आज हम आपको इस पोस्ट में बता रहें हैं कि, सेब खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं? (Apple Benefits and Side Effects in Hindi) सेब के साथ-साथ इनके पत्ते भी बहुत गुणकारी होता हैं। सेब एक प्रकार का फल हैं, जो हमें स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। फलों में सेब को बहुत पौष्टिक और ताकतवर माना जाता हैं। सेब विटामिन और मिनरल्स का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता हैं। सेब के बारे में वह कहावत तो सुना होगा आपने, एन एप्पल ए डे कीप्स द डॉक्टर अवे (An Apple a day keeps the doctor away) मतलब की अगर आप रोज सुबह एक सेब खाते हैं तो आप डॉक्टर से दूर रहते हैं। सेब की तासीर ठंडी होती हैं।
हम चाहते हैं कि बीमार नहीं पड़े तो, हमारे मन में सेब खाने की इच्छा होती हैं। सेब खाने कि सलाह डॉक्टर भी देती हैं। सेब स्वाद में रसेला मीठा और खट्टा होता हैं। पकने के बाद खट्टा ना के बराबर होता हैं। सेब का रंग लाल, हरा और पीला होता हैं। सेब देखने में गोलाकार होता हैं। सेब का गुदा और छिलका खाया जाता हैं। सेब का साथ-साथ उनका पत्ता और छाल भी उपयोग किया जाता हैं। सेब का बीज कभी नहीं खाया जातां हैं। सेब का बीज काला रंग का और बहुत छोटी चमकदार होता हैं।
सेब का मेडिकल नाम मेलस डोमेस्टिका (Malus Domestica) सेब का पेड़ की लम्बाई 5 से 15 फीट तक लम्बा होता हैं। सेब को अधिक-से अधिक 10 से 12 दिन तक खाने के लिए फ्रीज में रखा जा सकता हैं। सेब आसानी से बाजारों में मिल जाता हैं। भारत में इनके उपलब्धता में कोई कमी नहीं हैं।
सेब का उत्पादन
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सेब का ज्यादा उत्पादन ठंडे देशों और ठंडो प्रदेशों में होता हैं। 2019 के अनुसार सेब का दुनिया भर में उत्पादन 87 मिलियन टन था। जिसमें चीन कुल उत्पादन का 48% पहले स्थान पर था। दूसरे स्थान पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और तीसरे स्थान पर तुर्की उसके बाद पोलैंड, ईरान और इटली करता हैं।
सेब का फसल ज्यादातर पहाड़ों और ठण्डों प्रदेशों में होता हैं। भारत में भी कई राज्यों में सेब के फसल किया जाता हैं। उन राज्यों में कश्मीर, हिमाचल-प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल-प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड और उत्तर-प्रदेश के पहाड़ों क्षेत्रों में सेब की फसल उगाया जाता हैं।
सेब का इतिहास (History of apple)
सेब पेड़ की उत्पति मध्य-एशिया में हुई थी। माना जाता हैं कि, सेब का फसल 10,000 साल पहले तियान शान
के पहाड़ों में उगाया गया था।
सेब के कुछ अलग-अलग किस्मो के नाम
दुनिया भर में सेब का 7500 से भी ज्यादा किस्में हैं। सेब के कुछ भिन्न-भिन्न किस्मों के नाम इस प्रकार हैं। अमृत, अनानास रेनेट, सुगंध, डिस्कवरी, फूजी, गाला, दादी स्मिथ, गोल्डन स्वादिस्ट, प्रशांत गुलाब, चैंपियन, लाल स्वादिस्ट, गर्मी, शुगरबी, पीला पारदर्शी, जोनागोल्ड किस्में हैं।
सेब के अलग-अलग भाषाओं में नाम
- मेडिकल- मेलस डोमेस्टिका (Malus Domestica)
- अँगेजी- एप्पल (Apple)
- हिन्दी- सेब
- गुजराती- सफरचंद और सफरजन
- संस्कृत- महाबदार और मुष्टिप्रणाम
- मराठी- सफरचंद
- पंजाबी- चूई
- बंगला- सेब
- अरबी- तुफाहा
- कनाड़ा- सेबू