मक्का का परिचय:-
इस पोस्ट में हम आपको बता रहें कि मकई के भुट्टा उनके बाल और पॉप कॉर्न खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं। (Corn Benefits and Side Effects in Hindi) मकई का भुट्टा भी एक स्वस्थ भोजन के रूप में जाना जाता हैं। इसमें कई ऐसे विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता हैं जो, कई बिमारियों से बचाने में मदद करता हैं। मकई को कई तरह से खाते हैं लेकिन इनका ज्यादा फायदा सर्दियों और बारिस के दिनों में आग में पका कर भुट्टा के रूप में खाते हैं और मक्का को उबाल कर भी खाने का फायदा लेते हैं। मक्का में विटामिन A, C, E, B3, B5, B6, और B9 पाया जाता हैं।

मक्का के साथ-साथ मक्का के बालों के भी अनेक लाभ हैं। मकई मोटे अनाज की गिनती आती हैं। कोमल मकई जिसे हम आग में सेक खाते है, उसकी तासीर ठंडी होती हैं, बाद में सूखने और पकने के बाद इसकी थोड़ी तासीर गर्म हो जाती हैं। मक्का प्रोटीन का एक अच्छा श्रोत हैं।
मक्का का मेडिकल नाम जी मेज़ (Zea Mays ) हैं और अंग्रेजी में कॉर्न और मेज़ कहते हैं। हरे और बड़े मकई का पत्ता और डंठल दोनों पशुओं का चारा के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। मकई पकने के बाद उनके डंठल, गुठली और छिलका सारे जलावन के रूप में उपयोग किया जाता हैं। मकई का उपयोग कई खाने वाले पैकिंग फ़ास्ट-फ़ूड को बनाने में किया जाता हैं। मकई का तेल भी निकाला जाता हैं।
मक्का कई प्रकार के होते हैं। हमलोग ज्यादातर लाल, पीला और सफेद वाला देखते हैं। यह देखने में लम्बा, छोटा और गोल भी होता हैं। यह स्वाद में रसेला और मीठापन होता हैं। किसी मकई का स्वाद कुछ ज्याद मीठा हैं, जिसे हम स्वीट कॉर्न कहते हैं। मक्का रूखापन अनाज होता हैं इसलिए इसे किसी मक्खन या किसी दूसरे चीज से खाना चाहिए। मक्का को फल माना जाता हैं। मक्का के पेड़ की लम्बाई 5 से 8 फुट तक होती हैं।
मक्का का इतिहास (History of Corn)
मक्का को लगभग 10,000 साल पहले दक्षिणी मैक्सिको में वहाँ के लोगों के द्वारा पहली बार फसल के रूप में उगाया गया। मक्का की खेती पूरी दुनिया में की जाती हैं। देश में मक्का की खेती सबसे ज्यादा अमेरिका में की जाती हैं, दूसरे में चीन और भारत मक्के के उत्पादन सातवाँ स्थान में आता हैं। भारत में बिहार, आंध्र-प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर-प्रदेश इन राज्यों में मक्के की खेती अधिक मात्रा में किया जाता हैं।
मकई (मक्का) के भिन्न-भिन्न प्रकार (Different types of Maize)
मकई के स्वाद और रंग के अनुसार अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं। यह नाम इस प्रकार हैं।
पॉप कॉर्न- नाम से पता चलता होगा कि, इसका इस्तेमाल पॉप कॉन बनाने में किया जाता होगा। यह कॉर्न गर्म करने पर फैलने और फूलते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल पॉप कॉन बनाने में किया जाता हैं।
स्वीट कॉर्न- इस कॉर्न मीठा की श्रेणी में आती हैं। यह कॉन बाज़ार और दुकानों में ज्यादा मिलते हैं।
व्हाइट कॉर्न- यह देखने में सफेद होता हैं। इसका इस्तेमाल फ़ास्ट-फ़ूड और चिप्स बनाने में किया जाता हैं।
हाई एमाइलोज़ कॉर्न- इस प्रकार के कॉर्न में स्टार्च की मात्रा होती हैं। इसका इस्तेमाल कपड़े और धागे बनाने में किया जाता हैं।
रेड कॉर्न- इस प्रकार के मक्का में अखरोट जैसा स्वाद होता हैं। इसका भी स्वाद मीठा होता हैं।
ओर्नामेंटल कॉर्न- इस प्रकार का मक्का भारतीय श्रेणी में आता हैं, जो अलग-अगल रंग-रूप में देखने को मिलता हैं।
ब्लू कॉर्न- इसका उपयोग पैकिंग खाने वाले सामान को बनाने में किया जाता हैं, खासकर चिप्स और कुरकुरे।
येलो डेंट कॉर्न- इस मक्का का प्रयोग इथेनॉल बनाने में किया जाता हैं, जो एक प्रकार का अल्कोहल हैं, इसे पेट्रोल में मिलाया जाता हैं। उसके बाद यही पेट्रोल गाड़ियों में इस्तेमाल किया जाता हैं।
मक्का के अलग-अलग भाषाओं में नाम
हिंदी नाम- मकई, मक्का और भुट्टा
अँगेजी- कॉर्न और मेज़
ओड़िआ- मक्का और बूटा
संस्कृत- मकाय, कांडज, शिखालू और महाकाय
उर्दू- मक्का और जावरी
उत्तराखंड में- भुट्टा और मूंगरी
गुजराती- मकई और मक्करी
कोंकणी- मैओ
कन्नड़- मुश्रकोजोला और मेक्केजोल
तमिल- चोलम और मक्का
तेलगू- मक्का और जोन्नालू
बंगाली- भूटिया और जनर
नेपाली- मकेई
मराठी- बूटी और मक्का
पंजाबी- मक्की
मलयालम- चोलम
मणिपुरी- चूजाक
पर्शियन- बाजरी
अरबी- खालवान
मकई में पायें जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in Corn)
100 ग्राम सॉफ्ट या उबला मकई के पोषक तत्व:-
- कैलरीज- 125 (कोमल और सॉफ्ट मकई)
- कैलरीज- 345 (पकने और सूखने के बाद)
- कार्बोहायड्रेट- 24 (कोमल और सॉफ्ट मकई)
- कार्बोहायड्रे