजन का सेवन करें। 
 
फलों में खट्टे फल का सेवन जरूर करें जैसे:- संतरा, मोस्समी, और कीवी जैसे फल। खट्टे फलों में विटामिन C भरपूर में पाया जाता हैं जो हमारे शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद हैं। 
 
खाने में बाजरे का सेवन किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए। बाजरे में विटामिन, मिनिरल्स और फाइबर होता हैं जो बहुत लाभकारी होता हैं और सर्दियों में शरीर को गर्म करने में मदद करता हैं।
 
गुड़ खाना बहुत अच्छा होता हैं। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, पौटेशियम, सेलेनियम और जिंक होता हैं जो इम्यून सिस्टम मजबूत करने में काफी मदद होता हैं। गुड़ को काढ़े में मिलाकर पिया जाएँ तो रोग-प्रतिरोधक बढ़ाने में बहुत मदद करता हैं। 
 
आंवला में विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमार से बचाने के लिए बहुत मदद करता हैं इसलिए आंवला का सेवन किसी-न किसी रूप में जरूर करना चाहिए। आंवला का सेवन आप जूस, आचार, चट्नी, मुरब्बा और चूर्ण के रूप में कर सकते हैं। 
 
देशी गाय के घी का सेवन करना, यह हमारे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और ऊर्जा देने का काम करता हैं।सर्दियों में घी का सेवन करना शरीर को गर्म का काम करता हैं। 
 
अनाज में साउद अनाज और मल्टीग्रेड आटा, दाल का सेवन करें। जैसे:- दलिया, राजमा, ओट्स, ज्वार और बाजरा को खाने में इस्तेमाल करें। 
 
अगर शाकाहारी हैं तो, दूध, दही, छोले राजमा और पनीर जैसे चीजों को शामिल खाने में शामिल जरूर करें और मांसाहारी हैं तो खाने में मछली, मांस और अंडा को शामिल करें। 
 
आप दिन में 2 से 3 बार काढ़ा या हर्बल टी का भी सेवन कर सकते हैं। हर्बल टी में हल्दी, अदरक, दालचीनी को पानी में उबालकर इसे हर्बल टी के रूप में पी सकते हैं। इसे पानी के अलावे दूध में भी डालकर पी सकते हैं। 
 
इसके अलावा आप काढ़ा भी दिन 2-3 दिन बार पी सकते हैं, जिसमे आप तुलसी, दालचीनी, मुलेठी, इलाइची, कालीमिर्च और लोंग डालकर बनाकर पी सकते हैं। ये हमारे शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता हैं और बीमारी को दूर रखने में मदद करता हैं। कोरोना और ओमीक्रॉन जैसे वायरस से बचाने में मदद करता हैं। 
 
वायरस के दिनों में अपने आपको डिहाइड्रेशन होने नहीं दें। इसके लिए आप समय-समय पर निम्बू पानी, सरबत पानी और नारियल पानी जरूर पियें। शरीर में पानी को कमी नहीं होने दें। 
 
वायरस के दिनों में आप अधिक नमक और नमक जैसे चीजों का कम सेवन करें और बाहर के जंक, फ़ास्ट-फ़ूड और कोल्डड्रिंक जैसे चीजों का सेवन नहीं करें। इन चीजों से दूर रहें, ये सारे चीज रोग-प्रतिरोधक को कमजोर करता हैं। 
 

ओमीक्रॉन का इलाज घर पर कैसे करें? (Omicron Treatment at Home in Hindi)

ओमीक्रॉन में उन लोगों को इलाज की जरूरत पड़ती हैं, जिन लोगों में ओमीक्रॉन का लक्षण दिखाई देता हैं। अगर जिन रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देता हैं उन्हें इलाज की जरूरत नहीं पड़ती हैं। कोरोना या ओमीक्रॉन जैसे वायरस इंस्फेक्शन में बहुत ज्यादा घुलनशील चीजों का सेवन करना हैं, वह घुलनशील चीज हल्की गर्म होनी चाहिए। 
 
एक दिन में कम-से-कम 3 से 4 लीटर सेवन करें, उनमें से 3 लीटर पानी हो और लगभग 1 लीटर कॉफी, चाय और काढ़ा हो। अगर आपको शुगर हैं तो चाय में चीनी मात्रा बहुत कम रखें।अगर आपके पास उपलब्ध हैं तो किसी भी प्रकार का फ्रेश, ताजा जूस का सेवन करें। जूस फ्रीज में रखा नहीं हो, सामान्य तापमान का निकाला हुआ हैं। 
 
