कीगल एक्सरसाइज क्या हैं | इसके फायदे और इसको कैसे करें?

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आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बता रहें हैं कि, कीगल एक्सरसाइज क्या हैं, इसको कैसे करें और इसके फायदे और नुकसान। (How to do Kegal Exercise in Hindi) कीगल एक्सरसाइज एक प्रकार का योग की तरह कसरत हैं, जिसे हम पेल्विक फ्लोर मसल्स की मजबूत बनाने के लिए करते हैं। यह एक्सरसाइज खासकर औरतों के लिए बनाया गया हैं। औरतों में खासकर डेलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो जाते हैं, इस मसल्स को मजबूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज किया जाता हैं। देखा गया कि औरत के साथ-साथ मर्द में भी कीगल एक्सरसाइज करने से मर्दो में सेक्सुअल हेल्थ और शीघ्रपतन में बहुत सुधार होता हैं। 
 
 
 
कीगल एक्सरसाइज की खोज डॉक्टर अर्नाल्ड कीगल (Dr. Arnold Kegal) ने की थी। डॉक्टर अर्नाल्ड कीगल एक अमेरिकी गायनोकॉलोजी था, जिसे हम औरत रोग विषेशज्ञ कहते हैं। इन्होनें अपने कार्यकाल और अध्ययन के दौरान 1948 में कीगल एक्सरसाइज की खोज की थी, इन्हीं के नाम पर कीगल एक्सरसाइज नाम पड़ा। 
 
Dr. Arnold kegal
Dr. Arnold Kegal

पेल्विक फ्लोर मसल्स किसे कहते हैं ?

नाभि के नीचे और पुरुष में लिंग तक और औरत में योनि तक के आसपास के मसल्स को पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। अगर विस्तार से कहीं जाएँ तो, लिंग के नीचे दोनों बॉल और लेट्रिन के रास्ते के आसपास के जितने भी मसल्स हैं, उनको पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। कीगल एक्सरसाइज करते समय इन्हीं मसल्स अन्दर की और खींचते हैं। 
 
आप इस तरीका से भी पेल्विक फ्लोर मसल्स की पहचान कर सकते हैं। आप जब पेशाब कर रहें होते हैं, पेशाब करते-करते पेशाब को अचानक बीच में रोकिये, पेशाब को रोकने में आप जिस मसल्स का उपयोग करते हैं, इन्हीं को पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। पेल्विक फ्लोर मसल्स की पहचान करने के बाद पेशाब रोकने की प्रक्रिया बार-बार नहीं करना हैं, इससे प्रोस्टेट में इंस्फेक्शन होने की समस्या हो सकती हैं। 
 
इसी से संबंधित एक और तरीका हैं, पेल्विक फ्लोर मसल्स पहचाने का आपको पेशाब और लेट्रिन जोर से लगी हो और आसपास कोई सुविधा नहीं हो तो आप पेशाब और लेट्रिन को रोकते हैं। आप पेशाब और लेट्रिन को रोकने रोकने में जिस मसल्स का प्रयोग करते हैं। इसी को पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। गैस को रोकने में भी पेल्विक फ्लोर मसल्स का ही इस्तेमाल करते हैं। 
 
 
दूसरा तरीका हैं पेल्विक फ्लोर मसल्स पहचाने का लेट्रिन के रास्ते जिससे आप गैस पास करते हैं। उस रास्ते में कम-से-कम 2 इंच ऊँगली अंदर डालनी हैं और ऊँगली को अंदर की और खींचना हैं। इस खींचने में आप जो मसल्स का इस्तेमाल करते हैं, उसे पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। 
 
तीसरा तरीका हैं पेल्विक फ्लोर मसल्स पहचाने का जब आपके लिंग में तनाव आता हैं, उस समय अपने लिंग को ऊपर की और उछालयें, इस उछालने में आप जिस मसल्स का इस्तेमाल किया जाता हैं, उसे पेल्विक फ्लोर मसल्स कहते हैं। 
 

