सर्दियों में गुड़ खाने के 18 फायदे और नुकसान, पोषक-तत्व, कब और कितना

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आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये बता रहें हैं कि, सर्दियों में गुड़ खाने के 18 फायदे और नुकसान, पोषक-तत्व, कब और कितना और गुड़ खाने का सही समय क्या होता हैं। (Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi) इसके अलावे कौन-सा गुड़ सबसे अच्छा होता हैं और गुड़ की तासीर कैसी होती हैं।

गुड़ की तासीर गर्म होती हैं, इसे सर्दियों में ज्यादा और गर्मियों में कम खाया जाता हैं। गुड़ गन्ने के रस से बनाया जाता हैं। गन्ने का रस की तासीर ठंडी होती हैं, लेकिन गन्ने के रस को गर्म करने के बाद जो गुड़ बनता हैं, इसलिए गुड़ की तासीर गर्म हो जाती हैं। गुड़ का सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता हैं। पुरे दुनिया का 70% गुड़ भारत में उत्पादन होता हैं। भारत के सभी जगह गुड़ आसानी से मिल जाता हैं।

गुड़ हमें कई रंगों में दिखाई देता हैं जैसे:- पीले सफेद और डार्क कलर, जिसे हम चॉकलेटी कलर भी कहते हैं। इन दो रंगों में सबसे अच्छा चॉकलेटी रंग का गुड़ जो होता हैं, वह गुड़ सबसे अच्छा गुड़ होता हैं। आयुर्वेद में कहा गया हैं कि जो गुड़ जितना पुराना हैं, वह गुड़ उतना गुणकारी होता हैं।gud khane ke fayde our nuksan

गुड़ बनाने के बाद का जो प्रोसेस होता हैं, उससे चीनी बनाया जाता हैं। गुड़ बनाने में ना के बराबर कैमिकल्स का इस्तेमाल होता हैं और चीनी में कई सारे कैमिकल्स का इस्तेमाल होता हैं। गुड़ खाने के कई सारे फायदे हैं, लेकिन चीनी खाने के कई सारे नुकसान हैं। गुड़ में कई सारे पोषक-तत्व पाएँ जाते हैं।

गुड़ खाने से कई सारे हेल्थ लाभ मिलती हैं। गुड़ बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी बहुत लाभदायक होता हैं। गुड़ चीनी का एक अच्छा अल्टरनेटिव माना जाता हैं। अगर चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें तो, चीनी में डालें गएँ केमिकल्स और उनसें होने वाले नुकसान से बच जाते हैं। गुड़ और चीनी के मिठास लगभग बराबर ही होता हैं।

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर हैं। भोजन के बाद मीठा खाने वालों के लिए गुड़ सबसे अच्छा विकल्प हैं। वह लोग जो भोजन के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं, वह लोग गुड़ का एक छोटा टुकड़ा 15-20 ग्राम का जरूर खाएँ। गन्ने के जूस के अलावे और दो गुड़ होता हैं, जो सीजन में पाया जाता हैं, एक तार का गुड़ और दूसरा खजूर का गुड़।

Jaggery Benefits in Hindi

गुड़ के फायदे (Jaggery Benefits in Hindi)

1. खून की कमी (एनीमिया):-

गुड़ में आयरन अच्छे मात्रा में पाया जाता हैं, जिससे शरीर में खून की कमी को पूरा करता हैं। जिन लोगों के शरीर में खून कम हैं, उन लोगों को खासकर सर्दियों के मौषम में गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए, जो लोग ज्यादा थकान, कमजोरी महसूस करते हैं, उन लोगों को भी गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए। गुड़ हमारे में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता हैं। गर्भवती महिलाओं को भी गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए। खून की कमी को पूरा करने के लिए गुड़ का सेवन 3 महीने से ज्यादा नहीं करना चाहिए।

2. ब्लड-प्रेशर कंट्रोल करना:-

गुड़ में पौटेशियम और सोडियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जो ब्लड-प्रेशर को नियंत्रण करने में मदद करता हैं। हाई ब्लड-प्रेशर वाले लोगों को गुड़ का सेवन जरूर करता चाहिए।

3. सर्दी-खाँसी में लाभ:-

गुड़ में कई सारे विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो, सर्दी-खाँसी को कम करने में मदद करता हैं। सर्दी-खाँसी में गुड़ को आप गर्म पानी या चाय के साथ सेवन कर सकते हैं।

