लौकी जूस के अद्धभुत 26 फायदे और नुकसान, पोषक-तत्व

597
लौकी का परिचय 

आज हम आपको इस पोस्ट बता रहें कि लौकी के जूस के फायदे और नुकसान क्या हैं। (Bottle Gourd Juice Benefits in Hindi) लौकी एक प्रकार का सब्जी हैं। इसे कद्दू भी कहा जाता हैं। यह पूरी दुनिया में महसूर हैं। लौकी में बहुत-सी बीमारीयों का औषधी गुण पाया जाता हैं। लौकी को हमलोग दो तरीके से सेवन करते हैं, एक सब्जी के रूप में दूसरा जूस के रूप में। लेकिन लौकी के मुकाबले लौकी के जूस में ज्यादा औषधि गुण पाया जाता हैं।

औषधि के रूप में हमलोग लौकी के जूस का सेवन करते हैं। अगर आप स्वस्थ भी तो लौकी का जूस का सेवन करते हैं। लौकी के जूस की तासीर ठंडी होती हैं। लौकी एल्कलाइन नेचर का होता हैं, इसमें 96% पानी होता हैं। लौकी का जूस पित्त को शान्त रखता हैं। लौकी के जूस के साथ-साथ लौकी का छिलका भी बहुत लाभकारी होता हैं।
लौकी का मेडिकल नाम लागेनारिआ सिसरारिआ (Lagenaria Siceraria) हैं। लौकी देखने में दो प्रकार का होता हैं, एक लम्बा बेलनकार और दूसरा गोला आकर का। लेकिन इन दोनों लौकी में लम्बा वाला लौकी ज्यादा लाभकारी होता हैं। लौकी का पौधा एक लता होती हैं। लौकी का रंग भी दो तरह का होता हैं, एक का रंग हरा और दूसरा का सफेद होता हैं। स्वाद में किसी लौकी का स्वाद मीठापन और कड़वा होता हैं और किसी लौकी का स्वाद कसेला नहीं होता हैं। जिस लौकी का स्वाद कसेला होता हैं, उनका सेवन जूस के रूप में नहीं किया जाता हैं। 
 
लौकी पकने के बाद उनका भीतरी गुदा को फेंककर उनके खोल को बर्तन और सितार जैसे वाद्य यंत्रों को बनाया जाता हैं। इन्हें किसी भी प्रकार का मिट्टी में उगाया जाता हैं लेकिंन बलुई दोमट मिट्टी इनके लिए सबसे अच्छा होता हैं। इनकी लम्बाई 30-40 सेंटीमीटर से लेकर 5 फुट तक भी होती हैं। इनका वजन कम-से-कम 500 ग्राम से अधिक होता हैं। भारत में इनकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं हैं। आप घर में भी लौकी का जूस आसानी से मिक्सर के द्वारा निकाल सकते हैं।

लौकी के अलग-अलग नाम 

  • मेडिकल नाम- लागेनारिआ सिसरारिआ 
  • अँग्रेजी नाम- बोटल गॉड 
  • हिंदी नाम- घीया, लौकी और तुम्बी
  • गुजराती नाम- दूधी, तुंबड और दूधियो 
  • बंगला नाम- लाऊ और कोडूलो 
  • मराठी नाम- दूधी 
  • संस्कृत नाम- तुम्बी, अलाबू, महाफला और कटुतुम्बी 
  • उर्दू नाम- तुम्बरी और कडुगोल 
  • असामी नाम- बोगलाओ 
  • तमिल नाम- शोरक्काई 
  • पंजाबी नाम- घीया, तुम्बा और केड्डी 
  • तेलगू नाम- आनपकाया 
  • नेपाली नाम- तुम्बी और लौका 
  • अरबी नाम:- क्वार ए दुब्बा 
  • मलयालम नाम- गाराडूडी और बेल्लाशोरा 

लौकी के जूस में पाये जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in Bottle Gourd Juice)