कीगल एक्सरसाइज के पुरुषों में लाभ 

  • कीगल एक्सरसाइज लगातार करने से लिंग में खून का संचार ठीक रहता हैं, जिसके कारण लिंग मजबूत और देखने में थोड़ा लम्बा लगता हैं। 
  • कीगल एक्सरसाइज से शीघ्रपतन की समस्या दूर होती हैं। 
  • जिन लोगों को पेशाब के बाद भी बूँद-बूँद पेशाब गिरता हो या फिर उनको लगता हो कि उन्हें बार-बार पेशाब लगता हो, उन लोगों में कीगल एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद होता हैं। जिन लोगों में छींक होने से पेशाब बाहर निकल जाता हैं, उन लोगों में भी कीगल एक्सरसाइज से बहुत फायदा मिलता हैं। जो लोग पेशाब और लेट्रिन नहीं रोक पाते हैं। उन लोगों में भी कीगल एक्सरसाइज करने से बहुत फायदा मिलता हैं। 
  • कीगल एक्सरसाइज करने से प्रोस्टेट इंस्फेक्शन होने से भी बचाता हैं। 
  • कीगल एक्सरसाइज तुरन्त कोई चमत्कार नहीं करता, इसके फायदे 5-6 सप्ताह के बाद देखने को मिलता हैं। 
 

कीगल एक्सरसाइज कब, कितना और करने का सही तरीका क्या हैं ?

कब:- कीगल एक्सरसाइज आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज आप ऑफिस में बैठे-बैठे भी कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज करने का सबसे अच्छा समय होता हैं, सुबह खाली पेट। आप खाने के बाद भी कीगल एक्सरसाइज कर सकते हैं। खाने के बाद कीगल एक्सरसाइज करने से पेट में थोड़ा भारीपन और दर्द का महसूस हो सकता हैं। सुबह के साथ-साथ कीगल एक्सरसाइज दोपहर और शाम को खाना खाने के पहले भी करें। एक दिन में कम-से-कम 3 बार जरूर करें। 
 
कितना:- कीगल एक्सरसाइज आप सुबह खाली पेट, दोपहर और शाम में जरूर करें। जैसा कि आपको पता होगा कि, कीगल एक्सरसाइज करते समय हम अपने पेल्विक फ्लोर मसल्स को अंदर की और खींचते हैं, उसके बाद 5 सेकेंड तक रोक कर रखते हैं, उसके बाद फिर छोड़ते हैं। इस तरह आपको कम-से-कम एक समय में 10 बार करना हैं और इसे धीरे-धीरे बढ़ा कर 20 बार तक लें कर जाना हैं। इसी प्रकार 20 बार सुबह, 20 बार दोपहर और 20 बार शाम को खाना खाने से पहले करना हैं। 
 
करने का सही तरीका:- कीगल एक्सरसाइज आप कुर्सी में बैठकर, खड़े होकर और जमीन में लेटकर कर सकते हैं। बैठकर कीगल एक्सरसाइज करते समय कमर को सीधा रखें। कीगल एक्सरसाइज करते समय आपको तीन जगहों पर फोकस करना हैं। पहला लिंग पर, दूसरा लेट्रिन के रास्तों पर और तीसरा लिंग के नीचे बॉल्स पर। कीगल एक्सरसाइज करते समय इन्हीं तीनों मसल्स को अंदर की और खींचना (सिकुड़) हैं और 5 सेकंड तक रोककर रखना हैं, उसके बाद फिर छोड़ना हैं। फिर इसी तरह इन तीनों मसल्स को 5 सेकंड अंदर खींचना हैं, उसके बाद छोड़ना हैं। इसी तरह कम-से-कम 20 बार करें। 
 
 

कीगल एक्सरसाइज करने के नुकसान 

कीगल एक्सरसाइज करने का कोई नुकसान नहीं हैं। अगर आप कीगल एक्सरसाइज गलत तरीके से करते हैं तो, आपका पेट और कमर में थोड़ी-सी दर्द हो सकती हैं। कीगल एक्सरसाइज करते समय थोड़ी-सी साँस लेने में दिक्कत हो सकती हैं। 
 

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज क्या हैं | इसको कैसे करें ?

आपको नाम से पता चला होगा कि रिवर्स कीगल एक्सरसाइज मतलब उल्टा, जो आप कीगल एक्सरसाइज करते आयें हैं उसका उल्टा करना हैं।नार्मल कीगल एक्सरसाइज और रिवर्स कीगल एक्सरसाइज में ज्यादा अंतर नहीं हैं। दोनों एक्सरसाइज को साथ-साथ करना हैं, पहले कीगल करना हैं उसके बाद रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करना हैं। 
 

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज कैसे करें ?

