लौकी जूस के अद्धभुत 26 फायदे और नुकसान, पोषक-तत्व

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लौकी का परिचय 

आज हम आपको इस पोस्ट बता रहें कि लौकी के जूस के फायदे और नुकसान क्या हैं। (Bottle Gourd Juice Benefits in Hindi) लौकी एक प्रकार का सब्जी हैं। इसे कद्दू भी कहा जाता हैं। यह पूरी दुनिया में महसूर हैं। लौकी में बहुत-सी बीमारीयों का औषधी गुण पाया जाता हैं। लौकी को हमलोग दो तरीके से सेवन करते हैं, एक सब्जी के रूप में दूसरा जूस के रूप में। लेकिन लौकी के मुकाबले लौकी के जूस में ज्यादा औषधि गुण पाया जाता हैं।

औषधि के रूप में हमलोग लौकी के जूस का सेवन करते हैं। अगर आप स्वस्थ भी तो लौकी का जूस का सेवन करते हैं। लौकी के जूस की तासीर ठंडी होती हैं। लौकी एल्कलाइन नेचर का होता हैं, इसमें 96% पानी होता हैं। लौकी का जूस पित्त को शान्त रखता हैं। लौकी के जूस के साथ-साथ लौकी का छिलका भी बहुत लाभकारी होता हैं।
लौकी का मेडिकल नाम लागेनारिआ सिसरारिआ (Lagenaria Siceraria) हैं। लौकी देखने में दो प्रकार का होता हैं, एक लम्बा बेलनकार और दूसरा गोला आकर का। लेकिन इन दोनों लौकी में लम्बा वाला लौकी ज्यादा लाभकारी होता हैं। लौकी का पौधा एक लता होती हैं। लौकी का रंग भी दो तरह का होता हैं, एक का रंग हरा और दूसरा का सफेद होता हैं। स्वाद में किसी लौकी का स्वाद मीठापन और कड़वा होता हैं और किसी लौकी का स्वाद कसेला नहीं होता हैं। जिस लौकी का स्वाद कसेला होता हैं, उनका सेवन जूस के रूप में नहीं किया जाता हैं। 
 
लौकी पकने के बाद उनका भीतरी गुदा को फेंककर उनके खोल को बर्तन और सितार जैसे वाद्य यंत्रों को बनाया जाता हैं। इन्हें किसी भी प्रकार का मिट्टी में उगाया जाता हैं लेकिंन बलुई दोमट मिट्टी इनके लिए सबसे अच्छा होता हैं। इनकी लम्बाई 30-40 सेंटीमीटर से लेकर 5 फुट तक भी होती हैं। इनका वजन कम-से-कम 500 ग्राम से अधिक होता हैं। भारत में इनकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं हैं। आप घर में भी लौकी का जूस आसानी से मिक्सर के द्वारा निकाल सकते हैं।

लौकी के अलग-अलग नाम