कैल्शियम की कमी को कैसे दूर करें | कारण, लक्षण और उपाय

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आज हम आपको इस पोस्ट के द्वारा बता रहें हैं कि, शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कैसे करें और शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण और कारण क्या हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी से क्या होता हैं। (How to Improve Calcium Deficiency in Hindi) कैल्शियम एक प्रकार का सुक्ष्म पोषक तत्व हैं। यह सबसे ज्यादा मानव शरीर में पाया जाता हैं और अगर दुनिया की बात करें तो पाचवां सबसे ज्यादा पाएँ जाने वाले तत्व हैं।अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हैं तो आपके शरीर में बहुत सारे रोग आएंगे। 

कैल्शियम शब्द केल्स शब्द से बना हैं जो, लेटिन शब्द में चूना होता हैं। इसलिए चूना में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता हैं। कैल्शियम की खोज 1808 में हंफ्री डेवी (Humphry Davy) ने किया था। इन्होंने इसके लिए कैल्शियम कार्बोनेट का निर्माण किया था। कैल्शियम आपके हड्डियों और स्वास्थ के लिए बहुत आवश्यक तत्व हैं। साथ ही साथ फॉस्फोरस भी हड्डियों के लिए अच्छा होता हैं।

हम आपके शरीर की बात करें तो 99% कैल्शियम आपके हड्डियों और दाँतों में पाया जाता हैं। हड्डियों और दाँतों के लिए यह जरूरी हैं कि कैल्शियम आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में हो और इसके साथ-साथ आपके शरीर में जितने भी पोषक तत्व हैं, वह सब सारे ठीक से काम करें, इसके लिए आपके शरीर में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी हैं। 
 
0.9% कैल्शियम आपके कोशिका और 0.1% कैल्शियम आपके खून में पाया जाता हैं। कैल्शियम का सीधा संबंध विटामिन-D से होता हैं। अगर आप चाहते हैं कि, हमारा शरीर में कैल्शियम का ग्रहण ठीक से करें और ठीक से काम करें तो शरीर में विटामिन-D भी पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी हैं। आप विटामिन-D की जरूरी मात्रा आप सूर्य के धुप से लें सकते हैं। आप सुबह-सुबह सूर्य के धुप में कम-से-कम 20-25 मिनट जरूर बैठें। 

हमारे शरीर को कैल्शियम की कितनी जरूरत पड़ती हैं? (How Much Calcium Should be in Human body in Hindi)

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एक सामान्य व्यक्ति को रोज कैल्शियम की जरूरत 800 से 1000 मिलीग्राम के बीच होती हैं। (How Much Calcium Should be in Human body in Hindi) अगर कोई गर्भवती महिला हैं तो उसमें कैल्शियम की जरूरत बढ़ जाती हैं। गर्भवती महिला और जो महिला बच्चे को दूध पिलाती हैं, उन महिलाओं को रोज 1000 से 1500 मिलीग्राम के बीच कैल्शियम की जरूरत पड़ती हैं। अगर बच्चे बढ़ने की उम्र हैं तो, उसे कैल्शियम की जरूरत ज्यादा पड़ती हैं। 
 
उम्र के अनुसार शरीर को कैल्शियम की जरूरत 
  • 0 से 6 महीने तक:- 200 मिलीग्राम 
  • 7 से 12 महीने तक:- 260 मिलीग्राम 
  • 1 से 3 वर्ष तक:- 700 मिलीग्राम 
  • 4 से 8 वर्ष तक:- 1,000 मिलीग्राम 
  • 9 से 18 वर्ष तक:- 1,300 मिलीग्राम 
  • 19 से 50 वर्ष तक:- 1000 मिलीग्राम 
  • 51 से 70 वर्ष तक:- पुरुषों के लिए 1,000 मिलीग्राम और महिलाओ के लिए 1,200 मिलीग्राम 
  • 71 वर्ष से अधिक व्यक्ति के लिए:- 1,200 मिलीग्राम

