आज हम आपको इस आर्टिकल में बता रहें कि, हस्तमैथुन के लाभ और हानियाँ। कोई इंसान सेक्स की जरूरत दो तरीके से पूरा करता हैं। पहला अपना पत्नी या गर्ल फ्रेंड के साथ शारीरिक संबंध रखकर, दूसरा हस्तमैथुन करके।
वह क्रिया जिसमे इंसान अपने आप से सेक्स की जरूरत पूरा करना हस्तमैथुन कहलाता हैं। जिसमें हम हाथों के जरिये लिंग को ऊपर-नीचे घर्षण करते हैं, जिसमें हमें सेक्स का आनंद मिलता हैं और कुछ समय बाद लिंग से वीर्य बाहर निकलता हैं। कुछ लोग हस्तमैथुन लिंग को बेड और तकिये में रफ करके भी करते हैं। खोजकर्ता के अनुसार 95% पुरुष और 88% महिला कभी-ना-कभी हस्तमैथुन जरूर करती हैं। खोजकर्ताओं का यह भी कहना हैं कि, 70% शादी-सुदा लोग भी हस्तमैथुन करते हैं।
हस्तमैथुन करना सही या गलत
लोगों का अक्सर कहना हैं कि, हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए, इससे बहुत तरह की कमजोरी आती हैं। इससे आपका सेक्स जीवन ख़राब हो जायगा, आप अपने पत्नी को सेक्स के प्रति संतुष्ट नहीं कर पाएगें और आपका शादी-सुदा जीवन खराब हो जायगा। लोगों का यह भी कहना हैं कि, इससे वीर्य पतला होता हैं, शीघ्रपतन, हड्डियों से आवाज आना और आँखों की रौशनी कम होती हैं।
मेडिकल साइंस का कहना हैं कि, हस्तमैथुन से इनमे से किसी तरह का समस्या नहीं होती हैं। अक्सर शादी से पहले सभी लोग हस्तमैथुन करते हैं और इसको करने में कोई बुराई नहीं हैं। दोस्तों 12 से 14 वर्ष के अन्दर हमारे शरीर में सेक्स हार्मोन के साथ-साथ कई और हार्मोन का विकास होता हैं और बहुत सारे हार्मोन में बदलाव होता हैं। दाढ़ी, मूँछ और पैर-हाथों में बाल आना, इन हार्मोन का पहचान हैं।
इन हार्मोन में बदलाव के कारण, हमारे अन्दर विपरीत लिंग (Gender) के प्रति आकर्षण पैदा होता हैं। लड़के का मन करता हैं कि, लड़की से बात करें और लड़की का मन करता हैं कि, लड़के से बात करें और इस विपरीत लिंग (Gender) से आकर्षित होने के कारण, हमारे मन में सेक्स करने का विचार आता हैं, इसी सेक्स विचार के कारण, लोग हस्तमैथुन करते हैं और वीर्य को शरीर से बाहर निकालता हैं इसमें कोई बुराइयाँ नहीं हैं। यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया हैं और यह शरीर का एक अंग हैं।
हमारे शरीर में प्रतिदिन वीर्य बनता हैं। हमारे शरीर के अन्दर कोई ऐसा स्टोर करने वाला नहीं होता, जिसके जरीये वीर्य हम जमा करके रख सकें। जिस तरह एक पानी का टंकी पानी भरने के बाद, अगर पानी बाहर नहीं निकाला जाएँ तो, पानी अपने आप बाहर निकल जाता हैं, उसी प्रकार अगर हस्तमैथुन नहीं किया जाएँ तो, वीर्य भी अपने आप बाहर निकलता हैं।
वीर्य अपने आप रात को सोते समय या पेशाब करते समय पेशाब के साथ निकलता हैं। जिसे हम स्वप्नदोष और धात-रोग कहते हैं। अगर जमा वीर्य को हस्तमैथुन द्वारा बाहर नहीं निकाला जाएँ तो, वह फोरस्टेड में जाकर इंफेक्शन करता हैं। वीर्य गति को कभी नहीं रोकना चाहिए। लोग अक्सर करते हैं, जिस समय वीर्य बाहर नहीं रहा हो, उस समय वीर्य को कभी नहीं रोकना चाहिए। ऐसा करने आगे चलकर समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं।
आयुर्वेद हस्तमैथुन के बारे में क्या कहता हैं