  • 12 कैलरीज (100 ग्राम जूस)
  • पानी- 96%
  • वसा- 0.1 ग्राम 
  • प्रोटीन- 1 ग्राम 
  • फाइबर- 2 ग्राम 
  • सोडियम- 5 मिलीग्राम 
  • कार्बोहायड्रेट- 4 ग्राम 
  • कोलीन 
विटामिन और मिनिरल्स:-
  • विटामिन- A, B, C, D, E, K
  • थिएमिने (B1)
  • राइबोफ्लेविन (B6)
  • नियासिन (B3)
  • पैंटोथेनिक एसिड (B5)
  • कैल्शियम- 24 मिलीग्राम 
  • आयरन 
  • पौटेशियम 
  • मैग्नीशियम 
  • फॉस्फोरस 
  • जिंक 
 

लौकी के जूस के फायदे (Benefits of Bottle Gourd Juice)

दिल (Heart) के लिए बहुत अच्छा:-
 
लौकी के जूस दिल के लिए बहुत अच्छा होता हैं। दिल से जुड़े आपको किसी भी प्रकार का समस्या हैं, चाहें वह धड़कन की गति बढ़ जाता हो या फिर हार्ट ब्लॉकेज की समस्या हैं और अगर आपको डॉक्टर बोल दे की कोई रास्ता नहीं हैं ऑपरेशन करना पड़ेगा तो आप ऑपरेशन नहीं कराके लौकी का जूस पीना शुरू कर दें, आप देखेगें की दिल से जुड़ी ठीक करता हैं और हार्ट अटैक जैसी समस्या कभी भी नहीं होगी। दिल को स्वस्थ रखने के लिए लौकी का जूस कम-से-कम सप्ताह में 2-3 दिन जरूर पिये। कम-से-कम 3-4 महीना जरूर पियें। 
 
एंग्जायटी में लाभ:-
 
जिन लोगों में एंग्जायटी की समस्या हैं वह लोग लौकी जूस का सेवन जरूर करें। लोगों में एंग्जायटी की समस्या नकारात्मक सोच के कारण होता हैं इसलिए नकारात्मक सोच से बचें। लौकी के जूस में कोलीन पाया जाता हैं जो एंग्जायटी को कम करने में मदद करता हैं। 
 
डिप्रेशन और तनाव को कम करना:-
 
लौकी का जूस डिप्रेशन को कम करता हैं, जो लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं वह लोग लौकी का जूस का सेवन जरूर करें। लौकी के जूस में मैग्नेशियम पाया जाता हैं जो डिप्रेशन को कम करने में बहुत मदद करता हैं। डिप्रेशन हमारे जीवन में अनहोनी घटना के कारण आता हैं, ऐसी घटना जो हम नहीं चाहते हैं कि हमारे साथ नहीं हो। जिसके कारण हमारे जीवन में नकारात्मक सोच आती चली जाती हैं, जिससे हम डिप्रेशन का शिकार होते चले जाते हैं। 
 
लू से बचाना:-
 
लौकी के जूस तासीर में ठंडी होती हैं और लौकी में पानी की मात्रा 96% होता हैं जो हमारे शरीर में पानी की मात्रा कभी पूरा नहीं होती हैं। अगर आप सप्ताह में कम-से-कम 2 दिन लौकी का जूस सेवन करते हैं और नियमित रूप से लौकी का सब्जी का सेवन करते हैं तो आपको लू लगने कि संभावना नहीं होती हैं। खास कर वह जिनका काम बाहर का होता हैं अक्सर धूप में बाहर निकलना पड़ता हैं। उन लोगों को लौकी का जूस लू लगने में मदद करता हैं। 
 
कमजोरी में लाभ:-
 
लौकी के जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनिरल्स और कार्बोहायड्रेट पाया जाता हैं जो शरीर में आयें कमजोरी को दूर करता हैं और बीमारी को दूर भगाता हैं। जो लोग कमजोरी का शिकार हैं वह लोग लौकी का जूस और लौकी का सब्जी का सेवन जरूर करें और शरीर से कमजोरी को दूर करें। 
 
खून की कमी (एनीमिया):-
 
लौकी के जूस में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो हमारे शरीर में खून की कमी को पूरा करता हैं। जिन लोगों के शरीर में खून की कमी हैं और जो लोग एनीमिया से ग्रस्त वो लो