शरीर में कैल्शियम की कमी होने के लक्षण:-

  • जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं, उसे हम हाइपोकैलसिमिया कहते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी होने के कई लक्षण हैं। 
  • शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द कैल्शियम की कमी से आता हैं।
  • उँगलियों में चुभन या फिर आपके हाथ या उँगलियों में शून्य जैसी हो जाती हैं। 
  • आपके मांसपेशियां में ऐंठन जैसे, जिसे हम क्रेप कहते हैं या फिर बहुत तेज दर्द होती हैं। 
  • कई बार दिमाग के स्तर पर, अगर दिमाग से जुड़ी कोई समस्या हो या फिर दिमाग ठीक से काम नहीं करता हो। याददाश्त कमजोर होना या फिर किसी भी प्रकार का ना समझ होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 
  • नाखून का कमजोर होना, नाखून का टूटना और नाखून में ड्राइनेस होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 
  • भूख न लगना और शरीर में हर वक्त थकान बना रहना, ये भी कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 
  • कैल्शियम कम होने से हड्डियाँ कमजोर, हड्डियों से कट-कट की आवाज आना और उसमें दर्द, फेक्चर भी हो सकता हैं। 
  • दाँतों से सड़न और मसूड़ों में दर्द कैल्शियम कम होने के लक्षण हैं। 
  • कैल्शियम कम होने से दिल की धड़कने भी बढ़ने लगती हैं। 
  • बालों का लगातार झड़ना और कमजोर होना भी कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 
  • त्वचा में रूखापन और ड्राइनेस होना कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 

शरीर में कैल्शियम कम होने के क्या कारण हैं?

  • अगर आप रोज सूर्य के धूप का सेवन नहीं करते हैं तो, उससे भी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं क्योंकि विटामिन D का सीधा संबंध कैल्शियम से होता हैं। 
  • अगर आप खाने में कैल्शियम युक्त भोजन नहीं लेते हैं तो उससे भी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • अगर आप रोज अपने आहार में ज्यादा मीठा का सेवन करते हैं तो, उसमें भी शरीर में कैल्शियम की कमी और हड्डियाँ भी कमजोर हो जाती हैं। 
  • अगर आप ज्यादा चाय और कॉफी का सेवन करते हैं तो उसमें शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • अगर आपका पाचन-तंत्र कमजोर हैं और आपका जठर-अग्नि ठीक हैं जो भी खाते-पीते हैं, वह लगता नहीं हैं, उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • अगर आपका शरीर में वात-दोष हैं तो, उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • किडनी और थायरॉइड से पीड़ित लोगों में भी कैल्शियम की कमी होती हैं। 
  • जो महिला गर्भवती हैं या फिर जो महिला बच्चे को दूध पिलाती हैं, उन महिलाओं में भी कैल्शियम की कमी जो जाती हैं। 
  • शरीर में कई हार्मोन की गड़बड़ी के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • कुछ दवाओं साइड इफ़ेक्ट के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • अधिक शराब और धुम्रपान के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। 
  • अगर आप दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करते हैं तो उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं। किसी-किसी को दूध पचता नहीं हैं, उससे एलर्जी होता हैं। उन लोगों में भी कैल्शियम की कमी जाती हैं। 

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग | कैल्शियम के कमी से क्या होता हैं ?

  • शरीर में कैल्शियम की कमी होने से ऑस्टियोपोरोसिस रोग हो जाते हैं, ये आगे चलकर ऑस्टियोपीनिया में बदल जाता हैं। 
  • छोटे बच्चे में अगर कैल्शियम की कमी हो जाते हैं तो उसके कारण रिकिट्स नाम की बीमारी हो जाती हैं और उन बच्चों में ग्रोथ की समस्या हो जाती हैं। 
  • कैल्शियम की कमी से कई बार मांसपेशियाँ में क्रेप और ऐठन की समस्या आती रहती हैं। 
  • कैल्शियम की कमी से दाँतों के रोग होते हैं, क्योंकि दाँतों का संबंध सीधे कैल्शियम से होता हैं। कम उम्र में दाँतों का टूटना, दाँतों के बीच अंतर होना और मसूड़े कमजोर होना ये सारे समस्या कैल्शियम कम होने से होता हैं। 
  • जोड़ों में ढीलापन, हड्डियाँ से कट-कट की आवाज आना और जोड़ कमजोर हो जाते हैं। 
  • हमारे बालों का सीधा संबंध कैल्शियम से भी होता हैं। अगर आपके सिर का बाल झड़ रहे हैं तो ये कैल्शियम कम होने का लक्षण हैं। 
  • कैल्शियम की कमी से हमारे ब्लड-प्रेशर की समस्या बढ़ जाती हैं, जिसके कारण दिल की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं। 
  • खोजकर्ताओं से पता चला हैं कि कैल्शियम की ज्यादा कमी से कारण कैंसर होने खतरा भी बढ़ जाता हैं। 
  • शरीर में कैल्शियम कम होने से कारण हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण कई रोग होने का खतरा बढ़ जाता हैं। 
  • अगर हमारे शरीर को रोज जरूरत के अनुसार कैल्शियम नहीं मिलता हैं तो शरीर कैल्शियम हड्डियों निकालकर लेने लगेगा, जिससे हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं।
  • हाइपोपैराथायरॉइडिज़्म एक बीमारी हैं जो शरीर में कैल्शियम की मात्रा को कम करता हैं। 
  • शरीर में कैल्शियम की से किसी चीज में फोकस, किसी काम में मन नहीं लगना, थकान, सुस्ती और चलते-चलते चक्कर आने की समस्या होती हैं। 
  • शरीर में कैल्शियम कम होने से नींद नहीं आना, तनाव और डिप्रेशन का शिकार भी होने लगता हैं।
  • आयुर्वेद के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि, जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती हैं उन लोगों के बच्चे विकलांग पैदा होते हैं। 