आयुर्वेद के अनुसार जब हम कुछ खाते हैं तो, वह सात रास्ते होकर गुजरता हैं। रस (Chyle), रक्त (Blood), मनसा (Flesh), मेदा (Fattty Tissue), अस्थी (Bone), मज्जा (Bone Marrow), शुक्र (Semen) ये सात धातु हैं। इन्हें सप्त धातु भी कहा जाता हैं। यह पूरा प्रक्रिया में लगभग होने में 35 दिन लगता हैं। शुक्र धातु ही मर्दो में वीर्य के रूप में जाना जाता हैं और इसी को लड़कियों में रज का नाम दिया गया हैं।
आयुर्वेद का कहना हैं कि, शुक्र धातु बचपन से ही हमारे हर एक सैल में पायी जाती हैं, ओजस के रूप में, जहाँ शुक्र धातु सेक्स द्वारा एक नई जीवन देने का क्षमता रखता हैं। शुक्र धातु शरीर कोशिकाओं में पाएँ जाने के कारण, यह सेक्स के प्रति आकर्षित, सुंदरता, जोश, एनर्जी, खुशी और अच्छी स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता हैं। इसलिए आयुर्वेद के अनुसार शुक्र धातु का क्षय होना सबसे बड़ा नुकसान माना गया हैं।
आयुर्वेद का कहना हैं कि, हम अगर 32 किलोग्राम (Kg) खाना खाते हैं तो, उसमें 700 ग्राम खून बनता हैं और उसमें मात्र 15 ग्राम वीर्य बनता हैं। जब हम एक बार हस्तमैथुन करते हैं तो, लगभग 20 ग्राम वीर्य बाहर निकल जाता हैं। यह वीर्य इतना पॉवरफुल होता हैं कि, सिर्फ एक स्वस्थ शुक्राणु नए जीवन को जन्म दे देता हैं।
आयुर्वेद के अनुसार अगर हम वीर्य को अपने शरीर के अन्दर नियंत्रण करके रखते हैं तो, यह सेक्स ऊर्जा में बदलकर ओजस के रूप में ऊपर उठने लगती हैं। जिससे शरीर की मजबूती बढ़ती हैं और शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहते हैं। वहीं शुक्र धातु को थोड़े से मजा के लिए हस्तमैथुन द्वारा बाहर निकालने पर शरीर की ऊर्जा घटती हैं, कमजोरी, थकान महसूस होती हैं, स्किन में चमक कम होती हैं और एंग्जायटी, डिप्रेशन का शिकार होने लगता हैं।
जब मेडिकल साइंस ने लैब में वीर्य की जाँच किया तो, पाया गया कि वीर्य में 90% पानी और 10% ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं जो सीधे दिमाग से जुड़े कोशिकाओं में काम आता हैं। भारत के धरती में कई ऐसे संत-महात्मा हैं जो, वीर्य को बचाकर रखने पर कई अद्धभूत फायदा बताएँ हैं।
पुरे विश्व की बात करें तो, कई ऐसे महापुरुष हैं जैसे:- स्वामी विवेकानंद, श्री रामकृष्ण परमहंस, स्टीव जॉब्स, माइकल एलेन्जो, नेपोलियन हिल, स्वामी शिवनन्दा, प्लेटो जैसे महोपुरुषों ने वीर्य को बचाकर रखने का महसूस किया हैं। संतों का यह भी कहना हैं कि, हस्तमैथुन से कम नुकसान हैं, अगर वीर्य स्वप्नदोष के रूप में वीर्य बाहर निकलता हैं। आयुर्वेद का माने तो, हस्तमैथुन जितना कम किया जाएँ, उतना ही अच्छा हैं।
हस्तमैथुन किसें नुकसान करती हैं?
अगर हम कोई काम करते हैं, अगर हमको लगता हैं कि, हम कुछ गलत कर रहें हैं तो, हमारे शरीर पर भी उसी तरह का प्रभाव पढ़ता हैं। हमलोग हस्तमैथुन करना भी चाहते हैं और हस्तमैथुन लेकर कई प्रकार का डर भी रहता हैं, इस डर के कारण हमें कमजोरी, दिल धड़कना, चक्कर आना, कमर घुठनों में दर्द, पाचन संबंधित समस्या, गैस, कब्ज और मुँह, गले सूखने जैसी समस्या होती हैं। क्योंकि दिमाग का संपर्क सीधे पेट से हैं। हस्तमैथुन हमारे शरीर का एक सामान्य प्रक्रिया हैं। अगर लिमिट में कि