4. कब्ज में लाभ:-

गुड़ में फाइबर भी होता हैं जो, कब्ज की समस्या को ठीक करने में मदद करता हैं, जिससे पेट अच्छी तरह से साफ होता हैं। जो लोग कब्ज से हमेशा कब्ज से परेशान रहते हैं, उन लोगों को गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए।

5. गैस और एसिडिटी में राहत देना:-

गुड़ में कई सारे पोषक-तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएँ जाते हैं जो, गैस और एसिडिटी की समस्या में भी राहत देती हैं और पेट को ठीक रखने में मदद करता हैं।

6. तुरन्त ऊर्जा लेवल बढ़ाना:-

गुड़ में कई सारे विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जिससे सेवन से हमारे शरीर का एनर्जी लेवल तुरन्त बढ़ाता हैं और थकान, कमजोरी जैसे समस्या को दूर रखता हैं।

7. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना:-

वर्ष 2012 में पाया गया हैं कि, गुड़ में कई एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन, मिनिरल्स पोषक-तत्व पाएँ जाते हैं जो, हमारे शरीर का इम्युनिटी लेवल बढ़ाने में मदद करता हैं, जिससे हमलोग कम बीमार पड़ते हैं और लम्बे समय तक स्वस्थ रहते हैं।

8. लिवर के लिए अच्छा:-

गुड़ में बहुत सारे ऐसे गुण भी होते हैं जो, लिवर के लिए बहुत अच्छा होता हैं। गुड़ के नियमित सेवन से लिवर को ताकत देता हैं और लिवर में जमे गन्दगी को साफ भी करता हैं। लिवर के साथ-साथ खून को भी साफ करने का काम करता हैं और खून को शुद्ध भी करता हैं।

9. शरीर को साफ करना:-

गुड़ को शुद्ध नेचुरल फ़ूड माना जाता हैं। लोगों को भोजन के बाद अक्सर मीठा पसंद होता हैं। मीठे तौर पर भोजन के बाद एक छोटा टुकड़ा गुड़ का सेवन करने से, यह शरीर से फेफड़ों, आंतों, आहार नली और साँस द्वारा शरीर के बेकार पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता हैं।

10. अस्थमा में लाभ:-

जिन लोगों को बार-बार साँस संबंधित समस्या होती हैं, उनके लिए गुड़ खाना बहुत लाभकारी होता हैं। गुड़ में कई ऐसे पोषक-तत्व पाएँ जाते हैं, फेफड़ों, साँस नली को ताकत देता हैं और इनके जमे गन्दगी को बाहर निकालता हैं। गुड़ को तुलसी, सोंठ, काली मिर्च और तिल के साथ सेवन करते से ज्यादा लाभ मिलती हैं।

11. जोड़ों के दर्द में लाभ:-

गुड़ जोड़ों के दर्द को कम करने में काफी मदद करता हैं और हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करता हैं। गुड़ में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाएँ जाते हैं, जो हड्डियों के किसी भी तरह के समस्या में बहुत लाभ देती हैं। गुड़ को अदरक के साथ सेवन करने से हड्डियों से जुड़े समस्या में बेहतर लाभ मिलती हैं।

12. तनाव और चिंता को कम करने में लाभ:-

गुड़ में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएँ जाते हैं, जिसके सेवन से तनाव जैसे समस्या को कम करने में बहुत मदद करता हैं और माइग्रेन जैसे समस्या को भी कम करने में काफी मदद करती हैं।

13. मोटापा कण्ट्रोल करने में लाभ:-

गुड़ में कई ऐसे विटामिन, मिनिरल्स होते जो, आँतों को मजबूत, खून को साफ, शरीर से ख़राब तत्व को बाहर निकालने में मदद करता हैं और शरीर का मेटाबोलिज्म को ठीक करता हैं, जिससे वजन को नियंत्रण करने में मदद करता हैं।

14. पेशाब संबंधित समस्या में लाभ:-

गुड़ जो नेचुरल स्वीटनर कहा जाता हैं। गुड़ में कई विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो, पेशाब में सूजन को कम करता हैं और पेशाब खुलकर आने में मदद करता हैं।