खानपान से शरीर में कैल्शियम कैसे पूरा करें?

अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो गई हैं तो, आप बड़े आसानी से खानपान के माध्यम से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं। अगर किसी कारणवश खानपान से शरीर में कैल्शियम की कमी पूरा नहीं होता हैं तो, इसका दूसरा विकल्प हैं दवाई लेकिन दवाई एक अच्छा विकल्प नहीं जाता हैं। जरूरत से ज्यादा कैल्शियम का भी सेवन नहीं करना चाहिए। 
 
कैल्शियम युक्त साग-सब्जी:- सब्जियों में जितने भी हरे-पत्तेदार सब्जियाँ होती हैं, वह कैल्शियम का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता हैं। जैसे:- गोभी के पत्ते, मूली के पत्ते और गाजर के पत्ते और इसकी सब्जियाँ कैल्शियम का एक अच्छा श्रोत माना जाता हैं। अगर आप कैल्शियम युक्त सब्जियाँ ले रहें हैं तो इसके साथ दूध का सेवन नहीं करें। 
100 ग्राम सब्जियों में कैल्शियम का श्रोत:-
 

पोषक-तत्वमात्रा
फूलगोभी पत्ता625 मिलीग्राम(Mg)
सहजन की सब्जी185 मिलीग्राम
अरबी का साग460 मिलीग्राम
मेथी की सब्जी395 मिलीग्राम
तिल का साग195 मिलीग्राम
धनिया पत्ता184 मिलीग्राम
शेपू भाजी190 मिलीग्राम
ग्वार फली130 मिलीग्राम
बाकला की सब्जी50 मिलीग्राम
फूल गोभी33 मिलीग्राम
कुंदरी की सब्जी40 मिलीग्राम
सेम (पापड़ी) की सब्जी40 मिलीग्राम
शकरकंद46 मिलीग्राम
पालक साग73 मिलीग्राम
भिंडी66 मिलीग्राम
प्याज का पत्ता50 मिलीग्राम
प्याज47 मिलीग्राम
बंध गोभी39 मिलीग्राम
मूली35 मिलीग्राम
 
 
कैल्शियम युक्त दाल:- वैसे तो सभी दालों में कैल्शियम की मात्रा पाया जाता हैं लेकिन मोठ की दाल, राजमा, सोयाबीन और रागी में कैल्शियम की कुछ ज्यादा मात्रा पाया जाता हैं। 
100 ग्राम दालों में कैल्शियम की मात्रा:-
 
पोषक-तत्वमात्रा
रागी344 मिलीग्राम (Mg)
मोठ की दाल150 मिलीग्राम
कुर्थी की दाल287 मिलीग्राम
राजमा260 मिलीग्राम
सोयाबीन240 मिलीग्राम
काबुली चना202 मिलीग्राम
उड़द की दाल154 मिलीग्राम
हरा मूंग124 मिलीग्राम
मूंग दाल75 मिलीग्राम
मटर की दाल75 मिलीग्राम
अरहर की दाल73 मिलीग्राम
मसूर दाल59 मिलीग्राम
भुजा चना58 मिलीग्राम
चना दाल56 मिलीग्राम
बाजरा42 मिलीग्राम
गेंहू41 मिलीग्राम

 

 