आप ज्यादा-से-ज्यादा प्रोटीनयुक्त चीजों का सेवन करें। जैसे:- अंडा, मांस, पनीर, दाल और ड्राई-फ्रूट जैसे चीजों का सेवन करें। मतलब ज्यादा गर्म चीजों का सेवन करें। 
 
सामान्य खानपान के अलावे दवाई की भी जरूरत पड़ती हैं। दवाई में आप बुखार की दवाई रखें, गले की खरास के लिए भी दवाई रखें और सर्दी-खाँसी और थकान की समस्या के भी दवाई रखें, लेकिन किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी हैं। 
 
अभी तक ओमीक्रॉन एक सामान्य वायरल इंस्फेक्शन साबित हुआ हैं। ओमीक्रॉन 5 दिनों के अंदर रिकवर हो जाता हैं। अगर ओमीक्रॉन घर से ठीक नहीं हो रहा हैं तो, ऐसे हालात में अपने आप को हॉस्पिटल में भर्ती करें और डॉक्टर के निगरानी में अपना इलाज करावें।

WHO ने कोरोना के नये वेरियंट का नाम ओमीक्रॉन ही क्यों रखा?

WHO ने कोरोना के नये वेरियंट को वेरियंट ऑफ़ कंसर्न के श्रेणी में रखते हुए, इसका नाम Nu रखने वाला, लेकिन Nu के आगे जो शब्द था, वह था XI (जी) और XI का मतबल हैं जी जिनपिंग और जी जिनपिंग हैं चीन के राष्ट्रपति। WHO ने सोचा कि चीन के राष्ट्रपति का नाम ख़राब नहीं हो इसलिए WHO ने Nu और XI को छोड़कर आगे बढ़ गया और कोरोना के नये वेरियंट का नाम ओमीक्रॉन रख दिया। 

FAQ (ओमीक्रॉन से जुड़े सवाल और जबाब)

Q. ओमीक्रॉन का पहला केस कहाँ पाया गया था?
Ans:- ओमीक्रॉन का पहला केस बोत्सवाना में पाया गया था, लेकिन इसकी खुलासा दक्षिण अफ्रीका के विज्ञानिक ने किया था कि, कोरोना वायरस का ऐसा कोई वेरियंट देखा जा रहा हैं उसके बाद दुनिया के अलग-अलग देश में यह वायरस तेजी से फैलने लगा जैसे:- दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और नूजीलैंड के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में बहुत तेजी से फेल रहा हैं। 
 
Q. ओमीक्रॉन कितना खतरनाक हैं?
Ans:- WHO ने ओमीक्रॉन को जितना खतरनाक बताया हैं, अभी तक ओमीक्रॉन उतना घातक सिद्ध नहीं हुआ हैं। यह ओमीक्रॉन डेल्टा वेरियंट के COVID-19 के मुकाबले 60% तेजी से फैलता हैं, लेकिन COVID-19 के  जानलेवा साबित हुआ हैं। यह COVID-19 के मुकाबले फेफड़ा को 10 गुना कम नुकसान करता हैं। डेल्टा वेरियंट के मुकाबले ओमीक्रॉन में हॉस्पिटल में भर्ती करने का रिस्क 80% कम हैं। अगर आपने वेक्सीन लगवाया हैं तो काम करेगा फिर भी ओमीक्रॉन से खतरा हैं। इससे बचने के मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करें। 
 
Q. क्या ओमीक्रॉन एक बार होने के बाद दुबारा हो सकता हैं?
Ans:- अगर आपको एक बार ओमीक्रॉन हो गया हैं तो दुबारा होने का संभावना बहुत कम हो जाती हैं। अगर वेक्सीन लगवाया हैं तो ओमीक्रॉन होने का खतरा और भी कम हो जाता हैं। अगर कोई नया वेरियंट आता हैं तो ऐसे हालत में होने का खतरा बढ़ जाता हैं। ऐसे समय में अपने स्वास्थ की देखभाल अच्छी तरह से करें और इससे बचने का कोशिश करें। 
 
Q. क्या बच्चों में ओमीक्रॉन हो सकता हैं?
Ans:- हाँ बच्चों में भी ओमीक्रॉन हो सकता हैं, इसलिए बच्चों को घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें।
 
 
अन्य पढ़े:-