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करने से पहले आप पूरी तरह फ्रेश हो जाएँ। मतलब की रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करते समय आपको पेशाब और लैट्रिन का प्रेसर नहीं होना चाहिए और दूसरा आप का पेट भरा नहीं होना चाहिए। अगर आपको इस तरह की कोई भी समस्या हैं तो पहले आप इससे पूरी तरह से छुटकारा पा जाएँये। 
 
आप जो ताकत लगाते हैं लैट्रिन और पेशाब को बाहर निकालने के लिए वहीं प्रकिया करना हैं, रिवर्स कीगल एक्सरसाइज समय। कई बार आप चाहते हैं कि पेशाब और लैट्रिन जल्दी करें उस जल्दी करने में आप जोर लगाते हैं, उसे रिवर्स कीगल एक्सरसाइज कहते हैं। 
 
कई बार जब आपको कब्ज की समस्या होती हैं तो, आप कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप लैट्रिन को बाहर निकालने के लिए जो जोर लगाते हैं बस उसी तरह रिवर्स कीगल एक्सरसाइज में करना हैं। रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करते समय लैट्रिन और पेशाब करने में जो जोर लगाते हैं, उसे लगाना हैं और 5 सेकेण्ड तक उसी तरह बाहर पुस कर रखना हैं उसके बाद छोड़ देना हैं, इसी तरह 20 बार करना हैं। यानि पहले 20 बार कीगल एक्सरसाइज करना हैं, उसके बाद 20 बार रिवर्स एक्सरसाइज करना हैं। 
 

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज कब करें ?

रिवर्स कीगल आप एक बार नास्ते से पहले और एक एक बार रात में खाना खाने से पहले करें। अगर यह संभव नहीं हैं तो आप कभी भी खाना खाने के 2 घंटे पहले कर सकते हैं। पहले 20 बार कीगल एक्सरसाइज करना हैं उसके बाद 20 बार रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करना हैं। 
 

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करने के फायदे 

रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करने से मर्दो और औरतों दोनों में फायदे हैं। मर्दो में अलग फायदा हैं और औरतों में अलग फायदा हैं। कोई एक्सरसाइज तुरन्त फायदे नहीं देती हैं, रिवर्स कीगल एक्सरसाइज का फायदा 5-6 सप्ताह बाद देखने को मिलती हैं। 
  • शादी-सुदा लड़कियाँ जिनको सेक्स करते समय दर्द होता हैं। लिंग योनि में डालने के बाद दर्द का होता हैं। रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करने से वह दर्द कम करता हैं। 
  • वह लड़कियाँ जो माँ बनने जा रही हैं। यह एक्सरसाइज करने से डेलीवरी के समय योनि के रास्ते से जो बच्चा पैदा होता हैं उसमें काफी मदद करता हैं। 
  • रिवर्स कीगल करने से पुरुषों में सेक्स करने की इच्छा को बढ़ाती हैं। 
  • पुरुषों में नपुंसकता की समस्या को ठीक करने में बहुत मदद करता हैं रिवर्स कीगल एक्सरसाइज। 
  • जिन लोगों में पेट खराब रहने की समस्या अक्सर रहती हैं, उन लोगों में रिवर्स कीगल एक्सरसाइज बहुत फायदा करती हैं। 
 

FAQ. (कीगल एक्सरसाइज से जुड़े पूछे गए सवाल और जबाब)

Q. पेल्विक मांसपेशियां क्या होती हैं?

Ans:- नाभि से लेकर लिंग तक के आसपास के जितने भी मसल्स हैं, वह पेल्विक मांसपेशियां होती हैं। 
 
Q. कीगल एक्सरसाइज कितनी देर करनी चाहिए ?
Ans:- कीगल एक्सरसाइज एक समय में लगभग 10 मिनट करना चाहिए। 
 
Q. पेल्विक फ्लोर व्यायाम क्या हैं?
Ans:- पेल्विक फ्लोर व्यायाम, वह व्यायाम जिससे पुरुष में शीघ्रपतन और औरतों में डिलेवरी के बाद योनि के आस-पास के जितने भी मसल्स हैं, उसे टाइट करने में मदद करता हैं। 
 
Q. कीगल एक्सरसाइज कितनी बार करनी चाहिए?
Ans:- कीगल एक्सरसाइज एक समय में 20 बार करनी चाहिए। 
 
(नोट:- अगर आपको इस पोस्ट में कुछ जानकारियाँ नहीं मिली हो तो, कमेंट जरूर करें और इस पोस्ट को अधिक लोगों के साथ शेयर करें)
 
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