दूध और दूध से बनी चीजों में कैल्शियम की मात्रा:-
 
पोषक-तत्वमात्रा
दूध (पाउडर)1370 मिलीग्राम (Mg)
चीज790 मिलीग्राम
जर्सी भैंस का दूध650 मिलीग्राम
भैंस का दूध210 मिलीग्राम
बकरी की दूध170 मिलीग्राम
दही150 मिलीग्राम
गाय की दूध120 मिलीग्राम
मलाई निकाला दूध120 मिलीग्राम
माँ का दूध (आदमी )28 मिलीग्राम

 

(नोट:- अगर आपको दूध नहीं पचता या फिर दूध से किसी भी प्रकार का एलर्जी है, वह दूध की जगह हरे पत्तेदार साग-सब्जी और अन्य खाद्य-पदार्थ का सेवन करें।)
ड्राई फ्रूट में कैल्शियम की मात्रा(100 ग्राम) :- ड्राई फ्रूट में कैल्शियम की मात्रा बहुत कम होती हैं और ये बहुत महँगा भी होता हैं। कुछ-कुछ ड्राई फ्रूट में कैल्शियम का ठीक-ठाक होता हैं। 
 
पोषक-तत्वमात्रा
बादाम248 मिलीग्राम (Mg)
किशमिश130 मिलीग्राम
खजूर120 मिलीग्राम
अंजीर80 मिलीग्राम
आंवला50 मिलीग्राम
मखाना18 मिलीग्राम
खसखस1250 मिलीग्राम
चिया बीज630 मिलीग्राम 
मेथीदाना175 मिलीग्राम 
जीरा930 मिलीग्राम
हींग690 मिलीग्राम
दालचीनी1002 मिलीग्राम
तिल100 मिलीग्राम

ताजे फल में कैल्शियम की मात्रा (100 ग्राम) :-
 
पोषक-तत्वमात्रा
निम्बू
70 मिलीग्राम (Mg)
मौस्स्मी40 मिलीग्राम
खरबूजा32 मिलीग्राम
संतरा26 मिलीग्राम
सेतूत30 मिलीग्राम
पपीता29 मिलीग्राम
गन्ने का रस10 मिलीग्राम
केला5 मिलीग्राम
सीता फल24 मिलीग्राम
अनानास13 मिलीग्राम
लीची5 मिलीग्राम 
अमरुद18 मिलीग्राम
अंगूर10 मिलीग्राम
एप्रीकोट14 मिलीग्राम
आम12 मिलीग्राम
सिंघाड़ा18 मिलीग्राम 
नारियल14 मिलीग्राम 

 

 

नॉन-वेज में कैल्शियम का श्रोत:-
मीट-मांस और अंडा में कैल्शियम बहुत कम मात्रा में पाया जाता हैं इसलिए कैल्शियम के उच्च श्रोत के लिए शाखाहारी भोजन में उचित मात्रा में पाया जाता हैं। 
  • मटन – 120 मिलीग्राम
  • अंडे – 80 मिलीग्राम
  • सार्डिन मछली- 569 मिलीग्राम

कैल्शियम के कुछ नेचुरल सोर्स:-

चूना खाना :- चूना में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। 40 वर्ष के बाद हमारे शरीर में कैल्शियम हजम करने वाला हार्मोन काफी कम हो जाता हैं, खासकर 40 वर्ष के बाद उन महिलाओं में जिनके मासिक धर्म बंद हो जाते हैं उन महिलाओं में कैल्शियम पाचन ठीक से नहीं हो पाता हैं तब हमें खाने से अलावा हमें बाहर से कैल्शियम लेने की जरूरत हैं। 
 
चूना का सेवन आप पान में डालकर कर सकते हैं, जब भी पान खायें बिना कथ्थे वाला पान खायें। पान के अलावा आप चूना एक गेहूँ के दाने के बराबर आप जूस, दाल और गर्म पानी में डालकर भी सेवन कर सकते हैं। 
 
मिट्ठी के बर्तनों में खाना पकाना :-
हमारे शरीर को जितने भी पोषक तत्व की जरूरत पड़ती हैं, वह सारे मिट्टी में पाया जाता हैं। मिट्टी में कैल्शियम के साथ-साथ फॉस्फोरस, पौटेशियम और अनेक ऐसे पोषक पाएँ जाते हैं। अगर आप मिट्टी के बर्तनों में बने दाल और रोटी नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आपके शरीर में कैल्शियम की कमी कभी नहीं होगी।