15. गर्मी प्रदान करना:-

गुड़ खाने से शरीर में तुरन्त गर्मी लाने का काम करता हैं, क्योकिं गुड़ की तासीर गर्म होती हैं। खासकर सर्दियों के मौषम में गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए।

16. मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में राहत मिलना:-

महिलाओं में मासिक धर्म के होने वाले मड़ोड़, ऐठन से होने वाले दर्द से राहत देने में काफी मदद करता हैं। गुड़ खाने से शरीर में एंडोफ्रीन नामक हार्मोन उत्पन्न होता हैं जो, एक खुशी देने वाला हार्मोन हैं, जिससे प्रेमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से होने वाले लक्षण जैसे:- चिड़चिड़ापन, दिमाग चढ़ा रहना और खाने की इच्छा करना जैसे कई लक्षणों को कम करने मदद करता हैं। गुड़ के नियमित सेवन से मासिक धर्म के दौरान रक्त के अधिक बहाव को कम करने में मदद करता हैं।

17. कफ और वात दोष में लाभ:-

जिन लोगों का शरीर में कफ बढ़ा हुआ हैं, उन लोगों को गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए। शहद भी कफ की समस्या को ख़त्म करने में मदद करता हैं। कफ दोष और वात वाले लोगों को शर्दियों के मोषम में गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए।

18. बच्चों में लाभ:-

1 वर्ष के बाद छोटे बच्चों को आप गुड़ कभी-भी दे सकते हैं। गुड़ बच्चों को मजबूत, खून बढ़ाने और उनके विकास में काफी मदद करता हैं। बच्चों को गुड़ चना अच्छा परिणाम देता हैं।

Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi

गुड़ में पाएँ जाने वाले पोषक-तत्व (Jaggery Nutrients Value in India)

एक कप के एक-चौथाई भाग में गुड़ के पोषक-तत्व (लगभग 30 ग्राम)

  • कैलरीज 100
  • सुक्रोज़ : लगभग 15 ग्राम
  • कार्बोहायड्रेट : 25 ग्राम
  • प्रोटीन : (लगभग 1 ग्राम)
  • वसा : (लगभग 1 ग्राम)
  • चीनी : 24 ग्राम
  • फाइबर : (लगभग 1 ग्राम)
  • सोडिय : (लगभग 6 मिलीग्राम)
  • पौटेशियम : लगभग 4 मिलीग्राम
  • कैल्शियम : लगभग 15 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम : लगभग 20 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस : लगभग (8 मिलीग्राम)
  • एंटीऑक्सीडेंट
  • आयरन
  • कॉपर
  • जिंक
  • सेलेनियम
  • फायटोकेमिकल्स
  • विटामिन B (नियासिन, थायमिन और रिबोफ्लेविन)

(नोट:- गुड़ में कैलरीज सबसे ज्यादा पाया जाता हैं और बाकि पोषक-तत्व कम मात्रा में पाया जाता हैं। गुड़ और चीनी में मात्रा 4 कैलरीज का ही अंतर होता हैं और दोनों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी लगभग बराबर ही हैं।)

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गुड़ खाने के नुकसान (Jaggery Side Effects in Hindi)

गुड़ में कई ऐसे पोषक-तत्व होते हैं, यदि कम मात्रा में इसका सेवन किया जाएँ तो, इसके कई सारे लाभ हैं। लेकिन वहीं कई लोगों में गुड़ खाने के कई सारे नुकसान हो सकते हैं। अगर आप अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करते हैं तो, आप डॉक्टर का सलाह जरूर लें।