बिना दूध से कैल्शियम की पूर्ति कैसे करें (How to get Calcium Supplement Without Milk in Hindi)

दूध में कैल्शियम सबसे ज्यादा पाया जाता हैं, लेकिन किसी-किसी को दूध पसंद नहीं होता हैं या फिर आपको लेक्टोज़ इनटॉलेरेंस की समस्या के कारण आपको दूध नहीं पचता हैं। किसी-किसी को दूध पीने से दस्त की समस्या होने लगता हैं। अगर आप सिर्फ दूध से कैल्शियम की पूर्ति करना चाहते हैं तो आपको रोज 1 लीटर दूध पीना होगा।
 
अगर आपको दूध से किसी भी प्रकार का एलर्जी हैं तो आप दूध के अलावा अनेक खाद्य-पदार्थ हैं, जिससे आप आसानी से कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं जैसे:- हरे-पत्तेदार साग-सब्जी, चिया बीज, तिल, खसखस, बादाम, बादाम और फलों में जितने भी खट्टे फल हैं और केले ये सारे कैल्शियम का बहुत अच्छा श्रोत हैं। इसके अलावा ऊपर बताएँ गए चीजों का सेवन जरूर करें। कैल्शियम के साथ-साथ आप विटामिन-D का सेवन जरूर करें। विटामन- D आपको धूप से मिलता हैं। 

कैल्शियम की कौन-सी दवाई लेनी चाहिए (Which Calcium Medicine Should be Taken in Hindi)

अगर हमारा शरीर को भोजन के माध्यम से कैल्शियम की पूर्ति नहीं होती हैं तो तब हमें कैल्शियम बाहर से दवाई के रूप में लेनी पड़ती हैं। 
 
कैल्शियम की दवाई लेने से पहले अक्सर लोगों का सवाल रहता हैं कि कौन-सा और किस प्रकार का कैल्शियम की दवाई लें। लोगों का यह भी कहना होता हैं कि क्या कैल्शियम की दवाई लेने से किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता हैं। कैल्शियम की दवाई लेने से किडनी स्टोन होने का खतरा नहीं होता हैं। 
 
बाजार में दो तरह का कैल्शियम की दवाई उपलब्ध मिलती हैं। (Types of Calcium in Hindi) पहला कैल्शियम कार्बोनेट और दूसरा कैल्शियम साइट्रेट। 
 
कैल्शियम कार्बोनेट :- कैल्शियम कार्बोनेट एक सस्ता कैल्शियम दवाई हैं जो बाजार में आसानी में मिल जाता हैं। यह कैल्शियम की दवाई लेने से 5% लोगों में पेट में भारीपन, पेट दर्द और लैट्रिन होने में समस्या हो सकती हैं। यह कैल्शियम की दवाई किसी-किसी को सूट नहीं करती हैं। कैल्शियम कार्बोनेट की अगर 1000 मिलीग्राम का एक टेबलेट लेते हैं तो उसमें 400 मिलीग्राम ही कैल्शियम होता हैं। कैल्शियम कार्बोनेट की टेबलेट खाने के साथ लेनी चाहिए। 
 
कैल्शियम साइट्रेट :- कैल्शियम साइट्रेट की दवाई ज्यादा सुरक्षित माना जाता हैं। कैल्शियम साइट्रेट की टेबलेट लेने से पेट में भारीपन, पेट दर्द और लैट्रिन करने में कोई समस्या नहीं होती हैं। कैल्शियम साइट्रेट की 1000 मिलीग्राम की एक टेबलेट लेने पर आपको 210 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता हैं। कैल्शियम साइट्रेट की टेबलेट आप कभी भी ले सकते हैं। अगर आपको गैस, एसिडिटी और पेट से संबंधित कोई समस्या हैं तो कैल्शियम साइट्रेट आपके लिए एक अच्छा विकल्प हैं। 
 
अगर आपको लगता हैं कि कैल्शियम की टेबलेट लेने से किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता हैं। आपको इस तरह का कोई डर हैं तो आपके लिए कैल्शियम साइट्रेट का कैल्शियम टेबलेट लेना अच्छा रहेगा। 
 
type of calcium in hindi

कैल्शियम के फायदे (Benefits of Calcium in Hindi)