अधिक मात्रा में गुड़ खाने से होने वाले कई नुकसान

  1. गुड़ खाने से खून में शुगर लेवल बढ़ता हैं। गुड़ की मिठास लगभग चीनी के बराबर ही होता हैं। मधुमेह रोगियों को गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए, इसलिए मधुमेह वाले रोगी अपने खानपान में गुड़ को शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  2. कई ऐसे गुड़ हमारे आंतों और बेचैनी जैसी समस्या उत्पन्न भी कर देते हैं। कई ऐसे गुड़ जिनको घर में बनाया गया हो या फिर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा हो, ऐसे गुड़ में विषाणु उत्पन्न होने का डर होता हैं। ऐसे में केवल गुड़ व्यवसाय से ही जुड़ लेना अच्छा होता हैं और इन समस्याओं से बच जाते हैं।
  3. चीनी के अधिक सेवन से वजन बढ़ने का खतरा होता हैं, क्योकिं गुड़ भी चीनी का ही एक रूप हैं। लेकिन ऐसा कोई खोज में साबित नहीं हुआ कि, चीनी खाने से मोटापा बढ़ता हैं, फिर भी मोटापा वाले लोगों को मीठा का सेवन कम करना चाहिए।
  4. ऐसे व्यक्ति जो संवेदनशील (नाजुक) होते हैं, उन लोगों में गुड़ खाने से एलर्जी की समस्या हो सकती हैं, हलाकिं यह समस्या हर किसी को नहीं होता हैं। ऐसे व्यक्ति को गुड़ का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
  5. अधिक मात्रा में गुड़ खाने से पाचन-तंत्र ख़राब से संबंधित समस्या हो सकती हैं, जिससे कब्ज की समस्या हो सकता हैं। खासकर ताजा गुड़ से पाचन संबंधित ज्यादा समस्या होने का डर होता हैं।
  6. गुड़ की तासीर गर्म होती हैं, सर्दियों में इसका सेवन कम करना चाहिए नहीं तो, जिन लोगों को नकसीर की समस्या हैं, उन लोगों के नाक से खून निकलने की समस्या होती हैं।
  7. जिन लोगों को पित्त की समस्या हैं, जिनकी शरीर में ज्यादा गर्मी हैं। उन लोगों को गर्मियों में गुड़ का सेवन ना के बराबर करना चाहिए।

गुड़ का सेवन कब, कितना और सेवन करने की सही विधि क्या हैं?

गुड़ खाने का समय:-

ऐसे तो गुड़ खाने का कोई निश्चित समय नहीं हैं, फिर भोजन के बाद गुड़ का एक छोटा टुकड़ा जरूर खाना चाहिए, इससे भोजन के पाचन में मदद करता हैं। गुड़ का सेवन रोतों को नहीं करना चाहिए, दातों से संबंधित समस्या होती हैं। गुड़ का ज्यादा ठंड के दिनों में करना चाहिए। महीनों में नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी इन महीनों में गुड़ से ज्यादा लाभ मिलती हैं।

गुड़ खाने की मात्रा:-

एक दिन में गुड़ 10 से 15 ग्राम ही सेवन करना चाहिए।

गुड़ खाने की सही विधि:-

वैसे तो गुड़ खाने का कई विधि हैं, इनमें से सबसे अच्छा विकल्प हैं, भोजन के बाद गुड़ का एक छोटा-सा खा लें। इसके अलावे गुड़ कई प्रकार से सेवन कर सकते हैं। गुड़ से तिल वाली चक्की, मूँगफली की चक्की, गुड़ का इस्तेमाल कई औषधि बनाने में किया जाता हैं। गुड़ का इस्तेमाल मकरसक्रांति के पर्व में मुरमुरा, चूड़ा और तिल से बने खाने का सामान बनाया जाता हैं। गुड़ का इस्तेमाल चाय में भी कर सकते हैं और गुड़ का सेवन दही में डालकर करते हैं।

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गुड़ के घरेलु इलाज

दाग-धब्बों में लाभ:-

गुड़ खाने के अलावे इसके लगाने के भी बहुत फायदे हैं। दाग-धब्बों के उपचार के लिए, एक चम्मच गुड़ के पाउडर में एक चम्मच निम्बू का रस, एक टमाटर के रस और उसमें एक चुटकीभर हल्दी का पाउडर डालकर अच्छे से मिक्सकर लेप तैयार कर लें और उस लेप को अपने चेहरे में लगा लें, उसके 15 मिनट बाद अच्छे से धो लेना हैं। इस लेप को कुछ हप्तों तक इस्तेमाल करने से चेहरे के सारे दाग-धब्बों को ख़त्म करने में मदद करता हैं और त्वचा को सॉफ्ट और मुलायम रखने में मदद करता हैं।

पेट साफ:-

अगर आपको सुबह-सुबह लेट्रिन के लिए प्रेशर नहीं बनता हैं तो, आप सुबह गुड़ से बना चाय पीते हैं तो आपका प्रेशर अच्छे से बनता हैं और कब्ज को दूर करता हैं।