  • कैल्शियम शरीर में सामान मात्रा में होने से हड्डियाँ और दाँते दोनों मजबूत रहते हैं। 
  • शरीर में बराबर मात्रा में कैल्शियम होने से हड्डियों से जुडी बीमारियाँ नहीं होती हैं। 
  • शरीर में बराबर मात्रा में कैल्शियम होने पर ही शरीर के बाकी पोषक-तत्व ठीक से काम करते हैं। 
  • कहा यह भी जाता हैं कि, जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम बराबर मात्रा में होता हैं तो उनके बच्चे विकलांग पैदा नहीं होते हैं। 
  • शरीर में कैल्शियम सामान मात्रा में होने से कोलन कैंसर होने का खतरा कम हो जाता हैं। 
  • शरीर में कैल्शियम सामान मात्रा में होने बाल झड़ने की समस्या कम होती हैं। 
  • कैल्शियम की शरीर में सामान मात्रा में नहीं होने से थकान, नींद नहीं आना, तनाव और डिप्रेशन जैसे समस्या नहीं होती हैं। 
  • शरीर में सामान मात्रा में कैल्शियम होने से ब्लड-प्रेशर भी कण्ट्रोल रहता हैं। 

कैल्शियम के ओवरडोज़ से होने वाले नुकसान (Calcium Overdose Side Effects in Hindi)

ऐसे तो कैल्शियम अगर जरूरत भर लिया जाएँ तो कोई नुकसान नहीं होता हैं लेकिन इसकी जरूरत से मात्रा में लें लिया जाएँ तो, इसके कुछ नुकसान भी हैं। 
 
अगर आप कैल्शियम किसी भी प्रकार से लेते हैं, अगर रोज जरूरत के अनुसार अधिक लें लेते है तो, आपको कब्ज, गैस, एसिडिटी, उल्टी, पेट का ख़राब रहना, भूख न लगना, बार-बार शौचालय जाना और मसल्स में दर्द होने इन सारी समस्या का समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं, साथ-ही-साथ कैल्शियम के ओवरडोज़ (अधिकता) के कारण किडनी स्टोन की भी समस्या हो सकती हैं।

हमारे शरीर को कैल्शियम क्यों जरूरी पड़ता हैं?

कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी सुक्ष्म घटक हैं, इसके बिना हमारी जीवन की संरचना नहीं हो सकती हैं। शरीर में कैल्शियम की उपस्थिति में ही बाकी सारे पोषक-तत्व उपयोगी होते हैं। मतलब कि अगर आपको शरीर में विटामिन A, B, C, D, E और K का असर देखना हैं तो आपको पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम चाहिए। वैसे ही बाकि हमारे शरीर में जितने भी विटामिन और मिनिरल्स होते हैं, ये सारे पोषक-तत्व ठीक से काम करें उसके लिए आपके शरीर के लिए जरूरी मात्रा में कैल्शियम चाहिए। 

कैल्शियम और विटामिन D का संबंध:-

कैल्शियम और विटामिन D का एक दूसरे से संबंध हैं। अगर आप चाहते हैं कि कैल्शियम आपके शरीर में अच्छे से वृद्धि हो और ठीक से काम करें तो आपके शरीर में विटामिन-D भी अच्छे मात्रा में होना जरूरी हैं और विटामिन-D आपको धूप से मिलता हैं। विटामिन-D के लिए सुबह के धूप में कम-से-कम 30 से 40 मिनट जरूर बैठे। 
 
विटामिन-D का अवशोषण त्वचा के रंग पर निर्भर करता हैं। जिन लोगों का त्वचा का रंग काला होता हैं, उन लोगों में और विटामिन-D कम होने की संभावना हो सकती हैं, क्योंकि त्वचा में जो मेलेनिन तत्व हैं वह विटामिन-D बनने से रोकता हैं और गोरे लोगों में विटामिन-D आसानी से बन जाता हैं। अगर आपका रंग काला हैं तो आपको विटामिन-D की आवश्यता ज्यादा हैं।

प्रेग्नेंसी में कैल्शियम की कमी कैसे दूर करें?

किसी भी महिला को गर्वावस्था में कैल्शियम की जरूरत बढ़ जाती हैं। कैल्शियम बच्चे के विकास के साथ-साथ, उनके हड्डियों और मसल्स को मजबूत बनाता हैं। पहले 3 महीने के बाद डेलिवरी होने के 6 बाद तक लेना चाहिए। गर्भवती महिला को कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए ताकि बच्चे का विकास अच्छे से हो सके। 
 
गर्भवती महिला कैल्शियम की पूर्ति खाने में दूध और दूध से बनी चीजों का अधिक सेवन करें। दूध कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं। गर्भवती महिला को रोज कम-से-कम 500 ग्राम दूध पीना चाहिए। सुबह 250 ग्राम और शाम को 250 ग्राम लेना चाहिए। दही में भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। 
 
सब्जी में हरे-पत्तेदार सब्जियाँ जैसे:- पालक, बंध-गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली और मूली इत्यादि। फलों में खट्टे फल कैल्शियम का अच्छा हैं जैसे:- आंवला, संतरा, मौश्स्मी, कीवी और केला इत्यादि। ड्राई फुट में बादाम, अंजीर और किशमिस कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। दालों में सारे दाल में कुछ-न-कुछ कैल्शियम पाया जाता हैं। जैसे:- रागी, राजमा, मोट की दाल और सोयाबीन इत्यादि।

FAQ (कैल्शियम से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और जबाब)

Q. कैल्शियम के लिए क्या खाना चाहिए?
Ans:- सब्जी में हरे-पत्तेदार सब्जियाँ जैसे:- पालक, बंध-गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली और मूली इत्यादि। फलों में खट्टे फल कैल्शियम का अच्छा हैं जैसे:- आंवला, संतरा, मौश्स्मी, कीवी और केला इत्यादि। ड्राई फुट में बादाम, अंजीर और किशमिस कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। दालों में सारे दाल में कुछ-न-कुछ कैल्शियम पाया जाता हैं। जैसे:- रागी, राजमा, मोट की दाल और सोयाबीन इत्यादि। चूना में भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। चूना अंतिम विकल्प हैं। 
 
Q. कैल्शियम की कमी से शरीर में होता हैं?
Ans:- शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द कैल्शियम की कमी से होता हैं। हड्डियाँ, दातें और मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं। कैल्सियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस रोग होते हैं। कैल्शियम की कमी से कोलोन कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं और शरीर में कैल्शियम की कमी होने से थकान, नींद नहीं आना, डिप्रेशन, बाल झड़ना और रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कम जोर जाती हैं। 
 
Q. कैल्शियम की गोली कब खानी चाहिए?
Ans:- कैल्सियम मुख्यत: दो प्रकार का होता हैं। कैल्शियम कार्बोनेट और कैल्सियम साइट्रेट अगर आप कैल्शियम कार्बोनेट का गोली लें रहें हैं तो, आप इसे खाने के बाद ही लें और अगर आप कैल्शियम साइट्रेट की गोली लें रहें हैं तो, आप इसे कभी भी लें सकते हैं। 
 
Q. गर्भवती महिला को कैल्शियम की टेबलेट कब और कितने दिनों तक लेनी चाहिए?
Ans:- गर्भवती महिला को 3 महीने के बाद से लेकर बच्चे होने के 6 महीने बाद तक लेनी चाहिए।
 
Q. बच्चों में कैल्शियम की कमी से कौन-सा रोग होता हैं?
Ans:- कैल्शियम की कमी से बच्चों ने रिकिट्स नाम का रोग होता हैं। 
 
Q. कैल्शियम के स्रोत क्या हैं?
Ans:- कैल्शियम के स्रोत में जितने भी हरे पत्तेदार साग-सब्जी हैं, वे सारे कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं। फलो में जितने भी खट्टे फल हैं और केला , वे सारे कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। दूध और दूध से बनी चीजों में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। दालों में रागी, मोट की दाल, राजमा और सोयाबीन कैल्शियम का अच्छे स्रोत हैं।
 
Q. कैल्शियम की कमी किससे होता हैं?
Ans:- अगर आप कैल्शियम युक्त भोजन का सेवन नहीं करते हैं तो उससे भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं और अगर आपके शरीर में विटामिन-D की कमी हैं तो उससे भी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती हैं क्योंकि विटामिन-D का संबंध सीधे कैल्शियम से हैं तो विटामिन-D के लिए रोज 20-25 मिनट धूप में जरूर बैठे। 
 
Q. सबसे ज्यादा कैल्शियम कौन-से फल में होता हैं?
Ans:- फलों में सबसे फल मौस्स्मी, निम्बू, कीवी, संतर, अनानास, आंवला, जायफल और केला में होता हैं और अगर ड्राई फ्रूट की बात करें तो बादाम, अंजीर, खजूर और किशमिस में होता हैं। 
 
 
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