झुर्रियों में लाभ:-

धुर्रियों के उपचार एक लिए एक चम्मच गुड़ के पाउडर में एक टी चम्मच के बराबर ब्लैक टी, एक टी चम्मच के बराबर अंगूर के रस, एक चुटकीभर हल्दी पाउडर और थोड़ा गुलाब जल मिक्स कर पेस्ट बना लें और उस पेस्ट को अपने चेहरे में लगाकर 15 मिनट तक छोड़ देना हैं, उसके बाद पानी से अच्छे से धो लेना हैं। आप देखोगें कि कुछ ही हप्तों में चेहरे की झुर्रियां धीरे-धीरे ख़त्म हो रही हैं।

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FAQ. (गुड़ से जुड़े सवाल और जबाब)

Q. गुड़ और चीनी में क्या अंतर हैं?

Ans:- 1. गुड़ चीनी से कई गुना बेहतर होता हैं।
2. गुड़ में बहुत विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और चीनी में कैलरीज के कोई सा भी पोषक-तत्व नहीं होते हैं।
3. गुड़ और चीनी में मात्र 4 कैलरीज का अंतर होता हैं। चीनी में 4 कैलरीज ज्यादा होता हैं और गुड़ में 4 कैलरीज कम होता हैं और दोनों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी लगभग बराबर होता हैं।
4. गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर होता हैं, बल्कि चीनी में कई सारे केमिकल्स का इस्तेमाल होता हैं।

Q. क्या मधुमेह रोगी को गुड़ खाना चाहिए?

Ans:- नहीं मधुमेह के रोगी गुड़ का सेवन नहीं कर सकते हैं, क्योकिं दोनों का मिठास लगभग बराबर ही होता हैं और दोनों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी लगभग बराबर होता हैं।

Q. क्या छोटे बच्चों को गुड़ खिलाना चाहिए?

Ans:- आयुर्वेद में कहा जाता हैं कि, गुड़ एक दिन के भी बच्चें को दे सकते हैं, लेकिन अच्छे परिणाम के लिए छोटे बच्चों को 1 वर्ष के बाद ही गुड़ खिलाना चाहिए, जिससे बच्चों के विकास और शरीर के खून बढ़ाने में मदद करता हैं। बच्चों को गुड़-चना का सेवन कराने से उनके विकास में काफी मदद करता हैं।

Q. गुड़ कैसे बनाया जाता हैं?

Ans:- गुड़ गन्ने को रस को किसी बड़े बर्तन में गर्म कर गुड़ बनाया जाता हैं, उसके बाद का जो मैटेरियल बच जाता हैं, उसे चीनी मिल में कई सारे केमिकल्स का इस्तेमाल कर चीनी बनाया जाता हैं।

Q. गुड़ किस चीज से बनता हैं?

Ans:- गुड़ गन्ने के रस से बनता हैं, इसके अलावे तार और खजूर का भी गुड़ बनाया जाता हैं।

Q. गुड़ और शक्कर में क्या अंतर हैं?

Ans:- शक़्कर गुड़ का ही एक रूप हैं, बस गन्ने के रस गुड़ बनने से 5 मिनट पहले इसे आग से नीचे उतार कर इसे हवा लगा कर, इसे भुरभुरा तरह के बनाया जाता हैं। इसमें गर्मी की मात्रा थोड़ी कम हो जाता हैं।

Q. क्या दूध के साथ गुड़ खा सकते हैं?

Ans:- दूध के साथ गुड़ का सेवन नहीं कर सकते हैं। आयुर्वेद में कहा गया कि, गुड़ को दूध पीने से पहले या दूध पीने के बाद गुड़ का सेवन करें, तभी गुड़ का अच्छे लाभ मिलती हैं। हाँ दही के साथ गुड़ का सेवन जरूर कर सकते हैं।

Q. क्या गर्भवती महिला को गुड़ खाना चाहिए?

Ans:- गर्भवती महिला गुड़ का सेवन कर सकते हैं, क्योकिं की गुड़ आयरन, ज़िंक, पौटेशियम और फॉस्फोरस कई और पोषक-तत्व होते हैं, जो माँ और बच्चे के विकास में काफी मदद करता हैं। गर्भवती महिला गुड़ का सेवन चौथे महीने से सातवें महीने तक कर सकते हैं। गर्भवती महिला गुड़ का सेवन भोजन के बाद 15 ग्राम का एक-सा टुकड़ा खा लें।

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